कोरोना वायरस के खिलाफ दुनियाभर में बेशक बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चल रहा है लेकिन अभी इसका खतरा कम नहीं हुआ है। चीन में एक बार फिर मामले बढ़ने के साथ यूरोपीय देशों में भी मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि यूरोप और मध्य एशिया के 53 देश आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर का सामना कर सकते हैं। कुछ देश पहले से ही डेल्टा जैसे घातक और तेजी से फैलने वाले संस्करण का सामना कर रहे हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के यूरोप प्रमुख हंस क्लूज ने कहा, 'हम महामारी के पुनरुत्थान के एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर हैं। यूरोप महामारी के केंद्र में वापस आ गया है, जहां हम एक साल पहले थे।
उन्होंने कहा कि मामलों की संख्या फिर से रिकॉर्ड स्तर पर शुरू हो रही है और इस क्षेत्र में संचरण की गति मध्य एशिया में पूर्व सोवियत गणराज्यों के रूप में पूर्व तक फैली हुई है जोकि गंभीर चिंता का विषय है।'
क्लूज ने कहा कि यूरोपीय देशों को कोरोना वायरस को और अधिक फैलने से रोकने के लिए और अधिक मेहनत करनी चाहिए क्योंकि मौतें और नए मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब अंतर यह है कि स्वास्थ्य अधिकारी वायरस के बारे में अधिक जानते हैं और इससे निपटने के लिए बेहतर उपकरण हैं। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में बचाव के उपायों पर काम नहीं होना और कम टीकाकरण की वजह से मामलों में उछाल देखी जा रही है।
डब्ल्यूएचओ यूरोप ने कहा है कि इस क्षेत्र में एक हफ्ते में लगभग 1.8 मिलियन नए मामले देखे गए जोकि पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि है और इसी अवधि में 24,000 मौतें या 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
क्लूज ने कहा कि 53 देशों में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर पिछले सप्ताह की तुलना में दोगुनी से अधिक है। क्लूज ने कहा कि अगर ऐसा होता रहा तो इस क्षेत्र में फरवरी तक 500,000 से मौतें हो सकती हैं।