Coronavirus treatment: कोरोना के सामने Plasma Therapy भी फेल, AIIMS ने कहा, थेरेपी का मरीजों पर नहीं हो रहा ज्यादा असर

By उस्मान | Published: August 7, 2020 08:24 AM2020-08-07T08:24:35+5:302020-08-07T08:24:35+5:30

Plasma Therapy for Coronavirus treatment: कोरोना वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं है और सबकी नजरें प्लाज्मा थेरेपी पर टिकीं हैं

Coronavirus treatment: AIIMS says, Plasma therapy trial didn’t show benefit in reducing Covid-19 mortality risk, what is plasma therapy, cost, plasma donate bank, benefits in Hindi | Coronavirus treatment: कोरोना के सामने Plasma Therapy भी फेल, AIIMS ने कहा, थेरेपी का मरीजों पर नहीं हो रहा ज्यादा असर

प्लाज्मा थेरेपी, कोरोना वायरस का इलाज

Highlightsकोविड-19 रोगियों का इलाज किए जाने से भी मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही इससे रोगियों की हालत में ज्यादा क्लीनिकल सुधार नहीं हुआ।

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच एक बुरी खबर सामने आई है। कोरोना वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं होने की वजह से प्लाज्मा थेरेपी पर सबकी उम्मीदें थी लेकिन अब यह थेरेपी भी कोरोना के सामने फेल होती नजर आ रही है। एम्स ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगियों का इलाज किए जाने से भी मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही है। 

प्लाज्मा थेरेपी क्या है

इलाज के इस तरीके के प्रभाव का आकलन करने के लिए एम्स में किए गए अंतरिम परीक्षण विश्लेषण में यह बात सामने आई है। इस इलाज के तहत कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों के रक्त से एंडीबॉडीज लिया जाता है और कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज को चढ़ाया जाता है ताकि उसके रोग प्रतिरोधक प्रणाली को वायरस से लड़ने के लिए तुरंत मदद मिल सके।

 

प्लाज्मा थेरेपी का मरीजों पर कोई फायदा नहीं

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कोविड-19 के 30 रोगियों के बीच परीक्षण के दौरान प्लाज्मा थेरेपी का कोई ज्यादा फायदा नहीं नजर आया। 

उन्होंने कहा कि परीक्षण के दौरान एक समूह को मानक सहयोग उपचार के साथ प्लाज्मा थेरेपी दी गई जबकि दूसरे समूह का मानक इलाज किया गया। दोनों समूहों में मृत्यु दर एक समान रही और रोगियों की हालत में ज्यादा क्लीनिकल सुधार नहीं हुआ। 

प्लाज्मा थेरेपी पर ज्यादा विश्लेषण की जरूरत

डॉ. गुलेरिया ने बताया, 'बहरहाल, यह केवल अंतरिम विश्लेषण है और हमें ज्यादा विस्तृत आकलन करने की जरूरत है कि किसी उप समूह को प्लाज्मा थेरेपी से फायदा होता है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा की भी सुरक्षा की जांच होनी चाहिए और इसमें पर्याप्त एंटीबॉडी होनी चाहिए जो कोविड-19 रोगियों के लिए उपयोगी हों। 

प्लाज्मा सुरक्षित लेकिन प्रभावी नहीं

कोविड-19 पर को तीसरे नेशनल क्लीनिकल ग्रैंड राउंड्स पर हुई परिचर्चा में प्लाज्मा थेरेपी का कोरोना वायरस से पीड़ित रोगियों पर होने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा हुई। वेबिनार में एम्स के मेडिसिन विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. मोनीष सोनेजा ने कहा, 'प्लाज्मा सुरक्षित है। जहां तक इसके प्रभाव की बात है तो हमें अब भी हरी झंडी नहीं मिली है। इसलिए क्लीनिकल उपयोग उचित है और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के दायरे में है। 

प्लाज्मा ट्रीटमेंट क्या है

इन परीक्षण में कोविड-19 की चपेट से बाहर आए मरीजों के रक्त से प्लाज्मा निकालकर बीमार रोगियों को ठीक करने के लिए दिया जाता है। उन लोगों में पहले से ही एंटीबॉडी मौजूद हैं जो वायरस को दूर भगाते हैं। उनका उपयोग दूसरे रोगी के लिए भी किया जा सकता है। शोधों से पता चलता है कि यह संक्रमित की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

ठीक हुए मरीज का प्लाज्मा कब ले सकते हैं

ठीक हुए मरीज और प्लाज्मा लेने के बीच कम से कम 28 दिनों का अंतराल होना चाहिए. हम ठीक हुए रोगियों की सूची बनाकरउनसे संपर्क करेंगे और प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उनकी काउंसलिंग करेंगे। फिर इकट्ठे हुए प्लाज्मा को विभिन्न क्लीनिकों में वितरित किया जा सकता है। 

कोरोना के किन मरीजों को प्लाज्मा दिया जा सकता है

जिन मरीजों को प्लाज्मा दिया जा सकता है उनके लिए भी दिशा-निर्देश हैं। सामान्य तौर पर वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित और श्वसन संक्रमण से पीड़ित मरीजों को प्लाज्मा दिया जा सकता है।

भारत में कोरोना के मामले 20 लाख के पार

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले गुरुवार (6 अगस्त) को 20 लाख के पार पहुंच गए। वहीं इससे ठीक होने वालों की संख्या 13.70 लाख हो गई है।  केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में एक दिन में संक्रमण के 56,282 नए मामले सामने आने के बाद गुरुवार को कुल संक्रमितों की संख्या 19,64,536 हो गई। वहीं 24 घंटे में संक्रमण से कुल 904 लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की कुल संख्या 40,699 हो गई।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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