लाइव न्यूज़ :

COVID 2nd wave symptoms: ब्लैक फंगस के अलावा कोरोना के मरीजों में दिख रहे ये 5 गंभीर लक्षण, तुरंत जांच कराएं

By उस्मान | Updated: May 15, 2021 07:41 IST

डायबिटीज के मरीजों को ब्लैक फंगस का अधिक खतरा है जो अंधेपन का कारण बन सकता है

Open in App
ठळक मुद्देडायबिटीज के मरीजों को ब्लैक फंगस का अधिक खतरा यह फंगल इन्फेक्शन है अंधेपन का कारण बन सकता है लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कराएं

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में लक्षण तेजी से बढ़े हैं। कोरोना के लक्षण हर लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित कर रहे हैं। डायबिटीज के मरीजों को कोरोना का पहले ही जोखिम अधिक था लेकिन अब लक्षण बढ़ने से उनके लिए खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। डायबिटीज के रोगियों को संक्रमण की गंभीरता के साथ-साथ मृत्यु दर का भी अधिक जोखिम है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक क्यों है कोरोना

जाहिर है ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ने से इंसुलिन उत्पादन में कमी आ सकती है और इम्यूनिटी पर भी असर पड़ता है। शुगर के मरीजों को पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मुश्किल हो सकती है, ब्लड फ्लो कम हो सकता है और यहां तक ​​कि ठीक होने में भी काफी समय लग सकता है।

डायबिटीज के मरीजों को वायरल लोड से लड़ने में मुश्किल हो सकती है और इसमें अन्य बीमारियों का भी खतरा हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को कोरोना की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कोरोना काल में डायबिटीज के मरीजों को कुछ लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। 

स्किन रैशेष और कोविड टोएजकोरोना की दूसरी लहर में अधिक असामान्य लक्षण जैसे कि त्वचा पर चकत्ते, सूजन और एलर्जी लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। डायबिटीज के मरीजों को कोविड टोएज, कोविड नेल्स, पित्ती, लाल धब्बे जैसे लक्षण अनुभव किए जाने की अधिक संभावना है। शुगर के मरीजों में घाव ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। इससे सूजन, लाल धब्बे, फफोले की संभावना बढ़ सकती है। 

कोविड निमोनियाशुगर के मरीजों के लिए निमोनिया एक गंभीर जोखिम कारक है। शुगर बढ़ने से सूजन और श्वसन समस्याएं हो सकती हैं। ब्लड ग्लूकोज लेवल वायरस को शरीर में पनपने के लिए आसान बनाता है। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज पीड़ित लोगों के लिए जोखिम समान है। अगर आपको सांस से जुड़ी कोई भी समस्या महसूस होती है, तो आपको जांच करानी चाहिए। 

ऑक्सीजन की कमीऑक्सीजन में गिरावट कोरोना के मरीजों में सबसे बड़ी जटिलताओं में से एक है। शुगर के मरीजों में इम्यून पावर कमजोर हो सकती है। इतना ही नहीं, उन्हें ऑक्सीजन की कमी और संबंधित लक्षणों से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है, जिसमें सांस फूलना, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द शामिल हैं। हाइपोक्सिया यानी ऑक्सीजन लेवल कम होना डायबिटीज के मरीजों में देखा जाना वाला बड़ा लक्षण है। 

ब्लैक फंगसयह एक फंगल इन्फेक्शन है जिसका डायबिटीज के मरीजों को अधिक खतरा है। यह चेहरे की विकृति, सूजन, सिरदर्द और जलन का कारण बनता है। कोरोना से ठीक मरीजों में इसका खतरा अधिक है और यह अंधेपन का कारण भी बन सकता है। 

इस खतरनाक बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई शहरों में इसके उपचार के लिए अलग से सेंटर खोले गए हैं। हालांकि शुगर के मरीजों में यह समस्या पहले भी थी लेकिन अब अचानक इसके मामले बढ़ने लगे हैं।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाडायबिटीजहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत