कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। चीन से निकले इस खतरानक वायरस से दुनियाभर में अब तक 428,236 लोगों की मौत हो गई है और 7,732,485 लोग संक्रमित हुए। यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में संक्रमितों की संख्या 309,603 हो गई है और 8,890 की मौत हुई है।
कोरोना वायरस हर शख्स डरा हुआ है। सावधानी बरत रहा है लेकिन फिर भी सहमा हुआ है। उसे यही डर रहता है कि पता नहीं कब वो वायरस की चपेट में आ जाए। डर वाजिब भी है क्योंकि ये खांसने और छींकने से ही फैलता है। किसी ने अपने हाथ पर खांस लिया है या छींक लिया है और आप उसके हाथ द्वारा छुए हुए सामान के सम्पर्क में आ गए तो ये वायरस आपके गले पड़ जाएगा।
21 मई को लक्षण महसूस हुए
मीडिया में काम करने वाले श्याम त्यागी को भी कोरोना हो गया था। श्याम के अनुसार, 'मैं भी डर गया था। बुरी तरह डर गया था। अपने परिवार और ढाई साल के बेटे की तरफ देखकर घबरा गया था। 21 मई को मैं ऑफिस में था। घर से ठीक ठाक गया था।
लेकिन ऑफिस में अचानक से मेरे सिर में दर्द शुरू हुआ। मैं काम करता रहा, सिर का दर्द 1-2 घंटे बाद पूरे शरीर के दर्द में बदल गया। पूरे शरीर में दर्द शुरू हो गया। साथ में खांसी भी हो गई। खांसी बलगम वाली। इसलिए जो लोग कहते हैं कि बलगम वाली खांसी कोरोना का लक्षण नहीं है, ये एक मिथ है।
25 मई को स्वास्थ्य में हो गया सुधार
25 मई को ठीक होकर मैं फिर से अपने ऑफिस पहुंच गया। 28 मई को एक दो बार जबरदस्त खांसी हुई। जैसे 'खांसी' का अटैक हो गया हो। मेरे दोस्तों कोविड टेस्ट करने की सलाह दी।
दो दिन बाद फिर बिगड़ गई हालत
अगले दिन सभी की बात मानकर मैं दिल्ली में अपोलो अस्पताल पहुंच गया। 4850 रुपये में कोरोना का टेस्ट कराया और 30 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
कोरोना से लड़ने के लिए इन आयुर्वेदिक और घरेलू उपचारों का लिया सहारा
काढ़ा, हल्दी, गर्म पानी ने दिया साथ
अस्पताल की स्थिति देखते हुए मैंने घर के कमरे में बंद रहने का फैसला किया। 30 मई से ही मैंने काढ़ा पीना शुरू किया। नमक, हल्दी गर्म पानी में डालकर गरारे करने शुरू किए। दिन में 4-5 लीटर गर्म पानी पीना शुरू किया।
विटामिन, गिलोय और आंवला
विटामिन की दवाई लेनी शुरू की। सबसे पहले सुबह उठकर कच्चे आंवला और गिलोय का जूस खाली पेट पीता था। क्योंकि आंवले में विटामिन सी होता है। 3-4 दिन बाद आंवला पीना बन्द कर दिया क्योंकि वो खट्टा होता है और आयुर्वेद में ये कहा जाता है कि खट्टी चीजें खाने पीने से खांसी ठीक नहीं होती है। इसलिए आवंला बन्द कर गिलोय पीता रहा।
दूध पीना बंद कर दिया
इसके बाद काढ़ा पीता था। 3-4 दिन बाद ही दूध भी पीना बन्द कर दिया। क्योंकि बलगम वाली खांसी में दूध परेशान ही करता है। ऐसा सब लोग कहते हैं। क्योंकि मेरी पत्नी को भी वही सिम्पटम्स हो गए थे जो मुझे थे इसलिए उसका ट्रीटमेंट भी बिना टेस्ट कराए ही शुरू कर दिया। इसलिए दो लोगों का काढ़ा बनता था।
कोरोना से लड़ने के लिए काढ़ा बनाने की विधि
सामग्री
लोंग 7इलायची हरी 4काली मिर्च गोल 7-8दालचीनी 3-4 टुकड़ेसौंठ 1 चम्मचमुनक्का 4
विधि
इनको 2 गिलास पानी में उबालें, जब एक गिलास पानी बच जाए तो दो व्यक्तियों को आधा-आधा पीना है तीन टाइम, सुबह दोपहर शाम, खाना खाने के बाद, सुबह नाश्ते के बाद। और अगर एक ही व्यक्ति के लिए काढ़ा बनाना है तो एक गिलास पानी में बाकी सामान आधा डाल लें। जब वो पानी पक कर आधा गिलास रह जाए तो उसे छानकर पी लें।
ऐसा दिन में कम से कम तीन बार करें। दिन में कम से कम तीन बार ही गरारे करता था। सुबह, दोपहर और शाम। खाना खाने के थोड़ी देर बाद कर सकते हैं। एक गिलास पानी को गर्म करके उसमें थोड़ा सफेद नमक और आधा चम्मच हल्दी डालकर गरारे करता था। ये बेहद जरूरी है।
तुलसी का अर्क
कोरोना से लड़ने के लिए इम्युनिटी का मजबूत होना जरूरी है। मैंने तुलसी अर्क मंगाया था। एक गिलास गर्म पानी में दिन में 8-10 बूंदे डालकर पीता था, दिन में सिर्फ एक बार। गर्म पानी में हल्दी डालकर भी पी है। हर बार गर्म ही पानी पिया है।
अजवाइन और ड्राई फ्रूट्स
कोरोना का संक्रमण नाक में भी होता है इसलिए सुबह शाम पानी में अजवाइन डालकर भाप लेता था। कुछ ड्राई फ्रूट्स भी खाए हैं। जैसे बादाम और किशमिश। फलों में रोज एक सेब खाया है, गर्म पानी में धोकर और थोड़ा बहुत पपीता।
14 दिन बाद रिपोर्ट आई निगेटिव
इन उपायों के साथ मैने Zincovit की टेबलेट ली थी। एक दिन में सिर्फ एक गोली, दोपहर में खाने के बाद। इसके अलावा Limcee Vitamin C Chewable ली थी। सुबह शाम एक-एक टेबलेट। इतना सब कुछ करने के बाद मैंने 14 दिन बाद दोबारा टेस्ट कराया जोकि निगेटिव निकला।
इस बात का रखें ध्यान
श्याम ने इस तरह के ट्रीटमेंट की जानकारी अपने दोस्तों, वरिष्ठों औए डॉक्टरों से मिली थी। यह उनका खुद का फैसला था। अगर आप को इस तरह की कोई परेशानी होती है तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अपनी हेल्थ स्थिति को मद्देनजर रखकर ही किसी भी चीज का सेवन करें।