भारत में कोविड-19 के 82,170 नए मामले सामने आने से सोमवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 60 लाख को पार कर गये, जबकि 74,893 लोगों के संक्रमणमुक्त होने के साथ देश में ठीक हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 50.17 लाख हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में संक्रमण से 1,039 लोगों की मौत होने से मृतकों की कुल संख्या 95,542 हो गई।
ठीक होने की दर 82.58 प्रतिशतदेश में कोरोना वायरस के कुल मामले 60,74,702 तक पहुंच चुके हैं, जबकि 50,16,520 लोग अब तक इस बीमारी से उबर चुके हैं, जिससे देश में मरीजों के ठीक होने की दर 82.58 प्रतिशत तक पहुंच गई तथा मृत्यु दर घटकर 1.57 प्रतिशत रह गई है।
अब तक 7.20 करोड़ नमूनों की जांचदेश में कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) के 9,62,640 मरीजों का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 15.85 प्रतिशत है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार, देश में अब तक 7.20 करोड़ नमूनों की जांच हो चुकी है। रविवार को 7.09 लाख नमूनों की जांच हुई थी।
क्या हवा के जरिये फैल रहा है वायरससीएसआईआर के सेल्युलर और आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) ने कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से वायरस के हवा में प्रसार की दूरी और वातावरण में मौजूद रहने वक्त को लेकर अस्पताल के वातावरण में एक अध्ययन शुरू किया है। इसका मुख्य मकसद स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने बताया कि करीब 10 दिन पहले शुरू हुए अध्ययन का उद्देश्य यह जानना है, कि क्या वायरस वास्तव में हवा के जरिए फैल सकता है और यदि ऐसा होता है, तो यह कितनी दूर तक जा सकता है और कितनी देर तक मौजूद रह सकता है। इसका मुख्य मकसद संक्रमित से वाजिब दूरी तक कर स्वास्थ्य कर्मियों की मदद करना है।
WHO को वैज्ञानिकों ने दिए थे सबूतविश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को करीब दो महीने पहले 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने पत्र लिख कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने के सबूत होने का दावा किया था और अब उसी दिशा में यह अध्ययन शुरू किया गया है।
कितनी दूर तक फैल सकता है वायरसमिश्रा ने बताया कि अध्ययन के परिणाम के आधार पर, सीसीएमबी में बैंक या मॉल जैसे बंद हॉल या सार्वजनिक स्थानों के नमूने ले सकता है ताकि वहां प्रसार की संभावना का आकलन किया जा सके। उन्होंने कहा, 'हम यह देखेंगे कि संक्रमण के स्रोत (मरीज) से कितनी दूरी तक और कितने समय तक वायरस हवा में रह सकता है।'
कितनी देर हवा में रह सकता है कोरोनाअध्ययन के तहत, गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) या कोविड-19 वार्ड जैसे अस्पताल के विभिन्न स्थानों से मरीज के दो, चार और आठ मीटर जैसी अलग-अलग दूरी से 'एयर सैम्पलर' का इस्तेमाल करके नमूने एकत्र किए जाएंगे।
मिश्रा ने कहा कि इसका लक्ष्य यह पता लगाना है कि वायरस कितनी दूर तक जा सकता है और कितनी देर तक हवा में रह सकता है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए यह पता लगाना चाहते हैं कितनी दूरी सुरक्षित है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)