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COVID-19 prevention: वैज्ञानिकों ने बनाया नया नेजल स्प्रे, कोरोना वायरस को 24 घंटे तक नाक में नहीं घुसने देगा

By उस्मान | Updated: November 10, 2020 18:03 IST

एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस की वैक्सीन नहीं आने तक संक्रमण को रोकने का इससे बेहतर तरीका कुछ नहीं है

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ठळक मुद्देमनुष्यों के 3 डी मॉडल पर इसका परीक्षण किया गया यह कोविड-19 संक्रमण को सफलतापूर्वक रोक सकता हैयह कोरोना वायरस को सेल मेम्ब्रेन के साथ मिलने से रोकता है

कोरोना वायरस का प्रकोप किसी भी तरह थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिलहाल इसका कोई स्थायी इलाज टीका उपलब्ध नहीं हुआ है। लेकिन इस बीच कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक कोविड-19 नेजल स्प्रे बनाया है, वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। कोरोना का टीका उपलब्ध नहीं होने तक वायरस से बचाव के लिए इसे एक बेहतर खोज बताई जा रही है।

टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने नेजल स्प्रे की प्रभावकारिता जानने के लिए मनुष्यों के 3 डी मॉडल पर इसका परीक्षण किया और उन्होंने पाया कि यह कोविड-19 संक्रमण को सफलतापूर्वक रोक सकता है।

क्या है नेजल स्प्रे और कैसे काम करता है

नेजल स्प्रे में एक लिपिड और पेप्टाइड संयोजन होता है जो कोरोना वायरस को सेल मेम्ब्रेन के साथ मिलने से रोकता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रोटीन को एक विशेष आकार में बदलने से रोककर ऐसा करता है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस टीके को नाक के जरिये दिया जा सकता है। ऐसा मानना है कि नाक के जरिये टीका दिया जाने पर यह वायरस को तेजी से अटैक कर सकता है। 

नेजल स्प्रे तुरन्त काम करना शुरू कर देता है और पूरे 24 घंटे तक रहता है। सबसे बड़ी बात यह महंगा नहीं है और इसे रखने के लिए फ्रिज की भी जरूरत नहीं होती है।

फिलहाल का इसका परीक्षण 3 डी ह्यूमन मॉडल पर हुआ है लेकिन यह कितना प्रभावी रहेगा यह तभो पता चलेगा जब इसका इस्तेमाल मनुष्यों पर किया जाएगा। अगर इंसानों पर इसका परीक्षण सफल रहा तो यह निश्चित रूप से कोरोना को रोकने के लिए दुनिया से सामने एक बेहतर विकल्प होगा। 

शोधकर्ताओं ऐनी मोस्कोना और माटेओ पोरोटो के अनुसार, यह टीका उन क्षेत्रों में अंतर को पाटने में मदद कर सकता है जहां बड़े पैमाने पर टीकाकरण संभव नहीं है, जबकि उन क्षेत्रों के पूरक भी हैं जहां नियमित टीके आसानी से उपलब्ध हैं।

नेजल वैक्सीन क्या है (What is Nasal vaccine)

इस तरह के टीके में बजाय मुंह के नाक के जरिये खुराक दी जाती है। माना जाता है कि इससे खुराक श्वसन पथ में सही तरह जाती है। वैक्सीन को एक विशिष्ट नेजल स्प्रे के माध्यम से या एरोसोल वितरण के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है।

नेजल वैक्सीन कैसे काम करती है

वायरस आमतौर पर आपके शरीर में नाक के माध्यम से प्रवेश करता है। नाक का टीका आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को आपके रक्त में और आपकी नाक में प्रोटीन बनाने का कारण बनता है, जो आपको वायरस से लड़ने में मदद करता है। डॉक्टर एक छोटे सिरिंज के साथ आपकी नाक में वैक्सीन स्प्रे करेगा जिसमें कोई सुई नहीं है।

नेजल वैक्सीन कितनी प्रभावी है

नेजल वैक्सीन ने केवल कोरोना के खिलाफ रक्षा करती है, बल्कि यह इम्यूनिटी बढ़ाकर अन्य प्रकार के वायरस और रोगों के प्रसार को भी रोकती है जो मुख्य रूप से उन कोशिकाओं में होती है जो नाक और गले की रेखा बनाती हैं।

नेजल वैक्सीन म्यूकोसल  झिल्ली और ऊतक में मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करता है- जो व्यवस्थित रूप से और साथ ही फेफड़ों और आंतों जैसे अन्य साइटों में मौजूद म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान करता है। इसलिए यह घातक संक्रमण के खिलाफ अधिक सक्षम हो सकता है और हल्के लक्षणों को विकसित होने से भी रोक सकता है।

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