Coronavirus medicine: भारत में कोरोना दवाओं को लेकर बदलने वाले हैं नियम, संभलकर लें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी ये 4 दवाएं
By भाषा | Published: June 12, 2020 03:15 PM2020-06-12T15:15:12+5:302020-06-12T15:21:21+5:30
Coronavirus medicine: बताया जा रहा है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा चालू रहेगी और एजीथ्रोमायसीन को उपचार से हटाया जा सकता है
भारत में मरने कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और भारत अब कोरोना प्रभावित देशों की लिस्ट में चौथे स्थान पर आ गया है। देश में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 8,501 हो गई है और 298,283 लोग संक्रमित हुए हैं।
कोरोना का कोई इलाज, दवा या टीका नहीं है। कोरोना के मरीजों को फिलहाल अलग-अलह एंटीवायरल और मलेरिया की दवाएं दी जा रही है। इस बीच भारत में दवाओं को लेकर कई बदलाव हुए हैं।
जल्द ही जारी होने वाले संशोधित क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देशों के मुताबिक कोविड-19 से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों पर 'आपात स्थिति एवं सहानुभूति के अधार पर' एंटी-वायरल दवा ‘रेमडेसीवीर’ और ‘टोसीलीजुमैब’ के सीमित उपयोग पर विचार किया जा रहा है।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग जारी रखा जाएगा
इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बहुचर्चित मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ का उपयोग जारी रखा जाएगा, जबकि ‘एजीथ्रोमायसीन’ को उपचार प्रक्रिया से हटाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 31 मई को जारी क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देश में गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखे जाने की जरूरत वाले कोविड-19 रोगियों पर एजीथ्रोमायसीन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग का सुझाव दिया गया था।
टोसीलीजुमैब का उपयोग प्रयोगिक आधार पर किया जाएगा
एक सूत्र ने कहा, ‘‘चूंकि कोविड-19 एक नया रोग है और इसके लिये अभी तक कोई दवा या टीका नहीं है, ऐसे में उपचार प्रक्रिया की उभरती स्थितियों के आधार पर समय-समय पर समीक्षा की जा रही है।’’
सूत्र ने कहा कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने वाली दवा टोसीलीजुमैब का उपयोग प्रयोगिक आधार पर किया जाएगा। साक्ष्य के आधार पर कुछ और दवाइयां ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के साथ में उपयोग की जा सकती है, लेकिन इस बारे में अभी कोई आम सहमति नहीं बनी है।
कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्य बल के विशेषज्ञ कोविड-19 के लिये नये क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देश को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसने रविवार को अपनी बैठक की थी।
रेमडेसीवीर सीमित उपयोग होगा
भारत के औषधि नियामक ने पिछले सप्ताह अमेरिकी औषधि कंपनी गिलीड साइंसेज को अपनी दवा रेमडेसीवीर को देश में अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर ‘आपात स्थिति में सीमित उपयोग’ के लिये विपणन अधिकार प्रदान कर दिये।
आपात स्थिति और कोरोना वायरस महामारी के फैलने को लेकर दवाइयों की अत्यधिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेमडेसीवीर की मंजूरी प्रक्रिया तेज की गई।एक सूत्र ने कहा, ‘‘इंजेक्शन के रूप में रोगी को दी जाने वाली इस दवा को सिर्फ अस्पताल या संस्थागत स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में उपयोग के लिये विशेषज्ञों की सलाह पर खुदरा बिक्री की मंजूरी दी गई है।’’
भारत अभी यह रेमडेसीवीर नहीं बनाता है। चार कंपनियों--हेटेरो, जुबलिएंट साइंसेज, सिप्ला और मायलन एन वी--के साथ गिलीड साइंसेज इंक ने गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है।
हालांकि, इसे अभी भारतीय औषधि महानित्रंक (डीसीजीआई) से अनुमति नहीं मिली है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अस्पताल में भर्ती एवं गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिये रेमडेसीवीर के आपात स्थिति उपयोग की इजाजत दी है।
भारत में पहली बार कोविड-19 के नये मामले 10,000 के पार पहुंचे
देश में पहली बार चौबीस घंटों में कोविड-19 संक्रमण के नये मामले 10,000 के पार पहुंच गए हैं और संक्रमण के कुल मामले 2,97,535 हो गए हैं जबकि एक दिन में कुल संक्रमित लोगों में से सबसे अधिक 396 संक्रमित लोगों की मौत के साथ मृतक संख्या 8,498 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 10,956 नये मामले सामने आए। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक कोरोना वायरस के मामलों के लिहाज से बृहस्पतिवार को भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया का चौथा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया।