कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग ने निजी प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच का शुल्क 2500 रुपये से घटाकर 1600 रूपये कर दिया है। यह आदेश प्रदेश के प्राइवेट लैब्स के लिए है.
आरटी पीसीआर टेस्ट किट के रेट कम हुए
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने एक आदेश में कहा गया कि वर्तमान में आरटी पीसीआर टेस्ट किट रिजेंट्स तथा वीटीएम किट के दामों में गिरावट होने के कारण शुल्क में कमी की गई है। आदेश में कहा गया है कि ट्रूनेट मशीन के जरिये जांच के लिए भी 1600 रुपए शुल्क ही लिया जाएगा।
प्राइवेट लैब्स में होगी जांच
यह आदेश सभी निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं के लिए हैं। शुल्क से अधिक धनराशि वसूली को महामारी रोग अधिनियम 1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। बयान के अनुसार यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
विभाग ने कोरोना की आरटी- पीसीआर जांच के लिए बीती अप्रैल माह में 2500 रुपये शुल्क निर्धारित किया था। सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि ''बृहस्पतिवार को उप्र में 1,50, 652 परीक्षण किये गये। इस तरह अब तक प्रदेश में 72,17,980 परीक्षण किये गये है।
बृहस्पतिवार को किये गये 1,50,652 परीक्षणों में से पचास हजार परीक्षण सरकारी प्रयोगशालाओं में आरटीपीसीआर के माध्यम से किये गये। उन्होंने कहा कि भारत में सर्वाधिक परीक्षण उप्र में किये जा रहे है।
कोरोना के एक दिन में रिकॉर्ड 96551 नए मामले
कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकारों की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 96551 नए मामले सामने आए हैं, जोकि अबतक एक दिन में आने वाले सबसे ज्यादा मामले हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है।
देश में कोरोना के 45 लाख से अधिक मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना के 45 लाख से अधिक मामले हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में 1209 मरीजों की मौत हुई है। अबतक 45,62,415 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 9,43,480 सक्रिय मामले हैं और 35,42,664 लाख ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, 76271 मरीजों की मौत हो चुकी है।
संक्रमित कुल मरीजों में से 74 प्रतिशत मरीज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेखांकित किया है कि कोविड-19 के उच्च स्तरीय देशव्यापी जांच के माध्यम से समय पर निदान ने उपचार के लिये संक्रमित मरीजों को पृथक-वास में भेजने तथा अस्पताल में भर्ती कराने के लिये बेहतर अवसर प्रदान किया है।
देश में कोरोना वायरस से अब भी संक्रमित कुल मरीजों में से 74 प्रतिशत मरीज, कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित नौ राज्यों में हैं जबकि अब तक हुई कुल मौतों में से 69 प्रतिशत मौत महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में हुई हैं।
मंत्रालय ने कहा, भारत उन कुछ देशों में है जहां रोजाना बड़ी संख्या में जांच की जा रही है । दैनिक जांच क्षमता पहले ही 11 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। देश में प्रयोगशालाओं के बेहतर नेटवर्क और इस तरह की अन्य सुविधाओं से इसमें पर्याप्त सहायता मिली है। इस उपलब्धि के आधार पर प्रति दस लाख पर जांच में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि वह बढ़ते क्रम की निरंतरता की इस प्रवृत्ति को बनाए रखेगा। जनवरी में सिर्फ पुणे में देश की एकमात्र प्रयोगशाला थी और अब देश में इसकी संख्या बढ़ कर 1678 हो गई है। इसमें 1,040 प्रयोगशालाएं सार्वजनिक क्षेत्र की जबकि 638 प्रयोगशालाएं निजी क्षेत्र की हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)