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Coronavirus Treatment: क्या स्वस्थ लोगों के प्लाज्मा से कोरोना वायरस थम सकता है? जानिए क्या कहते हैं वैज्ञानिक

By भाषा | Updated: June 13, 2020 07:59 IST

कोरोना का कोई स्थायी इलाज नहीं है, डॉक्टरों को अब प्लाज्मा थेरेपी से उम्मीद है

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ठळक मुद्देजांच की जा रही है कि प्लाज्मा दान से किसी व्यक्ति में पहले ही संक्रमण की रोकथाम हो सकती है20 हजार से अधिक लोगों का प्लाज्मा से हुआ इलाज इस अध्ययन में 150 कार्यकर्ताओं को

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस ने अब तक 428,236 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है जबकि 7,732,485 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत में मरने वालों की संख्या 8,890 हो गई है और 309,603 लोग संक्रमित हुए हैं। 

कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है। हालांकि वैज्ञानिक दिन-रात इसका खोजने में जुटे हैं। अपनी नई खोज में डॉक्टर कोविड-19 से स्वस्थ हुए कई लोग कोरोना वायरस के अन्य रोगियों को ठीक करने में मदद के लिए अपने रक्त प्लाज्मा को दान करने की पेशकश कर रहे हैं ।

हालांकि इस बारे में अभी प्रामाणिक परिणाम भी नहीं आए हैं। वैज्ञानिक अब इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या प्लाज्मा दान से किसी व्यक्ति में पहले ही संक्रमण की रोकथाम हो सकती है?

दुनियाभर के अस्पतालों में हजारों कोरोना वायरस रोगियों का इलाज स्वस्थ मरीजों के प्लाज्मा से करने का दावा किया गया है जिनमें अमेरिका में 20 हजार से अधिक लोग शामिल हैं। हालांकि इस बारे में अभी बहुत ज्यादा प्रमाण नहीं मिले हैं।

प्लाज्मा उपचार से मिली उम्मीद की किरण

चीन में हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिली वहीं न्यूयॉर्क में हुए एक अन्य अध्ययन में लाभ का संकेत मिला।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डॉ शमुअल शोहम ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद की किरण मिली है।’’ प्लाज्मा उपचार को लेकर कई तरह के अध्ययन चल रहे हैं, इस बीच शोहम ने एक राष्ट्रीय स्तर का अध्ययन शुरू किया है जिसमें पता लगाया जा रहा है कि क्या अत्यधिक जोखिम में रहने के तत्काल बाद स्वस्थ हुए लोगों के प्लाज्मा से सामने वाले व्यक्ति में पहले ही बीमारी की आशंका की रोकथाम हो सकती है।

150 लोगों पर होगा अध्ययन

हॉपकिन्स एवं 15 अन्य संस्थानों के अनुसंधानकर्ता स्वास्थ्य कर्मियों, बीमार लोगों के जीवनसाथियों और नर्सिंग होम के लोगों को अध्ययन में शामिल करेंगे। इस अध्ययन में 150 कार्यकर्ताओं को बिना किसी क्रम के कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों का प्लाज्मा और सामान्य लोगों का प्लाज्मा लेने के लिए शामिल किया जाएगा। इसके बाद वैज्ञानिक इस पहल का अध्ययन करेंगे कि प्लाज्मा देने के बाद क्या व्यक्ति में पहले ही संक्रमण की आशंका समाप्त हो सकती है।  

प्लाज्मा थेरेपी क्या है?

कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी बहुत उपयोगी साबित हो रही है. इस थेरेपी में कोरोना के सही हुए मरीजों के रक्त से प्लाज्मा निकालकर बीमार रोगियों को ठीक करने के लिए दिया जाता है। उन लोगों में पहले से ही एंटीबॉडी मौजूद हैं जो वायरस को दूर भगाते हैं। उनका उपयोग दूसरे रोगी के लिए भी किया जा सकता है। शोधों से पता चलता है कि यह संक्रमित की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

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