लाइव न्यूज़ :

एम्स-दिल्ली में कोरोना की वैक्सीन 'Covaxin' का ह्यूमन ट्रायल शुरू, जानिये इस पहली स्वदेशी वैक्सीन के बारे में 10 जरूरी बातें

By उस्मान | Updated: July 20, 2020 15:24 IST

Coronavirus vaccine Covaxin human trial: देश की इस पहली दवा का 12 अलग-अलग संस्थानों में ह्यूमन ट्रायल होगा, कुछ में शुरू हो गया है

Open in App
ठळक मुद्दे17 जुलाई को, रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (PGI) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण शुरू हुआ कोवाक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने बनाया है दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए केवल 100 प्रतिभागियों का चयन करेगा

कोरोना वायरस का कोई पक्का इलाज नहीं है। फिलहाल मरीजों का दूसरी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के जरिये उपचार किया जा रहा है। कई देशों में अलग-अलग वैक्सीन और दवाओं पर ट्रायल जारी है। भारत में भी एक वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है। इस वैक्सीन का नाम कोवाक्सिन (Covaxin) है। इसे भारत की पहले देसी वैक्सीन बताया जा रहा है, जिसे भारत बायोटेक ने बनाया है। 

इस वैक्सीन का ट्रायल 12 अलग-अलग रिसर्च सेंटर में चल रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)-दिल्ली ने भी इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है। बताया जा रहा है कि एम्स इसका पहला और दूसरा चरण शुरू करने वाला है। चलिए जानते हैं देश का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान किस तरह से इस वैक्सीन का ट्रायल करेगा और भविष्य में कोरोना के इलाज के लिए यह वैक्सीन कितनी मदगार साबित हो सकती है। 

कोवाक्सिन: भारत की पहली Covid vaccine का ..." src="https://www.dainiksaveratimes.com/images/news/159522962378.jpg" />

1) एम्स (दिल्ली) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से हरी झंडी मिलने के बाद शुरू हुआ है। डीसीजीआई देश की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था है। इस वैक्सीन को हाल ही में इस संस्था से मंजूरी मिली थी। 

2) कोवाक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया है।

3) एम्स (दिल्ली) ने परीक्षण के लिए कुछ वालंटियर्स को पंजीकृत किया था। कोवाक्सिन का ह्यूमन ट्रायल होने से पहले वालंटियर्स का हेल्थ चेकअप होगा और यह देखा जाएगा कि वो इन परीक्षण के लिए कितने तैयार हैं।

4) ह्यूमन ट्रायल के लिए कुल 375 वालंटियर्स की लिस्ट बनी है जिनमें से एम्स (दिल्ली) पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए केवल 100 प्रतिभागियों का चयन करेगा। बाकी वालंटियर्स का अलग जगह पर परीक्षण होगा।

5) आईसीएमआर ने 12 संस्थानों को इस वैक्सीन के लिए चुना है 17 जुलाई को, रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (PGI) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण शुरू हुआ, जहां तीन स्वयंसेवकों को कोवाक्सिन दिया गया।

6) एम्स-पटना और कुछ अन्य स्थानों पर भी परीक्षण शुरू हो गए हैं। उत्तरी गोवा के पेरनेम तालुका में रेडकर अस्पताल में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। उत्तरी गोवा का यह निजी अस्पताल 12 संस्थानों में से एक है। 

7) गोवा के रेडकर अस्पताल में दस वालंटियर्स पर यह परीक्षण होगा। वालंटियर्स की रिपोर्ट उनकी पात्रता का पता लगाने के लिए दिल्ली भेजी गई है। 

8) भारत में कोवाक्सिन के अलावा DCGI ने फार्मा दिग्गज Zydus Cadila को Covid -19 वैक्सीन के लिए मनुष्यों पर चरण I / II नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी है।

9) कोवाक्सिन और ज़ाइडस कैडिला वैक्सीन को चूहों और खरगोशों में परीक्षण में सफलता के बाद मानव परीक्षणों के लिए मंजूरी मिली है। ये केवल दो स्वदेशी वैक्सीन हैं जो भारत में मानव परीक्षण चरण तक पहुंची हैं।

10) कंपनी भारत बायोटेक द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक रहे हैं और व्यापक सुरक्षा और प्रभावी इम्यून रेस्पोंस दिखाते हैं।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोवाक्सिनमेडिकल ट्रीटमेंटएम्सहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत