Coronavirus vaccine update: कोरोना वायरस की वैक्सीन का पहला बैच सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए जारी
By उस्मान | Published: September 8, 2020 09:38 AM2020-09-08T09:38:53+5:302020-09-08T09:47:35+5:30
कोरोना वायरस वैक्सीन : रूस की वैक्सीन को जल्द ही बाजार में उतारा जा सकता है
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) की पहली खेप सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए जारी कर दी है। इस वैक्सीन को 11 अगस्त को कोरोना के खिलाफ दुनिया के पहले टीके के रूप में पंजीकृत किया गया था।
इस वैक्सीन को गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले बैच ने आवश्यक गुणवत्ता पारित कर दी है।
इस बीच रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने घोषणा की है कि इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल इस सप्ताह शुरू होगा।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, मास्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने उम्मीद जताई कि रूसी राजधानी के अधिकांश निवासियों को कुछ महीनों के भीतर कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया जाएगा।
स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण भारत में इसी महीने होगा शुरू
इस बीच, रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के सीईओ, किरिल दिमित्रिक ने पुष्टि की कि स्पुतनिक वी वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण इस महीने भारत सहित देशों में शुरू होगा।
संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मैक्सिको, ब्राजील और भारत सहित कम से कम 20 देशों ने पंजीकरण के बाद वैक्सीन प्राप्त करने में अपनी रुचि व्यक्त की है।
रूसी कानून की कसौटी पर परखने के बाद मंजूरी
राष्ट्रपति ने इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की जो केवल दो महीने तक कुछ दर्जन लोगों पर परीक्षण के आधार पर मंजूरी देने पर सवाल उठा रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के पहले टीके को सरकार ने सख्त रूसी कानून की कसौटी पर परखने के बाद मंजूरी दी है और ये कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
रूस की वैक्सीन पर वैज्ञानिक प्रक्रिया का उल्लंघन का आरोप
पुतिन का दावा ऐसे समय आया है जब दुनिया भर के डॉक्टरों ने जल्दबाजी में टीके को मंजूरी देने और रूस द्वारा इसकी प्रभावकारिता के संबंध में आंकड़ों को साझा करने में असफल होने पर चिंता जताई है और इसे वैज्ञानिक प्रक्रिया का उल्लंघन करार दिया है।
पुतिन ने कहा कि उनकी एक बेटी को भी टीका दिया गया है और उसमें एंटीबॉडी विकसित हुए हैं एवं वह बेहतर है। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने इस दावे को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं दिए हैं।
संदेह में है टीका
दुनियाभर में अनेक वैज्ञानिक इस कदम को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं और तीसरे चरण के परीक्षण से पहले टीके का पंजीकरण करने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। किसी भी टीके का तीसरे चरण का परीक्षण आम तौर पर हजारों लोगों पर महीनों तक चलता है।
गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया टीका
बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को मॉस्को के गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है और इसे पंजीकरण के बाद जल्द ही सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुमति मिल सकती है।
तीसरे चरण का ट्रायल अभी बाकी
इस वैक्सीन ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण पूरा किया था और इसका दूसरा चरण 13 जुलाई को शुरू हुआ था। आमतौर पर किसी वैक्सीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए तब तक अनुमति नहीं मिलती है, जब तक वो मानव परीक्षणों के तीन चरणों को पूरा नहीं करती है। रूस के इस टीके का तीसरा चरण अभी बाकी है।
सितंबर में शुरू हो सकता है उत्पादन
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन का उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। जब तक परीक्षण पूरा नहीं हो जाता, तब तक यह टीका केवल स्वास्थ्य पेशेवरों को ही दिया जाएगा।
सफल रहे परिणाम
चेक-अप में सामने आया है कि वैक्सीन ने वालंटियर्स में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाया है। सबसे बड़ी बात कि वालंटियर्स के शरीर में इसका कोई दुष्प्रभाव या समस्या नहीं पाई गई है।
लोगों में विकसित हुई प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता
रूस ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल में जिन लोगों को यह वैक्सीन लगायी गयी, उन सभी में सार्स-सीओवी-2 के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता पायी गयी। यह ट्रायल 42 दिन पहले शुरू हुआ था। उस समय वॉलंटियर्स को मॉस्को के बुरदेंको सैन्य अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगायी गयी थी।
हर महीने होगा कई मिलियन डोज का निर्माण
बताया जा रहा है कि रूस अगले साल की शुरुआत तक प्रति माह कोरोना वायरस के कई मिलियन डोज का निर्माण करेगा।
नहीं दिखा कोई साइड इफेक्ट
जांच परिणाम की वैक्सीन की तारीफ हुई है। समीक्षा के परिणामों से यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि वैक्सीन लगने की वजह से लोगों के अंदर मजबूत रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया विकसित हुई है। कहा कि किसी भी वॉलंटियर में कोई भी नकारात्मक साइड इफेक्ट नहीं आयी।