कोरोना वायरस का प्रकोप थमने के नाम नहीं ले रहा है और रोजाना कई हजार मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना से मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। कोरोना का कोई स्थायी इलाज नहीं है। फिलहाल मरीजों को अन्य रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं दी जा रही हैं। इस बीच रूस के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि शराब की लत छुड़ाने वाली दवा डाइसलफिराम (disulfiram) के उपयोग से कोविड-19 से निजात पाने में मदद मिल सकती है।
नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एचएसई) केशोधकर्ताओं ने कहा है कि इस दवा को संभावित इलाज के लिए कोरोना वायरस के संरचनामत्मक तत्वों को चुना जाना चाहिए जिनमें विकास के दौरान परिवर्तन की संभावना कम हो।
कोरोना वायरस एक छूत की बीमारी है जो सांस की बूंदों और फोमाइट्स से फैलती है। इस बीमारी ने लगभग 19 मिलियन लोगों को प्रभावित किया है और 711,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
चूंकि बीमारी इतनी नई है और नई दवाओं के विकसित होने में समय लगता है। दुनिया भर के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य चिकित्सक स्थिति का इलाज करने के लिए मौजूदा दवाओं को फिर से तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चाहे वह इबोला ड्रग रेमेडिविर हो या फ़्लू ड्रग फ़ेवीपिरवीर, बीमारी के लिए सभी अनुमोदित ड्रग्स पहले विकसित किए गए थे।
प्रोटीज एम प्रो सबसे प्रभावी प्रोटीनउन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर एक प्रकार (स्ट्रेन) के खिलाफ जो दवा प्रभावी होगी वह दूसरे के खिलाफ प्रभावी नहीं रह जाएगी। मेंदिलिव कम्युनिकेशंस पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक इसके लिए सार्स- कोव-2 वायरस के मुख्य प्रोटीज एम प्रो सबसे प्रभावी प्रोटीन हैं।
एम प्रो कोरोना वायरस को रोकने में प्रभावीअनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि उत्परिवर्तन के प्रतिरोधी होने के अलावा एम प्रो कोरोना वायरस को रोकने में भी बड़ी भूमिका निभाता है जिसका मतलब है कि इसका अवरोध शरीर के अंदर वायरस को कमजोर करने या इसे पूरी तरह रोकने में सक्षम है।
कोविड-19 के लक्षणों को रोकती है डाइसलफिराम संभावित दवाओं को अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एडीए) की तरफ से मंजूर दवाओं के डेटाबेस से लिया गया। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि शराब की लत छुड़ाने वाली दवा डाइसलफिराम सार्स कोव-2 से दो तरीके से लड़ता है।
उन्होंने कहा कि पहला यह सह अवरोधक है और दूसरा यह कोविड-19 के लक्षणों को भी रोकता है जैसे यह घटे ग्लूटाथियोन को रोकने में काफी मदद करता है जो एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है।
कोरोना वायरस से 19 मिलियन से ज्यादा लोग संक्रमितचीन से निकले कोविड-19 से दुनियाभर में 19,257,649 लोग संक्रमित हो गए हैं और 717,687 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि इस वायरस से ठीक होने वालों का आंकड़ा भी बढ़ा है। महामारी से अब तक 12,357,654 लोग ठीक हो चुके हैं।
कोरोना की वैक्सीन फिलहाल कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं है हालांकि वैक्सीन के लिए 100 से अधिक उम्मीदवार हैं और कई वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है। बताया जा रहा है कि अगले साल तक कोरोना का टीका बाजार में आ सकता है।