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Covid-19 treatment: वैज्ञानिकों का दावा, स्टेरॉयड बचा सकती हैं कोरोना के गंभीर मरीजों की जान, कीमत ₹10 से भी कम

By उस्मान | Updated: September 3, 2020 15:07 IST

कोरोना वायरस का इलाज : WHO ने गंभीर बीमारियों के इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने को कहा है

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ठळक मुद्देविश्व स्वास्थ्य संगठन ने गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए स्टेरॉयड की सिफारिश कीतीन दवाओं में से प्रत्येक ने मृत्यु के जोखिम को कम कियाडेक्सामेथासोन, हाइड्रोकार्टिसोन और मिथाइलप्रेडिसोलोन जैसे स्टेरॉयड

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरानक वायरस से दुनियाभर में अब तक 867,607 लोगों की मौत हो गई है और संक्रमितों की संख्या 26,194,004 हो गई है। कोरोना वायरस के इलाज के लिए कई वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है और उम्मीद की जा रही है कि अगले साल तक इसका टीका आ जाए। 

फिलहाल कोरोना के मरीजों को अलग-अलग रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है और चिकित्सक विभिन्न दवाओं को मरीजों के उपचार में आजमाकर देख रहे हैं। इस बीच खबर आई है कि सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध स्टेरॉयड दवाएं गंभीर रूप से बीमार कोविड-19  रोगियों को बचाने में मदद कर सकती हैं।

स्टेरॉयड में उपचार की क्षमताफर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार,  यह रिसर्च इंटरनेशनल क्लिनिकल ट्रायल में प्रकाशित हुआ है। जामा के प्रधान संपादक डॉ हावर्ड सी बाउचर ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि स्टेरॉयड में उपचार की क्षमता है। 

नए सबूतों के आधार पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए स्टेरॉयड की सिफारिश की है लेकिन हल्के लक्षण वालों के लिए नहीं।

स्टेरॉयड  मृत्यु के जोखिम को कम करने में सहायकइस अध्ययन में 1,700 से अधिक रोगियों को शामिल किया गया और शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि तीन दवाओं में से प्रत्येक ने मृत्यु के जोखिम को कम किया।

लेखकों ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स अब पहले स्तर का इलाज है। गंभीर रूप से बीमार रोगियों में सबसे प्रभावी दवा रेमेडिसविर है।

कौन सी दवाएं हैं ज्यादा प्रभावितडेक्सामेथासोन, हाइड्रोकार्टिसोन और मिथाइलप्रेडिसोलोन जैसे स्टेरॉयड को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने, सूजन और दर्द को कम करने के लिए जाना जाता है। कई मरीज कोविड-19 से नहीं,  बल्कि शरीर के संक्रमण के कारण मर जाते हैं।

जून में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी पाया था कि डेक्सामेथासोन ने गंभीर रूप से बीमार रोगियों में जीवित रहने की दर में सुधार किया है। शोधकर्ताओं ने उम्मीद की थी कि अन्य सस्ते स्टेरॉयड इन रोगियों की मदद कर सकते हैं।

भारत में कोविड-19 के मामले 38 लाख पार

भारत में कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 83,883 नए मामले सामने आने के बाद बृहस्पतिवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 38 लाख को पार कर गई। वहीं, अभी तक 29,70,492 मरीजों के ठीक होने से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 77 प्रतिशत के पार पहुंच गई। 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर 38,53,406 हो गए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे मे 1,043 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 67,376 हो गई। 

उसने बताया कि कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 77.09 प्रतिशत हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.75 प्रतिशत हो गई। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 8,15,538 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 21.16 प्रतिशत है। 

देश में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख के पार चले गए थे, जबकि 23 अगस्त को 30 लाख का आंकड़ा पार किया था। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार के अनुसार देश में दो सितम्बर तक कुल 4,55,09,380 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 11,72,179 नमूनों की जांच बुधवार को ही की गई।  

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