Covid-19 effect: कोरोना के ठीक हुए मरीजों को हो रही दिमागी बीमारी 'ब्रेन फोग', जानें लक्षण और बचाव

By उस्मान | Updated: October 8, 2020 11:20 IST2020-10-08T11:20:04+5:302020-10-08T11:20:04+5:30

कोरोना के दुष्प्रभाव : यह खतरनाक वायरस न सिर्फ किडनी, लीवर और फेफड़ों को बल्कि दिमाग को भी प्रभावित कर रहा है

Coronavirus side effects: COVID-19 patients may experience 'brain fog, what is brain fog, causes, symptoms and prevention in Hindi | Covid-19 effect: कोरोना के ठीक हुए मरीजों को हो रही दिमागी बीमारी 'ब्रेन फोग', जानें लक्षण और बचाव

कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव

Highlightsबीमारी से अब तक 36,396,118 संक्रमित दुनियाभर में अब तक 1,060,469 लोगों की मौत हो कोरोना के त्गीक हुए मरीजों में दिखे ब्रेन फोग के लक्षण

कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है और इस खतरनाक बीमारी से अब तक 36,396,118 संक्रमित हो गए हैं और 1,060,469 लोगों की मौत हो गई है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 68 लाख के पार चली गयी है। कोरोना न सिर्फ किडनी, लीवर और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि यह दिमाग को भी प्रभावित करता है। 

जी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन बताता है कि जो लोग कोरोना वायरस से उबरते हैं, वे पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के कारण 'ब्रेन फॉग' (Brain fog) और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। ब्रेन फोग खुद एक बीमारी नहीं है लेकिन कई मानसिक बीमारियों का कारण बनती है।

Coronavirus affects mental health too – here's what we know – The Future Leadership Institute

कोरोना के ठीक ही एमरीज कभी-कभी एकाग्रता में कठिनाई, सिरदर्द, चिंता, थकान या नींद में कठिनाई का अनुभव करते हैं। मरीजों को हमेशा यह डर बना रहता है कि संक्रमण ने उनके दिमाग को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाया है। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि हर मामले में ऐसा जरूरी नहीं है।

यह अध्ययन पेपर द क्लिनिकल न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट में प्रकाशित हुआ है। मुख्य शोधकर्ता न्यूरोपैसाइकोलॉजिस्ट एंड्रयू लेविन का कहना है कि मानसिक विकार से जुड़े यह लक्षण मरीज के इलाज में बाधा बन सकते हैं इसलिए कोरोना का इलाज से पहले इनका इलाज जरूरी है।

ब्रेन फोग क्या है ?

यह खुद में कोई बीमारी नहीं है बल्कि कई मानसिक बीमारियों का कारण बनती है। इस बीमारी के कारण आपको कई बीमारियां जैसे हमेशा कंफ्यूज रहना, दिमाग कमजोर होना, याददाश्त प्रभावित होना, किसी भी काम में एकाग्र न होगा। इस खतरनाक बीमारी का सबसे ज्यादा असर नौकरी करने वाले, गर्भवती और छात्रों को होता है।

COVID-19 information for epilepsy researchers // International League Against Epilepsy

ब्रेन फोग के लक्षण

यह बीमारी सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करके ब्रेन को अफेक्ट कर देती है। इसे मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस भी कहते हैं। इसमें ज्यादातर लोगों को मेमोरी लॉस, वीक अटेंशन, प्लानिंग करने और बोलने में कठिनाई होने लगते हैं। 

अगर आपको कभी ऐसा लगा है कि आप ठीक से किसी चीज को सोच नहीं पा रहे है या फिर किसी काम में मन लगना या फिर किसी भी चीज का निर्णय लेने में असमंजस हो रही है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। 

ब्रेन फोग के कारण

इस अध्ययन से साबित हो गया है कि कोरोना वायरस इसका एक कारण है। इसके अलावा ज्यादा तनाव या चिंता करना, खान-पान का ध्यान नहीं रखना,  नीमिया, डिप्रेशन, डायबिटीज, माइग्रेन, अल्जाइमर, कैंसर का इलाज, मोनोपॉज, प्रेग्नेंसी और हाइपोथायरॉइडिज्म जैसे विकार भी इसका कारण हो सकते हैं। 

कोरोना काल में बढ़े मानसिक विकार के मामले

कोविड-19 के प्रकोप के बाद से ऑनलाइन मंचों पर भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर मदद मांगने वालों की संख्या बढ़ती हुई देखी गई है। इनमें बेचैनी से लेकर अकेलेपन और अपनी उपयोगिता से लेकर नौकरी चले जाने की चिंता जैसी तमाम समस्याएं शामिल हैं। 

ऐसी स्थिति में मानसिक संतुलन का बिगड़ना आम समस्या है लेकिन अगर समय रहते आपने ध्यान नहीं दिया तो समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है। आपको चिंता, बेचैनी, उदासी, अवसाद जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आपको बेहतर खान-पान, एक्सरसाइज, व्यस्त रहना और अपने परिजनों को समय देना जैसी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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