देश में कोरोना से अब तक 1,36,200 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने की टीके की तैयारियों की समीक्षा, जानें 5 वैक्सीन का काम कहां तक पहुंचा
By उस्मान | Published: November 28, 2020 01:20 PM2020-11-28T13:20:49+5:302020-11-28T13:27:55+5:30
जानिये देश में किन पांच टीकों का विकास हो रहा है और किसका काम कहां पहुंचा है
देश में करोना संक्रमण के मामले 93.51 लाख के पार चले गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 87,59,969 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं तथा ठीक होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर बढ़कर 93.68 फीसदी हो गई।
आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण के कुल मामले 93,51,109 हैं जबकि 485 और संक्रमितों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,36,200 हो गई। कोरोना वायरस से संक्रमित 4,54,940 लोगों का इलाज चल रहा है।
इलाज करवा रहे मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 4.87 फीसदी है। कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की दर 1.46 फीसदी है। आईसीएमआर के मुताबिक 27 नवंबर तक 13.82 करोड़ नमूनों की जांच की जा चुकी है।
पुरानी बीमारियों से हुई ज्यादा मौत
देश में अब तक मौत के कुल 1,36,200 मामलों में सबसे ज्यादा 46,898 मौत महाराष्ट्र में हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं।
पीएम ने कोविड-19 के टीके की समीक्षा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के टीके के विकास कार्य की समीक्षा के लिए तीन शहरों का अपना दौरा शनिवार को आरंभ किया। वह सबसे पहले अहमदाबाद के निकट फार्मास्युटिकल कंपनी जाइडस कैडिला की उत्पादन इकाई में गए।
जाइडस कैडिला ने कोविड-19 के खिलाफ जाइकोव-डी नामक संभावित टीके का विकास किया है जिसके पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा हो चुका है और कंपनी ने अगस्त से दूसरे चरण का परीक्षण शुरू किया था। इसके बाद मोदी भारत बायोटेक और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा करेंगे।
भारत बायोटेक द्वारा विकसित संभावित टीके कोवैक्सिन का तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। एसआईआई) जाएंगे जिसने कोविड-19 टीके के लिए वैश्विक दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की है।
भारत में कोरोना वायरस के लिए पांच वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल दूसरे और तीसरे चरण में है। इनके सुरक्षा और प्रभाव के नतीजे पॉजिटिव हैं। चलिए जानते हैं ये वैक्सीन कौन-कौन सी हैं।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रजेनेका
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रजेनेका की वैक्सीन के लिए भारत का सीरम इंस्टिट्यूट और आईसीएमआर मिलाकर परीक्षण कर रहे हैं।
कोवैक्सीन
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रजेनेका मिलकर स्वदेसी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' बना रहे हैं जिसका तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। इसके दूसरे ट्रायल के रिजल्ट कभी भी आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन 60 फीसदी असरदार हो सकती है।
जाईकोव-डी
इस वैक्सीन को फार्मा कंपनी कैडिला हेल्थ बना रही है और इसके दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल हो चुका है। फिलहाल के इस ट्रायल के नतीजों का इंतजार है।
स्पूतनिक-वी
रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का भारत में ह्यूमन ट्रायल जारी है। इसे भारत में बनाने के लिए डॉक्टर रेड्डी लैब्स ने अनुबंध किया है।
ईज वैक्सीन
हैदराबाद की बायोलोजिकल ईज वैक्सीन का भी पहले और दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल भारत में जारी है और कभी भी इसके परिणाम आ सकते हैं।
25 करोड़ लोगों को जुलाई तक टीकाकरण
सरकार का अनुमान है कि अगर इन सभी वैक्सीन का काम समय तक पूरा हो जाता है तो देश में जुलाई तक करीब 25 करोड़ लोगों को पहले चरण में टीकाकरण दिया जा सकता है। सरकार 50 करोड़ वैक्सीन की खरीद का लक्ष्य लेकर चल रही है। यह वैक्सीन दो डोज वाले हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)