कोरोना वायरस के आम लक्षणों में बुखार, सांस की तकलीफ और गले में खराश होना शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने कोरोना के लक्षणों के संभावित क्रम का पता लगा लिया है। यह अध्ययन फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के मरीजों में सबसे पहला संभावित लक्षण बुखार, दूसरा लक्षण खांसी, तीसरा लक्षण मांसपेशियों में दर्द और चौथा लक्षण मतली या उल्टी होना है।
प्रमुख शोधकर्ता जोसफ लार्सन ने कहा, 'लक्षण नजर आने का क्रम मायने रखता है। हर बीमारी अलग तरीके से आगे बढ़ती है और इसका मतलब है कि चिकित्सक जल्द यह पता लगा सकते हैं कि कोई व्यक्ति कोविड-19 से पीड़ित है या फिर उसे कोई अन्य रोग है।
इससे वह उपचार संबंधी बेहतर फैसले ले सकते हैं। उनका यह भी मानना है कि लक्षणों का पता चलते ही अगर समय पर इलाज शुरू हो जाए तो बीमारी पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।
कोरोना के लक्षण मतली या उल्टी से राहत पाने के घरेलू उपाय
नींबू पानी इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ लें। इसमें चीनी और नमक मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद पीते रहें। अगर आप पानी उबालकर ठंडा करके पिएंगे तो यह फायदेमंद रहेगा। उल्टी रोकने और शरीर में पानी की कमी ना होने देने का यह तरीका सबसे सस्ता है। इसको आप किसी भी वक्त कर सकते हैं। इससे आपकी उल्टी रुक जाएगी।
प्याजप्याज भी उल्टी को रोकने में बहुत मदद करता है। एक चम्मच प्याज का रस लें। इसमें एक चम्मच अदरक पीसकर मिला लें। इसका प्रयोग थोड़ी-थोड़ी देर बाद करते रहें। यह भी उल्टी को रोकने में बहुत सहायक हैं। प्याज और धनिया का रस मिलाकर पिलाने से उल्टी तुरंत बंद हो जाती है, और जी मिचलाना भी कम हो जाता है।
काली मिर्चअगर जी मिचला रहा है, या उल्टी आ रही है, तो चार दाने काली मिर्च लेकर चूसें। उल्टी में आराम मिलता है। 5-6 काली मिर्च लेकर करेले के पत्ते के रस में मिला लें। इसे पीने से भी उल्टी बंद हो जाती है।
अदरकअदरक न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। अदरक में मौजूद एंटी-एमेटिक गुण यानी उल्टी ठीक करने के गुण मौजूद होते हैं। आप चाहें तो अदरक की चाय में शहद डालकर भी पी सकते हैं।
सौंफखाना खाने के बाद सौंफ खाने का चलन लगभग हर भारतीय घर में है। सौंफ पाचन शक्ति में सुधार करता है और पेट की समस्या से राहत दिलाने का काम कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-एमेटिक गुण उल्टी और मतली जैसी समस्या से भी राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। भोजन करने के बाद आप थोड़ी सौंफ का सेवन सीधे कर सकते हैं।
नमक और चीनी की घोल कभी-कभी शरीर में सोडियम, पोटैशियम जैसे लवणों का स्तर असंतुलित हो जाने के कारण भी उल्टी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस स्थिति में नमक और चीनी के घोल का सेवन करने से शरीर की क्रिया सामान्य हो जाती है। नमक और पानी का घोल इलेक्ट्रॉल का काम करता है और उल्टी रोकने में मदद करता है।
संतरे का रसशरीर में मिनरल्स , विटामिन और पोषक तत्वों की कमी हो जाने पर मितली आने लगती है। इस स्थिति में ताजे संतरे के जूस का सेवन करने से उल्टी की समस्या दूर हो जाती है। संतरे का रस ब्लड प्रेशर के स्तर को भी सामान्य रखता है और मिचली को रोकता है।
बेकिंग सोडा यह उल्टी के दौरान बढ़े हुए पेट और मुंह के अम्ल को निष्क्रिय कर देता है और उल्टी में राहत प्रदान करता है। एक गिलास पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर पीने से मिचली दूर हो जाती है। इसके अलावा यह उल्टी के बाद मुंह के स्वाद को ठीक करने में भी मदद करता है।
दालचीनी पेट को शांत रखने और पाचन क्रिया खराब होने के कारण उल्टी या मितली को दूर करने के लिए दालचीनी का सेवन एक सर्वात्तम उपाय है। एक कप उबलते पानी में एक चम्मच दालचीनी पावडर डालकर कुछ देर उबालें और इस पानी को छानकर हल्का ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाकर पी लें, उल्टी की समस्या दूर हो जाएगी।
जीरा कई बार पेट की समस्या होने से भी मतली और उल्टी की समस्या होने लगती है। ऐसे में जीरा पेट और पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लिए भी जीरा लाभकारी हो सकता है। इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, एक प्रकार की पेट की समस्या जिसमें पेट में दर्द, जी मिचलाने जैसी परेशानियां होने लगती हैं। हालांकि ये उल्टी में कितना असरदार हो सकता है उसका अभी तक ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन मतली जैसी समस्या में असरदार हो सकता है।