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कोरोना वायरस : Quarantine क्या है, कितने दिन का होता है, क्या इससे वायरस से बचा जा सकता है?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 9, 2020 12:20 IST

कोरोना वायरस के बीच कुछ ऐसे शब्द हैं जो आपको रोजाना सुनने को मिल रहे होंगे, जानें क्वारंटाइन शब्द का मतलब

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कोरोना वायरस यानि कोविड-19 के संकट के बीच कई कठिन शब्द सुनने को मिल रहे हैं। उन्हीं में से एक बेहद लोकप्रिय और हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका शब्द है-क्वारंटाइन। आज यह शब्द तकरीबन हर एक की जुबान पर गाहे-बगाहे आ ही जाता है।

क्वारंटाइन का क्या मतलब है

यह एक ऐसा शब्द है जिसका मतलब तो छोड़ो, इसे बोलना ही हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। खैर, इसके तहत किसी भी संक्रामक रोग के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से लोगों की आवाजाही और दूसरों से घुलने-मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। 

वेनेशियन भाषा के मूल शब्द क्वारंटेना का अर्थ 40 दिन होता है। बदलते वक्त के साथ यह क्वारंटाइन हो गया। वैसे मेल-जोल पर प्रतिबंध की अवधि भी घट चुकी है। 

प्लेग से हुई थी शुरुआत

यूरोप में कोरोना से मौत का आंकड़ा 50 हजार को पार कर चुका है। वैसे यूरोप में किसी बीमारी से बड़ी संख्या में मौत का यह कोई पहला मौका नहीं है। 1348-1359 के दौरान प्लेग से यूरोप की 30 प्रतिशत आबादी काल के गाल में समा गई थी। 

पहले 30 दिनों का होता था क्वारंटाइन

जब हालात नहीं सुधरे और संक्रमण का खतरा बढ़ा तो 1377 में क्रोएशिया ने अपने यहां पर आने वाले जहाजों और उन पर मौजूद लोगों को एक द्वीप पर 30 दिनों तक अलग रहने का आदेश जारी किया था। 

जब तक ये तीस दिनों तक था तो उसको ट्रेनटाइन कहा जाता था। इस अलगाव के दौरान इस बात पर बारीकी से नजर रखी जाती थी कि किसी व्यक्ति में प्लेग का कोई लक्षण तो नहीं है। 

बाद में 40 दिन का हो गया क्वारंटाइन

1448 में इस क्वारंटाइन के समय को बढ़ाकर 40 दिन का कर दिया गया था। जब ये 40 दिनों का हुआ तो इसको क्वारंटाइन कहा जाने लगा। उस वक्त इस अवधि का महत्व यह था कि प्लेग का रोगी अमूमन 37 दिन में दम तोड़ देता था। कुछ जिक्र ऐसा भी -706-707 में छठे अल वालिद ने सीरिया के दमिश्क में अस्पताल का निर्माण करवाकर चेचक के मरीजों को वहां रखवाया था।

साल 1431 में ओटोमेंस ने कुष्ठरोगियों के लिए एड्रिन में अस्पताल बनवाया था। फायदा ही हुआ इतिहास गवाह है कि क्वारंटाइन की वजह से प्लेग और फिर यूरोप में 1492 में फैला चेचक, 19वीं शताब्दी की शुरु आत में स्पेन में फैला येलो फीवर और 1831 में हैजे का प्रसार रोकने में मदद मिली थी।

आइसोलेशन और क्वारंटाइन आज की बात की जाए तो जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है और जो इनके संपर्क में आते हैं या आने की आशंका हो उन्हें क्वारंटाइन में।

सोशल डिस्टेनिंग (Social distancing)

लोगों की ऐसी भीड़ में जाने से बचें, जहां लोगों को छींकने, खांसी या बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं। यदि वहां जाना महत्वपूर्ण है, तो पुष्टि करें कि उन लोगों में इस तरह के कोई लक्षण न हों।

सेल्फ डिस्टेनिंगआप जहां भी जाएं, सुनिश्चित करें कि आप किसी से भी नहीं मिलेंगे। यदि आप किसी से मिलते हैं, तो 3 फीट की दूरी बनाए रखें। इसे आज की 'लक्ष्मणरेखा' समझ लें। सुनिश्चित करें कि आपकी वर्किंग टेबल साफ है।  

आइसोलेशन (Isolation Meaning)

यदि आप कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं, तो मास्क पहनें। एक पूरी तरह हवादार कमरे में रहें। एसी ने चलाएं। 10 एक्सचेंज्स वाला एयर प्यूरीफायर लगाएं ताकि कमरा बिल्कुल साफ हो। एक कमरे में केवल एक व्यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति दी जाए। इसमें व्यक्ति को मास्क पहनना चाहिए, और 3 फीट की दूरी बनाए रखनी चाहिए। यह आमतौर पर किसी होटल या अस्पताल में किया जाता है।

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