Delta variant: इन 5 तरह के लोगों को है 'डेल्टा वैरिएंट' का ज्यादा खतरा, वायरस से बचने के लिए करें ये 8 काम
By उस्मान | Updated: July 1, 2021 10:14 IST2021-07-01T10:04:59+5:302021-07-01T10:14:58+5:30
कोरोना के डेल्टा रूप को ज्यादा घातक माना जा रहा है और इसे तीसरी लहर का संभावित कारण भी बताया जा रहा है

कोरोना वायरस
कोरोना वायरस की दूसरी लहर धीमी हो गई है और अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। दरअसल समय के साथ कोरोना वायरस और ज्यादा घातक होता जा रहा है। कोरोना अपने रूप बदल रहा है और हर रूप कई नए लक्षण और मुसीबत साथ ला रहा है।
सबसे ज्यादा खतरा कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर बना हुआ है। इसके डेल्टा प्लस वैरिएंट को एक्सपर्ट्स ज्यादा घातक मान रहे हैं और तीसरी लहर का कारण भी मान रहे हैं।
कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद से, कई नए रूप सामने आए हैं और दुनिया भर में कहर बरपा रहे हैं। डेल्टा संस्करण के बारे में कहा जता है कि इसकी वजह से दूसरी लहर शुरू हुई थी। अब यह स्ट्रेन, डेल्टा प्लस में बदल गया है, जो कभी भी तबाही मचा सकता है। इसे तीसरी लहर का कारण माना जा रहा है।
क्या टीके नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभ में टीकों को कोविड के अल्फा वेरिएंट को ध्यान रख कर विकसित किया गया था। इस बात की संभावना है कि डेल्टा वेरिएंट टीके द्वारा जारी एंटीबॉडी को पार करने की क्षमता रखते हैं।
वैज्ञानिकों ने यह भी चिंता जताई है कि नए वेरिएंट में ऐसे गुण होते हैं जो उन्हें प्रतिरक्षा सुरक्षा से बचने में मदद करते हैं और साथ ही साथ वैक्सीन संचालित सुरक्षा को चकमा देने में भी मदद करते हैं।
हालांकि कई अध्ययनों ने दावा किया है कि कुछ टीके डेल्टा संस्करण सहित नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकते हैं। कोविशील्ड और कोवैक्सिन के अलावा, रूस निर्मित टीका स्पुतनिक वी भी डेल्टा संस्करण के खिलाफ प्रभावी साबित हुआ है।
डेल्टा का अधिक जोखिम किसे है?
यूके के अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट अधिक खतरनाक है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का दावा है कि कम उम्र के लोगों, बिना टीकाकरण वाले और आंशिक रूप से टीकाकरण वाले व्यक्तियों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
फरवरी की शुरुआत और मध्य जून के बीच 92,029 मामलों का मूल्यांकन किया गया जो डेल्टा संस्करण के थे। जिनमें से 82,500 मामले उन लोगों में सामने आए जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी और उनमें से अधिकांश का टीकाकरण नहीं हुआ था।
हालांकि, डेटा ने बताया कि डेल्टा प्रकार के कारण होने वाली मौतों के 117 मामले थे, जिनमें से अधिकांश 50 वर्ष से अधिक थे। अब तक, 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 6 लोग 50 से कम और बिना टीकाकरण वाले थे, जबकि 2 को आंशिक रूप से टीका लगाया गया था।
डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है ?
डेल्टा प्लस वैरिएंट 'डेल्टा' वैरिएंट का घातक रूप है, जो पहले भारत में पाया गया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट अब तक 85 देशों में पाया गया है, और दक्षिण अफ्रीका में इसका असर सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिला है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रामक रोग विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा वैरिएंट के कारण देश पहले से ही संक्रमण की तीसरी लहर का अनुभव कर रहा है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण क्या हैं?
भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट ने कहा है कि डेल्टा प्लस संस्करण में डेल्टा के साथ-साथ इसके साथी बीटा संस्करण के लक्षण भी हैं। इनमें से कुछ लक्षणों में खांसी, दस्त, बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, उंगलियों और पैर की उंगलियों का रंग बदलना, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। विशेषज्ञों द्वारा सूचीबद्ध और डेल्टा प्लस संस्करण के लिए जिम्मेदार अन्य लक्षण हैं: पेट में दर्द, मतली और भूख में कमी।
डेल्टा प्लस से बचने के उपाय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि जब डेल्टा प्लस कोरोना वायरस वैरिएंट से लड़ने की बात आती है, तो फेस मास्क पहनना और वैक्सीन लगवाना जैसे इससे बचने के उपाय हैं।
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोते रहें।
- हो सके तो घर से बाहर ही न निकलें और अगर जा भी रहे हैं, तो मास्क पहनकर जायें और सैनिटाइजर साथ रखें।
- अपने मास्क और किसी भी चीज को छूने से बचें।
- संक्रमित लोगों और अन्य लोगों से कम से कम मीटर की दूरी बनाकर रखें।
- छींकते या खांसते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से कवर करें और टिश्यू पेपर को सही जगह फेंके।
- अगर आपका स्वास्थ्य पहले से ही खराब है तो आप घर के अंदर ही रहें।
- स्मोकिंग से बचें और फेफड़ों को प्रभावित करने वाली चीजों से दूरी बना लें।
- कोरोना वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका तो यह है कि अप बेवजह घर से बाहर ही न निकलें।