Coronavirus: वैज्ञानिकों का दावा अश्वगंधा से हो सकता है कोरोना का इलाज, जानें वायरस से बचने के लिए कैसे करें इस्तेमाल

By भाषा | Published: May 20, 2020 09:00 AM2020-05-20T09:00:33+5:302020-05-20T09:00:33+5:30

वैज्ञानिकों का दावा है कि इस जड़ी बूटी को मधुमक्खी के छत्ते से निकलने वाले गोंद के साथ मिलाकर एक प्रभावी औषधि तैयार की जा रही है

coronavirus treatment: IIT-Delhi says Ashwagandha could help fight COVID-19, know other health benefits of Ashwagandha in Hindi | Coronavirus: वैज्ञानिकों का दावा अश्वगंधा से हो सकता है कोरोना का इलाज, जानें वायरस से बचने के लिए कैसे करें इस्तेमाल

Coronavirus: वैज्ञानिकों का दावा अश्वगंधा से हो सकता है कोरोना का इलाज, जानें वायरस से बचने के लिए कैसे करें इस्तेमाल

कोरोना वायरस का प्रभाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से महामारी बनकर निकले इस खतरनाक वायरस ने दुनियाभर में अब तक 324,910 लोगों की जान ले ली है और 4,986,332 लोग संक्रमित हो गए हैं। यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में इससे एक लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि तीन हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है।  

कोरोना का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। हालांकि वैज्ञानिक लगातार इसका इलाज खोजने में जुटे हैं. इस बीच राहत की खबर यह है कि आईआईटी दिल्ली ने अश्वगंधा जड़ी बूटी को कोरोना वायरस के उपचार के लिए प्रभावी बताया है।  

आईआईटी दिल्ली और जापान के एक प्रौद्योगिकी संस्थान के अनुसंधान में यह पाया गया है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी अश्वगंधा कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ उपचारात्मक और इसकी रोकथाम करने वाली एक प्रभावी औषधि हो सकती है।

अश्वगंधा और ‘प्रोपोलीस' है प्रभावी
अनुसंधान दल के मुताबिक अश्वगंधा और ‘प्रोपोलीस’ (मुधमक्खी के छत्ते के अंदर पाया जाने वाला मोमी गोंद) के प्राकृतिक यौगिक में कोरोना वायरस की रोकथाम करने वाली औषधि बनने की क्षमता है। 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डी सुंदर ने कहा, ‘‘अध्ययन दल में शामिल वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के दौरान वायरस की प्रतिकृति बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले मुख्य सार्स-कोवी-2 एंजाइम को निशाना बनाया।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘अनुसंधान के नतीजे न सिर्फ कोविड-19 रोधी औषधियों के परीक्षण के लिये जरूरी समय और लागत को बचा सकते हैं, बल्कि वे कोरोना वायरस महामारी के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसलिए, इसकी प्रयोगशाला में और चिकित्सीय परीक्षण किये जाने की जरूरत है। ’’ 

सुंदर के मुताबिक औषधि विकसित करने में कुछ वक्त लग सकता है और मौजूदा परिदृश्य में ये प्राकृतिक संसाधन --अश्वगंधा एवं प्रोपोलीस--चिकित्सीय महत्व वाले हो सकते हैं। 

यह अनुसंधान आईआईटी दिल्ली के साथ जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी (एआईएसटी) ने किया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस बारे में भी एक अध्ययन शुरू किया है कि क्या अश्वगंधा कोविड-19 की रोकथाम करने वाली संभावित दवा के रूप में मलेरिया रोधी औषधि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का विकल्प बन सकता है। 

अश्वगंधा के अन्य फायदे

1) तनाव और चिंता को करता है दूर
इंडियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन ने साबित किया कि जब तनाव और चिंता के स्तर को कम करने की बात आती है तो अश्वगंधा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययन के लिए तनाव और चिंता से पीड़ित 64 लोगों को रोजाना अश्वगंधा के 300 मिलीग्राम / कैप्सूल दिए गए थे। इन लोगों को 60 दिनों तक कैप्सूल दिए गए और अध्ययन के अंत में यह ध्यान दिया गया था कि रोजाना 500-600 मिलीग्राम के बीच अश्वगंधा खाने तनाव और चिंता को दूर किया जा सकता है।

2) मसल्स ग्रोथ और स्ट्रेंथ बढ़ाने में सहायक
जर्नल ऑफ़ इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला कि अश्वगंधा की खुराक मांसपेशियों और ताकत के विकास में मदद करती है। अध्ययन के लिए 18-50 साल की आयु के 57 लोगों को लिया गया था। इन्हें दो समूहों में विभाजित किया गया था, जहां एक को 600 मिलीग्राम अश्वगंधा दिया गया था और एक समूह को इसे खाए बिना जिम करने को कहा गया। अश्वगंधा खाने वालों की  मांसपेशियों की ताकत में 1.5-1.7 गुना वृद्धि हुई और मांसपेशियों के आकार में 1.6-2.3 गुना अधिक वृद्धि हुई। 

3) प्रजनन क्षमता में करता है वृद्धि
फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने की क्षमता है, खासकर पुरुषों में। फर्टिलिटी से पीड़ित 75 पुरुषों को लेकर तीन महीने की अवधि तक एक अध्ययन किया गया। व्यक्तियों को 5 ग्राम अश्वगंधा की दैनिक खुराक दी गई। अध्ययन के अंत में प्रतिभागियों में शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणु की गुणवत्ता में वृद्धि देखी।

4) ब्लड शुगर लेवल करता है कंट्रोल
इंडियन जर्नल ऑफ एक्सपेरीमेंटल बायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन ने पाया कि अश्वगंधा में ब्लड शुगर लेवल को कम करने के गुण भी हैं। अध्ययन के लिए, टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों को रोजाना अश्वगंधा की 3 ग्राम खुराक दी गई थी। खुराक दिन में 2-3 बार दी जाती थी और अंत में यह पाया गया कि अश्वगंधा ने उनके शुगर लेवल को ओरल मेडिसिन के जितना ही कम कर दिया था। 

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