Coronavirus: 210 देशों की लिस्ट में 15वें स्थान पर पहुंचा भारत, चीन से बस 4 कदम पीछे, अब तो सिर्फ ये 5 उपाय ही बचा सकते हैं जान
By उस्मान | Published: April 29, 2020 09:12 AM2020-04-29T09:12:08+5:302020-04-29T10:33:47+5:30
कोरोना वायरस बिना लक्षणों के भी फैल रहा है, जो दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है
कोरोना वायरस का प्रकोप जरा भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है। चीन से निकले इस घातक वायरस से दुनियाभर में अब तक 3,138,369 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। इस महामारी से अब तक 217,983 लोगों की मौत हो चुकी हैं और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि 955,811 मरीज कोरोना से जंग जीतकर अपने घर जा चुके हैं।
कोरोना वायरस के आंकड़े बताने वाली वेबसाइट वर्ल्डओमीटर के अनुसार, कोरोना वायरस दुनियाभर के 210 देशों में पैर पसार चुका है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका पर हुआ हुआ है। यहां संक्रमितों की संख्या 1,035,765 तक पहुंच गई और 59,266 लोगों की मौत हो गई है। दूसरे नंबर पर स्पेन है जहां 232,128 लोग संक्रमित हुए हैं और मरने वालों की तादात 23,822 हो गई है।
इसके बाद इटली में 201,505, फ्रांस में 165,911, यूके में 161,145, जर्मनी में 159,912, टर्की में 114,653, रूस में 93,558, ईरान में 92,584, चीन में 82,858, ब्राज़ील में 73,235, कनाडा में 50,026, बेल्जियम में 47,334, नीदरलैंड में 38,416 और भारत में 31,324 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
इस सूची के अनुसार भारत चीन से सिर्फ चार कदम पीछे है। भारत में औसतन रोजाना एक हजार के करीब नए मामले सामने आ रहे हैं और इस तरह जल्द ही यह आंकड़ा चीन के बराबर पहुंच सकता है। देश में मृतकों का आंकड़ा 1,008 तक पहुंच गया है और 7,747 मरीज सही होकर अपने घर जा चुके हैं।
देश में कोरोना वायरस को फैलने से अब कैसे रोका जा सकता है?
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने के अनुसार, दुनिया भर के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर कोविड-19 के 80 प्रतिशत मरीजों में इसके लक्षण या तो नहीं नजर आ रहे हैं, या फिर बहुत ही कम नजर आ रहे हैं। करीब 15 प्रतिशत मरीज गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और करीब पांच प्रतिशत की हालत बेहद नाजुक हो जाती है।
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बताया था कि दिल्ली में एक दिन में हुए 736 टेस्ट में से 186 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले और इनमें से किसी व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं थे। यानी किसी को भी बुखार, खासी, सांस की शिकायत नहीं थी। उनको पता ही नहीं था कि वो कोरोना लेकर घूम रहे हैं।
जाहिर है जब किसी रोगी में कोई लक्षण नहीं होगा, तो वो अपना टेस्ट भी नहीं कराएगा, तो पता ही नहीं चलेगा और ये कोरोना फैलाते चला जाएगा।
1) इस स्थिति से निपटने का एक तरीका यह है कि जो भी आदमी बाहर जाता है, उसे टेस्ट कराना चाहिए। जैसे ही अन्य लोगों को पता चलता है कि वो उनके संपर्क में आने वाला वो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है, तो उन्हें भी आगे आकर टेस्ट कराना चाहिए।
2) इस स्थिति को रोकने का दूसरा तरीका रैपिड टेस्टिंग और पूल टेस्टिंग भी है। रैपिड टेस्ट का रिजल्ट 15 मिनट में मिल जाता है और इसी तरह पूल टेस्टिंग में एक बार में कई लोगों का टेस्ट किया जा सकता है। लेकिन लोगों को भी खुद का ख्याल ख्याल रखने की जरूरत है।
3) केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, जो लोग हॉटस्पॉट इलाकों में रह रहे हैं और बुज़ुर्ग हैं, हाई रिस्क में हैं, उन्हें अपने टेस्ट कराने चाहिए।
4) ऐसे लोग जो बिना लक्षणों के कोरोना की चपेट में हैं लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव लोगों के सम्पर्क में आए हैं, उन्हें खुद को आइसोलेट करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।
5) सचाई यही है कि ऐसे लोग संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा जरिया बन सकते हैं। इसलिए लक्षण आए या नहीं आए, सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखें, बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें।
स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने उठाये ये कदम
- कोविड-19 के प्रसार को रोकने की अपनी संशोधित रणनीति के तहत सरकार ने हॉटस्पॉट और क्लस्टर क्षेत्रों (संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों) में बुखार, खांसी और गले के संक्रमण का सामना कर रहे लोगों की जांच करनी शुरू कर दी है।
- अस्पताल में भर्ती हर उस व्यक्ति की जांच की जा रही है जिन्हें श्वसन संबंधी बीमारी है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, बुखार या जुकाम है।
- संक्रमित व्यक्ति के प्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले लोगों की भी पांचवें से 14वें दिन के बीच जांच की जा रही है।
- ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जा रही है जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन उसने विदेश यात्रा की है, किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है या फिर वह स्वास्थ्यकर्मी है।
समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ