Covid-19: कोरोना से बचाव के लिए सबसे अच्छा मास्क कौन सा है?, वैज्ञानिकों ने दिया जवाब
By उस्मान | Published: October 31, 2020 08:26 AM2020-10-31T08:26:51+5:302020-10-31T08:26:51+5:30
कोरोना वायरस से बचाव के उपाय : मास्क पहनकर कोरोना वायरस के संक्रमण को कम किया जा सकता है
अगर आपके मन में अभी भी यह सवाल है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सबसे बेस्ट मास्क कौन सा है तो अब आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। वैज्ञानिकों ने एंटीवायरल परत वाला एक ऐसा नया मास्क डिजाइन किया है, जो कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर देगा और इसे पहनने वाला व्यक्ति संक्रमण के प्रसार को कम करने में अहम भूमिका अदा कर सकेगा।
अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, मास्क के कपड़े में एंटी वायरल रसायन की परत होगी जो मास्क के बावजूद सांस के जरिए बाहर निकली छोटी बूंदों को संक्रमण मुक्त करेगी।
लचीले, अधिक कपड़े की परत वाला मास्क बेस्ट
प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने सांस लेने-छोड़ने, छींक, खांसी के अनुकरणों के जरिए यह पाया कि ज्यादातर मास्क में इस्तेमाल होने वाले नॉन-वोवेन कपड़े (लचीले, एक या अधिक कपड़े की परत वाले कपड़े) इस तरह के मास्क निर्माण के विचार के लिए सही हैं।
बूंदों को 82 फीसदी तक संक्रमण मुक्त कर सकता है मास्क
यह अध्ययन जर्नल ‘मैटर’ में बृहस्पतिवार को प्रकाशित हुआ। अध्ययन में पाया गया कि 19 फीसदी फाइबर घनत्व वाला एक लिंट फ्री वाइप (एक प्रकार की सफाई वाला कपड़ा) सांस के जरिए बाहर निकली बूंदों को 82 फीसदी तक संक्रमण मुक्त कर सकता है।
ऐसे कपड़े से सांस लेने में कठिनाई नहीं होती है और प्रयोग के दौरान यह भी सामने आया कि इस दौरान मास्क पर लगा रसायन भी नहीं हटा। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शियाजिंग हुआंग ने बताया कि महामारी से लड़ने के लिए मास्क बेहद महत्वपूर्ण है।
मास्क की डिजाइन पर काम कर रही टीम का लक्ष्य मास्क पहनने के बाद भी सांस के जरिए बाहर निकली बूंदों में मौजूद वायरस को तेजी से निष्क्रिय करना है। इस संबंध में कई प्रयोगों के बाद अनुसंधनाकर्ताओं ने इसके लिए एंटीवायरल रसायन फॉस्फोरिक एसिड और कॉपर सॉल्ट का सहारा लिया। ये दोनों रसायन ऐसे हैं, जो वायरस के लिए प्रतिकूल माहौल तैयार करते हैं।
वॉल्व वाले फेसमास्क नहीं असरदार
एक अन्य अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि वॉल्व वाले फेसमास्क से कोविड-19 को खत्म करने के प्रयास बाधित हो सकते हैं। अमेरिका में फ्लोरिडा अटलांटिक विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने फेस शील्ड और वॉल्व वाले मास्क द्वारा सूक्ष्म बूंदों के प्रसार को बाधित करने संबंधी प्रदर्शन के गुणात्मक दृश्यांकन का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि वहीं वॉल्व वाले फेसमास्क के नतीजें देखने पर पता चलता है कि बड़ी संख्या में बूंदें निर्बाध रूप से वॉल्व से बाहर निकल जाती हैं जो नियंत्रण के एक उपाय के तौर पर उनकी प्रभाव क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से कम करता है।
मास्क पहनते समय इन बातों का रखें ध्यान
नाक और मुंह को करें कवर
मास्क को केवल नाक के ऊपर पहना जाता है ठोड़ी के नीचे नहीं और न सिर्फ मुंह पर। ऐसा करने से नाक खुली रहती है और हवा पास होती रहती है। बेहतर मास्क भी गलत तरीके से पहनने पर सुरक्षा नहीं करता है।
बार-बार मास्क न उतारें
कई लोग मास्क को बार-बार उतारकर डेस्क, फर्श, टेबल या किसी सतह पर रख देते हैं। आपको बता दें कि वायरस सतह से फैलता है। ऐसा करने से आपका मास्क दूषित हो सकता है।
बार-बार मास्क को छूने से बचें
बार-बार मोबाइल फोन, आईपैड, कीपैड या अन्य गैजेट को छूने के बाद मास्क को छूने से भी वो दूषित हो सकता है। इसलिए आपको बार-बार मास्क को छूने से बचना चाहिए।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)