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Coronavirus : क्या कोरोना वायरस हवा में फैल रहा है ?, जानिये WHO ने इस पर क्या कहा

By उस्मान | Updated: March 24, 2020 11:08 IST

Coronavirus : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी कि कोरोना वायरस के उपचार में बिना परीक्षण वाली दवाओं का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है

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चीन से महामारी बनकर निकला कोरोना वायरस अब तक दुनियाभर के 16,558 लोगों क डस चुका है। इस खतरनाक वायरस की चपेट में दुनिया के लगभग पूरे देश आ चुके हैं। इससे अब तक 381,644 लोग संक्रमित हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। 

इनमें सबसे ज्यादा मौत इटली में (6,077) हुई हैं इसके बाद चीन में (3,277), स्पेन में (2,311) और ईरान में 1,812 लोगों की जान गई। अगर बात करें भारत की तो, यहां अब तक मरीजों की संख्या बढ़कर 499 हो चुकी है और दस लोगों की मौत हो गई है। देश के 23 राज्य इसकी चपेट में हैं। 

जैसे-जैसे कोरोना वायरस अपने पैर पसारता जा रहा है, वैसे ही इससे जुड़े मिथक भी तेजी से फैल रहे हैं। मिथक फैलने का सबसे बड़ा नुकसान यह हो रहा है कि लोगों में दहशत का माहौल बन रहा है, जिससे स्थिति और ज्यादा भयानक हो सकती है। 

सोशल मीडिया पर अफवाह फैल रही है कि कोरोना वायरस एक चरण में हवा के जरिये भी फैलना शुरू हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो दुनिया में भारी तबाही मचेगी। हालांकि इस तरह की अफवाहों वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने पूरी तरह झूठ बतलाया है।

क्या हवा से नहीं फैलता कोरोना वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की प्रमुख डॉ। पूनम खेत्रपाल सिंह के अनुसार, 'कोरोना वायरस के अभी तक हवा में फैलने की रिपोर्ट नहीं है और अधिकांशत: यह सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (रेसपिरेटरी डॉप्लेट्स) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। 

सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहों के फैलने के मद्देनजर उनका बयान आया है कि नोवल कोरोना वायरस हवा में फैल रहा है। सिंह ने कहा, कोरोना वायरस के हवा में फैलने की रिपोर्ट नहीं है। अभी तक प्राप्त सूचना के आधार पर कोविड-19 अधिकांशत: सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (जैसे कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। इसलिए डब्लूएचओ हाथ और श्वसन स्वच्छता की अनुशंसा करता है।' 

उन्होंने कहा कि चीन के अधिकारियों ने सूचना दी कि अपेक्षाकृत बंद परिवेश में एयरोसोल संचरण कर सकता है जैसे अस्पतालों के आईसीयू एवं सीसीयू में अधिक सघनता वाले एयरोसोल के संपर्क में आने से। उन्होंने कहा,  'बहरहाल वायरस के इस तरह से फैलने के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आंकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है।' 

क्कोया कोरोना वायरस की भी तक कोई दवा बनी है

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी कि कोरोना वायरस के उपचार में बिना परीक्षण वाली दवाओं का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है और इससे झूठी उम्मीदें जग सकती हैं। 

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टी। ए। गेब्रेयेसस ने कहा, 'बिना सही साक्ष्य के बिना परीक्षण वाली दवाओं का इस्तेमाल करने से झूठी उम्मीदें जग सकती हैं और यह लाभ के बजाए ज्यादा नुकसान कर सकती हैं और आवश्यक दवाओं की कमी हो सकती है जिनकी जरूरत अन्य बीमारियों के उपचार में होती हैं। 

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