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Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, सर्दियों में ज्यादा फैलेगा कोरोना, 6 फीट की दूरी पड़ेगी कम, जानिये बचने के 5 उपाय

By उस्मान | Updated: October 16, 2020 07:15 IST

सर्दियों में कोरोना वायरस से बचने के उपाय : एक्सपर्ट्स का मानना है कि ठंड के मौसम में कोरोना से बचने के लिए छह फीट की दूरी पर्याप्त नहीं है

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ठळक मुद्देसर्दियों में छह फीट के दूरी पर्याप्त नहींघरों में लंबे समय तक रह सकता है कोरोनासर्दियों में अच्छे मास्क पहनने एवं एयर फिल्टर के इस्तेमाल करें

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में 39,151,169 लोग संक्रमित हो गए हैं जिनमें से 1,102,418 लोगों की मौत हो गई है। सर्दियों के मौसम में कोरोना और ज्यादा भयंकर हो सकता है। यह दावा वैज्ञानिकों ने किया है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस फैलने का एक बड़ा कारण संक्रमित छोटे एयरोसोल कणों (हवा में मौजूद ठोस या वाष्प कण) के संपर्क में आना है, जबकि सर्दियों में संक्रमण फैलने का मुख्य कारण सांस छोड़ने, खांसने या छींकने के दौरान मुंह या नाक से निकली बूंदों के सीधे संपर्क में आना हो सकता है। 

सर्दियों में छह फीट के दूरी पर्याप्त नहीं

पत्रिका 'नैनो लैटर्स' में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बताया गया है। अध्ययन के अनुसार कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए इस समय सामाजिक दूरी के जिन दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है, वे अपर्याप्त हैं।

अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसी) सांता बारबरा की अनुसंधानकर्ता एवं अध्ययन की सह-लेखिका यानयिंग झु ने कहा, 'सीडीसी ने छह फुट की सामाजिक दूरी बनाए रखने की सिफारिश की है, लेकिन हमने पाया कि अधिकतर स्थितियों में सांस से निकली बूंदे छह फुट से अधिक दूरी तक जाती हैं।' 

घरों में लंबे समय तक रह सकता है कोरोना

विशेषज्ञों ने कहा कि घरों के भीतर ठंडे तापमान में वायरस अधिक समय तक संक्रामक रहता है। उन्होंने कहा कि वायरस 'विभिन्न वातावरण में कई मिनटों से लेकर एक दिन से अधिक समय तक संक्रामक रह सकता है।' 

सर्दियों में क्यों ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना?

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दूसरी ओर, गर्म या शुष्क स्थानों पर सांस के जरिए निकली छोटी बूंदें जल्द वाष्पीकृत हो जाती हैं जबकि जाड़ों में ऐसा नहीं होता। झाओ ने कहा कि गर्मियों में सांस से निकलने वाली बूंदों के बजाए एयरोसोल के जरिए संक्रमण अधिक फैलता है, जबकि सर्दियों में सांस से निकली बूंदे अधिक खतरनाक होती हैं।

स्वास्थ्य मंत्री का क्या कहना है

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी इस बात को माना है कि कोरोना वायरस सर्दियों में भयंकर हो सकता है। उन्होंने कहा कि सार्स-को-2 एक रेस्पिरेट्री वायरस है और ऐसे वायरस को ठंड के मौसम में बढ़ने के लिए जाना जाता है। रेस्पिरेट्री वायरस ठंड के मौसम और कम आर्द्रता की स्थिति में बेहतर तरीके से पनपते हैं। एक और तथ्य है जिसे ध्यान में रखना आवश्यक है। 

सर्दियों के दौरान, आवासीय आवासों में भीड़भाड़ होती है। इससे मामले बढ़ सकते हैं। इसलिए भारतीय संदर्भ में, यह मानना गलत नहीं होगा कि सर्दियों के मौसम में मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा सकती है।

सर्दियों में कोरोना से बचने के उपाय

कोरोना वायरस का टीका अभी नहीं आया है। हालांकि का टीकों का परीक्षण अंतिम चरण में है और उम्मीद की जा रही है कि अगले साल की शुरुआत में टीका बाजार में आ सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स फिलहाल नियमों का सख्ती से पालन करने की सलाह दे रहे हैं। 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए अलग-अलग अनुकूल कदम उठाने की आवश्यकता है। सर्दियों में अधिक सामाजिक दूरी बनाए रखने और गर्मियों में अच्छे मास्क पहनने एवं एयर फिल्टर के इस्तेमाल करें। 

नियमों का सख्ती से पालन करें

 

कोरोना से बचने के लिए तीन मंत्रों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसमें पहला पहला मास्क पहनना, दूसरा दो गज की दूरी और तीसरा हाथों को बार-बार साबुन से धोना शामिल है। 

कोरोना के खिलाफ जन आंदोलन का हिस्सा बनें

भारत में कोरोना के खिलाफ 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं'  अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट करना है।  इसके तहत 90 करोड़ लोगों को अभियान से जोड़कर जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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