Coronavirus: 215 देशों की लिस्ट में 15वें स्थान पर पहुंचा भारत, चीन से बस एक कदम पीछे, इन 5 तरीकों से थमेगा वायरस
By उस्मान | Published: May 15, 2020 11:18 AM2020-05-15T11:18:09+5:302020-05-15T11:49:56+5:30
जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, भारत अगले दो-तीन दिनों में चीन से आगे निकल सकता है
भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और 215 देशों की लिस्ट में चीन से एक कदम नीचे 12वें स्थान पर पहुंच गया है। चीन इस लिस्ट में 82,933 मामलों के साथ 11वें स्थान पर है। वर्ल्ड ओ मीटर के अनुसार, अमेरिका 1,457,593 मामलों के साथ पहले स्थान पर है और स्पेन 272,646 के साथ दूसरे जबकि 252,245 मामलों के साथ रूस तीसरे स्थान पर है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 100 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 2,649 तक पहुंच गई है। वहीं बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से संक्रमण के 3,967 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद शुक्रवार को कुल संक्रमितों की संख्या 81,970 हो गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 51,401 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि अब तक 27,919 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज देश से बाहर जा चुका है। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से 100 लोगों की मौत हुई।
इनमें से सबसे ज्यादा 44 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, गुजरात में 20, दिल्ली में नौ, पश्चिम बंगाल में आठ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, राजस्थान में चार, तमिलनाडु और कर्नाटक में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हुई।
देश में अब तक इस वायरस की वजह से 2,649 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में अब तक 1,019, गुजरात में 586, मध्य प्रदेश में 237, पश्चिम बंगाल में 215, राजस्थान में 125, दिल्ली में 115, उत्तर प्रदेश में 88, तमिलनाडु में 66 और आंध्र प्रदेश में 48 लोगों की मौत हुई। कर्नाटक में 35 लोगों की मौत हो गई।
वहीं तेलंगाना में 34 और पंजाब में 32 लोगों की मौत हुई है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 11-11 तथा बिहार में सात और केरल में चार लोगों की मौत हुई। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार झारखंड, चंडीगढ़ और ओडिशा में कोविड-19 से तीन-तीन लोगों की मौत हुई।
देश में कोरोना वायरस को फैलने से अब कैसे रोका जा सकता है?
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने के अनुसार, दुनिया भर के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर कोविड-19 के 80 प्रतिशत मरीजों में इसके लक्षण या तो नहीं नजर आ रहे हैं, या फिर बहुत ही कम नजर आ रहे हैं। करीब 15 प्रतिशत मरीज गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और करीब पांच प्रतिशत की हालत बेहद नाजुक हो जाती है।
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बताया था कि दिल्ली में एक दिन में हुए 736 टेस्ट में से 186 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले और इनमें से किसी व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं थे। यानी किसी को भी बुखार, खासी, सांस की शिकायत नहीं थी। उनको पता ही नहीं था कि वो कोरोना लेकर घूम रहे हैं।
जाहिर है जब किसी रोगी में कोई लक्षण नहीं होगा, तो वो अपना टेस्ट भी नहीं कराएगा, तो पता ही नहीं चलेगा और ये कोरोना फैलाते चला जाएगा।
1) इस स्थिति से निपटने का एक तरीका यह है कि जो भी आदमी बाहर जाता है, उसे टेस्ट कराना चाहिए। जैसे ही अन्य लोगों को पता चलता है कि वो उनके संपर्क में आने वाला वो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है, तो उन्हें भी आगे आकर टेस्ट कराना चाहिए।
2) इस स्थिति को रोकने का दूसरा तरीका रैपिड टेस्टिंग और पूल टेस्टिंग भी है। रैपिड टेस्ट का रिजल्ट 15 मिनट में मिल जाता है और इसी तरह पूल टेस्टिंग में एक बार में कई लोगों का टेस्ट किया जा सकता है। लेकिन लोगों को भी खुद का ख्याल ख्याल रखने की जरूरत है।
3) केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, जो लोग हॉटस्पॉट इलाकों में रह रहे हैं और बुज़ुर्ग हैं, हाई रिस्क में हैं, उन्हें अपने टेस्ट कराने चाहिए।
4) ऐसे लोग जो बिना लक्षणों के कोरोना की चपेट में हैं लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव लोगों के सम्पर्क में आए हैं, उन्हें खुद को आइसोलेट करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।
5) सचाई यही है कि ऐसे लोग संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा जरिया बन सकते हैं। इसलिए लक्षण आए या नहीं आए, सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखें, बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें।
स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने उठाये ये कदम
- कोविड-19 के प्रसार को रोकने की अपनी संशोधित रणनीति के तहत सरकार ने हॉटस्पॉट और क्लस्टर क्षेत्रों (संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों) में बुखार, खांसी और गले के संक्रमण का सामना कर रहे लोगों की जांच करनी शुरू कर दी है।
- अस्पताल में भर्ती हर उस व्यक्ति की जांच की जा रही है जिन्हें श्वसन संबंधी बीमारी है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, बुखार या जुकाम है।
- संक्रमित व्यक्ति के प्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले लोगों की भी पांचवें से 14वें दिन के बीच जांच की जा रही है।
- ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जा रही है जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन उसने विदेश यात्रा की है, किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है या फिर वह स्वास्थ्यकर्मी है।
समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ