Coronavirus vaccine: बंदरों के बाद चूहों पर भी कामयाब रही मॉडर्ना वैक्सीन mRNA-1273, जानें कब आएगी बाजार में
By उस्मान | Published: August 6, 2020 05:35 PM2020-08-06T17:35:39+5:302020-08-06T17:39:44+5:30
Coronavirus vaccine: कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस अमेरिकी वैक्सीन का बड़े लेवल पर ट्रायल चल रहा है
अमेरिका की फार्मा कंपनी मॉडर्ना इंक (Moderna Inc) द्वारा विकसित वैक्सीन एमआरएनए-1273 (mRNA-1273) चूहों की सार्स कोव-2 संक्रमण से रक्षा करने में कामयाब रही। यही विषाणु कोविड-19 की वजह है। कुछ दिनों पहले इस वैक्सीन का बंदरों पर भी ट्रायल किया गया था जिसमें बेहतर परिणाम देखने को मिले थे।
मॉडर्ना वैक्सीन ने चूहों में एंटीबॉडीज पैदा की
पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार एमआरएनए-1273 नाम के टीके ने चूहों में विषाणु को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडीज उत्पन्न कर दीं। चूहों को एक माइक्रोग्राम के दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए गए थे। अतिरिक्त प्रयोग करने पर पाया गया कि चूहों को एमआरएनए-1273 का एक एमसीजी या 10 एमसीजी टीका देने पर फेफड़े को संक्रमण से सुरक्षा मिली। अध्ययन में पाया गया कि इस टीके ने चूहों में मजबूत सीडी8 टी-कोशिका प्रतिक्रिया भी पैदा की।
बंदरों में भी विकसित हुई एंटीबॉडी
आपको बता दें कि मॉडर्ना और अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिसीज के वैज्ञानिकोंद्वारा मिलकर तैयार इस टीके का हाल ही में बंदरों पर भी परीक्षण किया गया था।
बंदरों पर किए गए इस टीके के परीक्षण परिणाम 'न्यू इंग्लैण्ड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित हुए हैं। इस अनुसंधान में शामिल आठ बंदरों को तीन समूहों में बांटकर 10 या 100 माइक्रोग्राम के दो इंजेक्शन दिए गए। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीका मिलने के बाद बंदरों में सार्स-कोव-2 को नियंत्रित करने वाली एंटीबॉडी काफी संख्या में उत्पन्न हो गईं।
इस वैक्सीन का बड़ा मानव परीक्षण चल रहा है, जिसमें 30,000 लोग शामिल हैं। यह डेटा शोधकर्ताओं का उत्साह बढ़ाएगा। ट्रायल के तीसरे चरण में वैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षा की जांच की जाएगी। इसके बाद नवंबर या दिसंबर से वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है।
ह्यूमन ट्रायल में मिले पॉजिटिव रिजल्ट
हाल ही में मॉडर्ना इंक ने अपनी इस कोविड-19 वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया था। ट्रायल के दौरान सभी 45 वालंटियर्स में इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखे गए। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सूचना दी है कि यह वैक्सीन सेफ है। वैक्सीन ने वालंटियर्स में इम्यून रेस्पोंस के साथ प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोरोना से जंग के लिए एंटीबॉडी विकसित की है।
टीम ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में बताया है कि इस वैक्सीन का कोई कोई खास दुष्प्रभाव नहीं रहा जिसकी वजह से वैक्सीन के ट्रायल को रोक दिया जाए। इस परीक्षण में 45 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो स्वस्थ थे और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच थी। टीम को वैक्सीन की दो खुराकें मिलीं, जिनमें उच्च स्तर के वायरस-मारने वाले एंटीबॉडी थे जो कोविड-19 से बरामद किए गए लोगों में देखे गए औसत स्तर से अधिक थे।
एक महीने के अंतर पर दो खुराक दिया जाना जरूरी
इस टीके की एक महीने के अंतर पर दो खुराक दिया जाना जरूरी है। इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं हैं। टीका विशेषज्ञ और वांडेरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर से जुड़े डॉ विलियम शाफनर ने शुरुआती परिणामों को ‘एक अच्छा पहला कदम’ बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतिम परीक्षण ये जवाब देने में सक्षम होंगे कि यह वास्तव में सुरक्षित और कारगर है। दुनियाभर में कोविड-19 के करीब दो दर्जन टीकों पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है।