कोरोना वायरस जितनी तेजी से फैल रहा है, उतनी ही तेजी से इससे जुड़ीं कई गलतफहमियां भी फैल रही है। इसी का नतीजा है कि देश में मुर्गी और अंडे की थोक कीमतों में 15-30 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले कई हफ्तों से व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर यह अफवाह फैल रही है कि चिकन या अंडे के सेवन से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा है।
इकोनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते दिल्ली में अंडे की कीमतें 358 रुपये (100 अंडे) थी, जोकि पिछले साल 441 रुपये (100 अंडे) थी। इसी तरह दिल्ली में ब्रॉयलर चिकन की कीमतें इस हफ्ते 78 रुपये किलोग्राम तक आ गई जबकि तीसरे हफ्ते तक चिकन की कीमतें 87 रुपये प्रति किलो थी।
सवाल यह है कि क्या वाकई कोरोना वायरस चिकन या अंडों के जरिये फैल सकता है?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाइजीरिया सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने इस अफवाह को नकार दिया है। एनसीडीसी का कहना है कि डायस वायरस का ब्रॉयलर चिकन से कोई लिंक नहीं मिला है। हालांकि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं कि क्या एनिमल इस वायरस के वाहक हो सकते हैं।
इधर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा है कि चिकन या अंडे खाने से कोरोना वायरस फैल सकता है। who के ऑफिसियल वेबसाइट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि आपको इस वायरस से बचने के लिए कच्चे या अधपका मांस खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा आपको बीमार या किसी बीमारी से मृत पशुओं के मांस को खाने से बचना चाहिए।
चीन में घातक कोरोना वायरस से 150 और लोगों की मौत के बाद इससे मरने वालों की संख्या 2,592 हो गई है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि 31 प्रांत स्तरीय क्षेत्रों में रविवार को इसके 409 मामले सामने आए हैं और 150 लोग इससे मारे गए । एनएचसी ने कहा कि चीन में इसके कुल 77,150 मामलों की पुष्टि हो गई है और रविवार तक इससे 2,592 लोग मारे गए थे।
उसने बताया कि 150 में से 149 लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है, जहां इस वायरस का सबसे अधिक प्रकोप है। एनएचसी ने हालांकि कहा कि मामलों की संख्या में गिरावट आ रही है।
इस बीच, डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की एक टीम ने इस वायरस के बारे में विस्तृत जांच के लिए हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान का दौरा किया। इस दल ने तोंग्जी अस्पताल, अस्थायी अस्पताल बनाए गए वुहान स्पोर्ट्स सेंटर और रोग नियंत्रण और रोकथाम के प्रांतीय केन्द्रों का दौरा किया और चिकित्सीय जांच के अलावा इसको नियंत्रित करने और रोकने के तरीकों के बारे में जानकारी ली।
ऐसा माना जाता है कि वायरस गत वर्ष दिसंबर में कथित तौर पर एक ‘सीफूड’ बाजार से फैला। गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को कहा था कि कोरोना वायरस देश का सबसे बड़ा जन स्वास्थ्य आपातकाल है। शी ने कोविड-19 प्रकोप की रोकथाम और नियंत्रण के लिये प्रयास दोगुने करने को लेकर बुलाई गई बैठक में कहा था , '' यह तेजी से और दूर तक फैलने वाला वायरस है और इस पर नियंत्रण पाना तथा इसे रोकना बहुत मुश्किल काम है।''
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)