लाइव न्यूज़ :

Coronavirus Treatment: भारतीय डॉक्टर ने महिला के दो खराब फेफड़े किये ट्रांसप्लांट, कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज लिए जगी उम्मीद

By उस्मान | Updated: June 12, 2020 16:17 IST

Coronavirus Treatment: कोरोना काल में पहली बार फेफड़ों की ऐसी सर्जरी हुई है और इससे मरीजों के इलाज के लिए उम्मीद जगी है

Open in App
ठळक मुद्देकोरोना काल में पहली बार हुई फेफड़ों की ऐसी सर्जरीइस मामले से कोरोना वायरस के मरीजों में इलाज की उम्मीद जगी मेरठ में जन्मे डॉक्टर ने अमेरिका में किया कमाल

कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस ने अब तक 423,888 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है जबकि 7,599,649 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत में मरने वालों की संख्या 8,501 हो गई है और 298,283 लोग संक्रमित हुए हैं। 

कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है। हालांकि वैज्ञानिक दिन-रात इसका खोजने में जुटे हैं। कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि कोरोना वायरस फेफड़ों को सीधे रूप से प्रभावित करता है और फेफड़ों का कामकाज बाधित होने से रोगी की मौत होती है। 

मेरठ के डॉक्टर ने अमेरिका में किया कमाल

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार,  इस बीच एक पॉजिटिव खबर सामने आयी है जिससे कोरोना के मरीजों के इलाज की उम्मीद जगी है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्में एक चिकित्सक के नेतृत्व में अमेरिका में शल्य चिकित्सकों ने एक महिला का फेफड़ा प्रतिरोपित किया। उसके शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग कोविड-19 से खराब हो गया था। इस ट्रांसप्लांट से कोरोना के मरीजों के सही होने की उम्मीद जगी है।

कोरोना काल में पहली बार हुई ऐसी सर्जरी

कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से अमेरिका में यह इस तरह की पहली सर्जरी मानी जा रही है। शिकागो स्थित नार्थवेस्टर्न मेडिसिन अस्पताल ने कहा कि जिस महिला की यह सर्जरी की गई, उसकी उम्र करीब 20-25 साल है। 

नार्थवेस्टर्न मेडिसिन फेफड़ा प्रतिरोपण कार्यक्रम के थोरेसिक (वक्ष से संबंधित) सर्जरी प्रमुख एवं सर्जिकल निदेशक अंकित भारत ने कहा, ‘फेफड़ा का प्रतिरोपण किया जाना ही उसके जीवित रहने का एकमात्र विकल्प था।’मेरठ में जन्में अंकित भारत ने कहा, ‘मैंने अब तक का यह सबसे कठिन प्रतिरोपण किया।’ 

वाशिंगटन पोस्ट ने भारतीय मूल के चिकित्सक हवाले से कहा है, ‘यह सचमुच में एक सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण मामला था।’ इससे पहले, यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया में 45 साल की एक महिला का फेफड़ा प्रतिरोपित किया गया था। यह दुनिया का पहला ज्ञात फेफड़ा प्रतिरोपण था। 

महिला के फेफड़े हो चुके थे खराब

रिपोर्ट के अनुसार  ऑपरेशन 5 जून को किया गया। महिला को हल्के जीवाणु संक्रमण से पीड़ित थी जिसे एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता था क्योंकि उसके फेफड़े वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित हो चुके थे।

डॉक्टरों ने कथित तौर पर उसके फेफड़ों से तरल पदार्थ का परीक्षण किया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह कोरोना निगेटिव तो नहीं है क्योंकि उसकी हालत समय के साथ खराब होती जा रही थी।

कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए जीने की उम्मीद

डॉक्टर भारत के अनुसार, कोरोना रोगियों के लिए अंग प्रत्यारोपण अधिक बार हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो गंभीर चरण में हैं, क्योंकि वायरस श्वसन प्रणाली पर हमला करता है। यह वायरस शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों जैसे कि हृदय, गुर्दे, यकृत और तंत्रिका तंत्र के रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावि करता है।

डॉक्टर ने कहा, 'मुझे निश्चित रूप से उम्मीद है कि इनमें से कुछ रोगियों में फेफड़ों की समस्याएं इतनी बढ़ गई होंगी कि वे बिना प्रत्यारोपण के जीवित नहीं रह पाएंगे। इस मामले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे काफी उम्मीद जगी हैं। 

देश में पहली बार चौबीस घंटों में कोविड-19 संक्रमण के नये मामले 10,000 के पार पहुंच गए हैं और संक्रमण के कुल मामले 2,97,535 हो गए हैं जबकि एक दिन में कुल संक्रमित लोगों में से सबसे अधिक 396 संक्रमित लोगों की मौत के साथ मृतक संख्या 8,498 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 10,956 नये मामले सामने आए। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक कोरोना वायरस के मामलों के लिहाज से बृहस्पतिवार को भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया का चौथा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियामेडिकल ट्रीटमेंटहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत