Dharavi Model: इन 4 उपायों से कोरोना की चेन तोड़ने में सफल रही एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी, WHO ने की तारीफ
By उस्मान | Published: July 11, 2020 10:03 AM2020-07-11T10:03:30+5:302020-07-11T10:03:30+5:30
धारावी में जब कोरोना का पहला मामला सामने आया था तो पूरा देश कांप गया था
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी है। बताया जाता है कि यहां करीब 10 लाख लोग रहते हैं। कोरोना वायरस के शुरूआती दिनों जब यहां पहला मामला सामने आया था तो पूरा देश कांप गया था। सबको यह डर था कि यहां वायरस एक बार फैलना शुरू हुआ तो कोई नहीं रोक पाएगा। लेकिन इस बस्ती ने ऐसा नहीं होने दिया और प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना की चेन को तोड़ दिया। यही वजह है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पूरी दुनिया के सामने 'धारावी मॉडल' की तारीफ की है।
डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा
डब्ल्यूएचओ ने धारावी का उदाहरण देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय और वैश्विक एकजुटता के साथ आक्रामक कार्रवाई से महामारी को रोका जा सकता है।
"There are many many examples from around the world that have shown that even if the #COVID19 outbreak is very intense, it can still be brought back under control"-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) July 10, 2020
"In 🇻🇳🇰🇭🇹🇭🇳🇿🇮🇹🇪🇸 & 🇰🇷 & even in Dharavi, a densely packed area in Mumbai, a strong focus on community engagement & the basics of testing, tracing, isolating & treating all those that are sick is key to breaking the chains of transmission & suppressing the virus"-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) July 10, 2020
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम गेब्रेयेसुस ने कहा, 'दुनिया में कई ऐसे उदाहरण हैं कि महामारी गंभीर स्थिति में पहुंचने पर भी इसे दोबारा नियंत्रण में लाया जा सकता है। इनमें से कुछ उदाहरण इटली, स्पेन, साउथ कोरिया और धारावी (मुंबई महानगर का एक अति सघन आबादी वाला इलाका) हैं।
समुदाय को शामिल करने, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन और इलाज संक्रमण के चेन को तोड़ने और वायरस को दबाने के लिए अहम है।'
समुदाय को शामिल करने
धारावी में पहला मामला मिलते है प्रशासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए। सबको यह डर था कि अगर कोरोना वायरस यहां एक बार फैलना शुरू हुआ तो इसे रोकना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए वायरस को रोकने के लिए लोगों को साथ लिया। जागरूकता अभियान चलाया और दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी।
टेस्टिंग
सभी एक्सपर्ट्स यह मान रहे हैं कि वायरस से निपटने के लिए बड़े लेवल पर टेस्टिंग जरूरी है। टेस्टिंग से ही संक्रमितों की पहचान संभव है और उसके आधार पर ही उन्हें अलग करने और अन्य बचाव कार्य तय हो सकते हैं। संक्रमण एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैल रहा है इसलिए टेस्टिंग के जरिये संक्रमितों की पहचान की जा सकती है। धारावी में सरकार ने बड़े लेवल पर टेस्टिंग की और संक्रमितों की पहचान की।
ट्रेसिंग
जैसे-जैसे संक्रमित मिलते गए, उनसे संपर्क में आने वाले लोगों की ट्रेसिंग की गई। इससे यह फायदा मिला कि संक्रमितों को जल्दी से अलग कर दिया गया। एक संक्रामक रोग के प्रकोप के दौरान प्रत्येक बीमार व्यक्ति को ढूंढना और फिर यह पता लगाना कि उन्होंने हाल ही में किसके साथ बातचीत की को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कहा जाता है। इससे कोविड-19 जैसी बीमारियों के प्रकोप को दूर करने में मदद मिलती है।
आइसोलेशन
कोरोना जैसे महामारी को फैलने से रोकने और बचने के लिए आइसोलेशन बहुत जरूरी है। आइसोलेशन कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लिए होता है। कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीज को सबसे अलग आइसोलेशन में रखा जाता है। वो दूसरे लोगों से दूरी बनाकर रहता है। जब तक बहुत जरूरी न हो कोई भी उस कमरे में नहीं जाता है। उनसे सिर्फ मेडिकल प्रोफेशनल्स ही इलाज के लिए मिलते हैं।