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COVID-19 third wave: एक्सपर्ट्स का दावा, बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है कोरोना की तीसरी लहर, जानिये 10 जरूरी बातें

By उस्मान | Updated: May 7, 2021 11:34 IST

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक होगी और इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी

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ठळक मुद्देएक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर के लिए अभी से तैयारी करनी होगी बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है जिस वजह से रोजाना नए मरीजों की संख्या का आंकड़ा चार लाख पार कर गया है। इतना ही नहीं, रोजाना मरने वालों की संख्या चार हजार के करीब पहुंच गई है।

अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं और मेडिकल सुविधाओं की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं। इस बीच विशेषज्ञों ने देश में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अधिक खतरनाक हो सकती है, खासकर बच्चों के लिए।

- वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक शेखर सी मांडे ने आगाह किया कि कोविड-19 संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है जो उसके गंभीर परिणाम होंगे। 

- केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी।  

- उच्चतम न्यायालय ने कहा कि देश को कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि हमें कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। हमें उसके लिए तैयार रहना होगा।  

- अदालत ने कहा है कि हम मानते हैं कि बड़ों की तुलना में बच्चों में बीमारी से उबरने की अधिक क्षमता है, लेकिन हमें यह भी विचार करना होगा कि वे स्वयं अस्पताल नहीं जाएंगे और यदि उनके माता-पिता उन्हें ले जाएंगे तो उनके लिए जोखिम उत्पन्न होगा।

- न्यायालय ने कहा कि एक केंद्रीकृत 'बफर स्टॉक' होना चाहिए ताकि जैसे ही किसी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो, वह तत्काल ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए संपर्क कर सके जिससे हजारों लोगों का जीवन बचाया जा सकता है और भय की स्थिति से बचा जा सकता है।  

- केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी तरह 'अपरिहार्य' है, हालांकि इसकी समय सीमा का पूर्वानुमान नही जताया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि देश जिस लंबी कोविड लहर का का सामना कर रहा है, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था। 

- नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि बदलते वायरस की प्रतिक्रिया समान रहती है। हमें कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाने की जरूरत है, जैसे मास्क लगाना, दूरी बनाना, स्वच्छता, गैर जरूरी मुलाकातें नहीं करना और घर में ही रहना। 

- सीएसआईआर ने भी कहा कि भारत अभी सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर है और ऐसे में लोगों को वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए। इसके अलावा लोगों को सामाजिक दूरी तथा हाथों की सफाई जैसे उपायों का भी पालन करते रहना चाहिए।  

- महाराष्ट्र में टीकाकरण की धीमी गति से राज्य में संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह चेतावनी जारी की। यह चेतावनी तब जारी की गई है जब महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण 18 से 44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू नहीं करने जा रही है। 

- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुंसधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ.शेखर मांडे ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता और यह लोगों को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा नहीं हो। उन्होंने कहा कि लोगों को स्व अनुशासन और स्व नियंत्रण का पालन करना होगा और बीमारी को हराने का रास्ता दिखाना होगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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