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भारत में कोरोना के मामले 10 लाख पार, 25 हजार से ज्यादा मौत, 63.25% मरीज हुए स्वस्थ, इन 6 कारणों से तेजी से ठीक हो रहे हैं मरीज

By उस्मान | Updated: July 17, 2020 08:37 IST

Coronavirus in India: जानिये ऐसे क्या कारण हैं जो भारतीय बहुत जल्दी कोरोना से वायरस संक्रमण से मुक्त हो रहे हैं

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ठळक मुद्देदेश में अब कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10,00,202 हो गयीकुल मामलों में, 63.25 प्रतिशत मरीज अब तक संक्रमण मुक्तअब तक 25,553 लोगों की मृत्यु हो गयी है

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप और ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को 10 लाख के पार चली गयी, वहीं संक्रमण से अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

देश में अब कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10,00,202 हो गयी है। वहीं, संक्रमण से अब तक 25,553 लोगों की मृत्यु हो गयी है। दुनियाभर में संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से भारत का स्थान अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा है। 

63.25 प्रतिशत मरीज अब तक हुए संक्रमण मुक्त

मंत्रालय ने कहा, 'कोविड-19 के कुल मामलों में, 63.25 प्रतिशत मरीज अब तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। साथ ही इलाजरत मामलों में क्रमिक रूप से कमी आई है। मध्य जून में यह आंकड़ा करीब 45 प्रतिशत था, जो अब घटकर करीब 34.18 प्रतिशत रह गया है।

मरीजों के सही होने का कारण

संक्रमण के मामलों की समय पर पहचान और क्लीनिकल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने से कोविड-19 के रोगियों के तेजी से सही होने में मदद मिल रही है। अब स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या इलाज करा रहे कोविड-19 रोगियों से 2,81,669 अधिक हो गयी है। 

मरीजों का सर्वेक्षण

घर-घर जा कर सर्वेक्षण करना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों का समय पर पता लगाना, बड़े पैमाने पर जांच करना, समय पर रोग का पता लगाना और कारगर क्लीनिकल प्रबंधन जैसे उपायों से कोविड-19 से उबरने की संभावना बढ़ी है।

टेस्टिंग बढ़ाने से मिला फायदा

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के संयुक्त प्रयासों से जांच क्षमता बढ़ाने, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा विस्तारित करने, मामलों की निगरानी को वरीयता देने और वृद्ध आबादी एवं पहले से बीमारियों से ग्रस्त लोगों का सर्वेक्षण किये जाने से देश भर में कोविड-19 से उबरने की दर लगातार बेहतर होती जा रही है। 

आरटी-पीसीआर टेस्ट

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के अनुरूप जांच बढ़ाने से मामलों की शुरूआत में ही पता लगाने में मदद मिली है। इनमें आरटी-पीसीआर जांच शामिल है, जो कोविड-19 जांच के लिये एक भरोसेमंद मानक है। 

रैपिड एंटीजन प्वाइंट ऑफ केयर टेस्ट

साथ ही रैपिड एंटीजन प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) जांच से भी आधे घंटे के अंदर परिणाम मिल जाते हैं। मंत्रालय ने कहा कि इससे निरूद्ध एवं बफर क्षेत्रों में जांच कार्य में तेजी आई है। इससे संक्रमण के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण मदद मिली है। 

प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ी

अब तक 1,27,39,490 नमूनों की जांच की जा चुकी है। बयान में कहा गया है कि सभी पंजीकृत चिकित्सक जांच कराने का परामर्श लिख सकते हैं। देश में जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 1,234 हो गई है जिनमें 874 सरकारी और 360 निजी हैं।  

विशेष कोविड अस्पताल

देश में 1,381 विशेष कोविड अस्पताल, 3,100 विशेष कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और कुल 46,666 आईसीयू बिस्तरों के साथ 10,367 कोविड देखभाल केंद्र, अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में शामिल हैं। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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