लाइव न्यूज़ :

टीकाकरण के पहले दिन यह जानना भी जरूरी, किसे लगा पहला टीका और कैसे करें आवेदन

By एसके गुप्ता | Updated: January 16, 2021 14:58 IST

coronavirus vaccine: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही इसके उपयोग की अनुमति दी गई है। 

Open in App
ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की तो देश में सबसे पहला टीका एम्स में सफाईकर्मी मनीष को लगा।नीति आयोग के सदस्य व कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन डा. वीके पॉल को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया गया। सबके जहन में यह चर्चा थी कि इन्हें कोविशील्ड या कोवाक्सीन कौन सी वैक्सीन लगाई गई है।

नई दिल्लीः कोरोना के खिलाफ देश में टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। सभी बड़े शहरों में हॉस्पिटल और वैक्सीनेशन सेंटर पर टीका लगाया जा रहा है। 

पहले स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की तो देश में सबसे पहला टीका एम्स में सफाईकर्मी मनीष को लगा।

इसके बाद एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया और नीति आयोग के सदस्य व कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन डा. वीके पॉल को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया गया। सबके जहन में यह चर्चा थी कि इन्हें कोविशील्ड या कोवाक्सीन कौन सी वैक्सीन लगाई गई है।

जिस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने टीके की शीशी उठाकर दिखाते हुए पुष्टि की कि कोवाक्सीन वैक्सीन लगाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले चरण का अभियान जून-जुलाई तक चलेगा। पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगेगी।

डा. हर्षवर्द्धन ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने टीकाकरण अभियान के लिए व्यापक तैयारी की है। कई बार इसका ट्रायल किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह सवाल था कि सबसे पहले किसे वैक्सीन लगेगी। इस बारे में सरकार का निर्णय बिल्कुल स्पष्ट था कि ऐसा वर्कर जो सबसे आगे बढ़कर अस्पतालों में निम्न श्रेणी का उच्च कार्य कर रहा है उसे पहले टीका दिया जाएगा।

जिसमें सफाई कर्मी, गार्ड, स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं। इसके बाद 50 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगेगी। उन्हें भी लगेगी जिनकी उम्र 50 से कम है, लेकिन जो किसी बीमारी से ग्रसित हैं। लोगों को 28 दिन के फासले पर वैक्सीन की दूसरी डोज लगेगी।

वैक्सीनेशन के बाद निगरानी कैसे होगी?

जिन्हें कोवैक्सीन लगेगी, उन्हें सहमति फॉर्म भरना होगा। जिन लोगों को कोविशील्ड लगेगी उन्हें यह फॉर्म नहीं भरना होगा। कोवैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति की स्थिति पर निगरानी रखी जाएगी। डॉक्टर हर दो दिन पर उन्हें फोन करके स्थिति के बारे में जानकारी लेंगे।

वैक्सीन कैसे और कहां लगवा सकते हैं?

अगर आप वैकसीन लगवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको को-विन एप के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अभी एप की लॉन्चिंग नहीं की गई है। हालांकि सरकार ने लोगों से इस नाम के फर्जी एप से सावधान रहने को कहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए आपके पास वोटर कार्ड, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड या पासपोर्ट सहित 12 में से एक पहचान पत्र होना जरूरी है।

वैक्सीन की कितनी डोज लगेंगी?  

एक व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगेंगी। पहली और दूसरी डोज के बीच करीब 28 दिन का अंतर होगा। कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही वैक्सीन की दो डोज लगेंगी। हालांकि आपके पास दोनों में से किसी एक वैक्सीन को चुनने का विकल्प नहीं है। वैक्सीन लगवानी है या नहीं यह फैसला आप पर छोड़ा गया है यानि इसे लगवाना अनिवार्य नहीं है। यह आपकी मर्जी पर निर्भर करता है। 

टॅग्स :कोविड-19 इंडियाकोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडियादिल्ली में कोरोनाएम्सवर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशनकोरोनावायरस वैक्सीन
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यरमेश ठाकुर का ब्लॉग: आधुनिक जीवनशैली से भी बढ़ रहे हैं नेत्र रोग

स्वास्थ्यतो हर साल बच सकती हैं 1.5 करोड़ जानें?, क्या आप सभी हैं तैयार, हमें करना होगा ये काम, लांसेट रिपोर्ट में अहम खुलासा

भारतVijay Malhotra Passes Away: BJP के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा का निधन, AIIMS में थे भर्ती; पीएम मोदी समेत नेताओं ने जताया शोक

स्वास्थ्यविश्व हृदय दिवसः ताकि दुरुस्त रहे हमारे हृदय की धड़कन, मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज

स्वास्थ्यकेरल में अलर्ट, 'मस्तिष्क भक्षी अमीबा' से 19 लोगों की मौत, जानें प्रकोप से जुड़ी 5 अहम बातें

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत