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क्या आयुर्वेद और योग से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है ? IMA ने स्वास्थ्य मंत्रालय से मांगे सबूत

By उस्मान | Updated: October 9, 2020 09:50 IST

आयुष मंत्रालय ने प्रोटोकॉल में आयुर्वेद और योगासन को कोरोना के हल्के लक्षणों के इलाज के लिए बेहतर विकल्प बताया था

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ठळक मुद्देआयुष मंत्रालय का दावा आयुर्वेद और योगासन कोरोना के हल्के लक्षणों के इलाज के लिए बेहतर विकल्पआईएमए ने मांगे कोरोना रोगियों पर किए गए इन दावों के बारे में संतोषजनक सबूतकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को उपरोक्त प्रोटोकॉल पर सफाई देनी चाहिए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से इस बात पर सबूत मांगे है कि आयुष और योग से कोरोना वायरस का इलाज कैसे हो सकता है। आयुष मंत्रालय ने हाल ही में कोरोना वायरस के इलाज को लेकर प्रोटोकॉल जारी किया है जिसमें आयुर्वेद और योगासन को कोरोना के हल्के लक्षणों के इलाज के लिए बेहतर विकल्प बताया। 

लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा है कि क्या उपरोक्त मानदंडों के आधार पर कोरोना रोगियों पर किए गए अध्ययनों से किए गए दावों के बारे में संतोषजनक सबूत हैं? यदि हां, तो क्या सबूत कमजोर या मध्यम या मजबूत हैं? उन्होंने कहा कि सबूत सार्वजनिक डोमेन में होना चाहिए और वैज्ञानिक जांच के लिए उपलब्ध होना चाहिए।  

आईएमए ने पूछा, 'क्या कोविड-19 एक हाइपरिम्यून स्टेटस है या इम्यून डेफिशियेंसी स्टेटस है?' 'क्या यह दावा करने से पहले मंत्रालय ने कोरोना की रोकथाम और उपचार के लिए किसी स्वयंसेवकों पर अध्ययन किया है? उनके कितने सहयोगियों ने अब तक इलाज किए जाने की सूचना दी है?

आईएमए ने मांग की है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को उपरोक्त प्रोटोकॉल पर सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसका मतलब है कि वह देश और मरीजों को गुमराह कर रहे हैं।

कोरोना के इलाज के लिए प्रोटोकॉल

देश में कोरोना से निपटने के लिए आयुर्वेदिक उपचारों का भी सहारा लिया जा रहा है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक नया प्रोटोकॉल जारी किया है।

इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कोरोना और सांस से जुड़ी समस्याओं के उपचार और रोकथाम के लिए उपायों में योग और अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को शामिल किया गया है। हर्षवर्धन ने कहा कि यह प्रोटोकॉल क्रोना वायरस से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 

कोरोना के इलाज के लिए अश्वगंधा, गुडूची और घाना वटी

प्रोटोकॉल में बताया गया है कि कोरोना जैसे वायरस से निपटने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इस प्रोटोकॉल में अश्वगंधा, गुडूची घाना वटी या च्यवनप्राश जैसी जड़ी बूटियों को शामिल किया गया है, जिनका कई रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।

आयुर्वेद में बेहद महत्व रखने वाली ये चीजें ऐसी औषधि हैं जिनमें शरीर के बेहतर कामकाज के लिए सभी गुण पाए जाते हैं। यह चीजें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने से लेकर, कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखने, तनाव दूर करने, पेट साफ रखने और याद्दाश्त को बेहतर बनाने का भी काम करती हैं। 

आयुष 64 भी है असरदार

कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए गुडूची घाना वाटी, गुदुची और पिप्पली या आयुष 64 के सेवन की सलाह दी गई है। बताया गया है कि गुडूची और पिप्पली और आयुष 64 टैबलेट हल्के कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों को दिए जा सकते हैं।

डाइट और एक्सरसाइज भी जरूरी

प्रोटोकॉल में इन दवाओं को लेने का तरीका भी बताया गया है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इन दवाओं के अलावा लोगों को बेहतर खानपान और जीवनशैली का भी ध्यान रखना होगा। 

योगासन से कोरोना में मिलेगा लाभ

प्रोटोकॉल में फाइब्रोसिस, थकान और मानसिक स्वास्थ्य जैसी फेफड़ों की जटिलताओं को रोकने और कोरोना की रोकथाम के लिए अश्वगंधा, च्यवनप्राश या रसायण चूर्ण के सेवन की सलाह भी दी गई है। 

इसके अलावा, श्वसन और हृदय की कार्यक्षमता में सुधार, तनाव और चिंता को कम करने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए, मंत्रालय ने कोविड-19 की प्राथमिक रोकथाम के लिए योग प्रोटोकॉल भी जारी किया है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)  

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