लाइव न्यूज़ :

मल में खून, थकान, एनीमिया, ये हैं आंत के कैंसर की पहली स्टेज के 8 लक्षण, समझें और समय पर इलाज कराएं

By उस्मान | Updated: October 8, 2021 08:28 IST

यदि आपकी बॉडी में बिना कारण के वजन कम हो रहा है, मल में खून आ रहा है, थकान, एनीमिया, आंतों में बदलाव या उल्टी जैसे लक्षण नजर आ रहे है तो आप सावधान हो जाएं

Open in App
ठळक मुद्देयदि आपकी बॉडी में बिना कारण के वजन कम हो रहा है, मल में खून आ रहा है तो सतर्क हो जाएंकिसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करेंसमय पर सही इलाज है जरूरी

कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। कैंसर के कई प्रकार है जिसमें आंत का कैंसर (colorectal cancer) भी है जिसे पेट का कैंसर भी कहा जाता है। यह कोलन या मलाशय में शुरू होता है।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह कहां से शुरू होता है। कैंसर तब शुरू होता है जब शरीर में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगती हैं। शरीर के लगभग किसी भी हिस्से में कोशिकाएं कैंसर बन सकती हैं और शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकती हैं। 

यदि आपकी बॉडी में बिना कारण के वजन कम हो रहा है, मल में खून आ रहा है, थकान, एनीमिया, आंतों में बदलाव या उल्टी जैसे लक्षण नजर आ रहे है तो आप सावधान हो जाए क्योकि ये सभी कोलोरेक्टर कैंसर के लक्षण है। वैसे तो कैंसर का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं और सोचते हैं कि इस बीमारी का इलाज ही नहीं है, लेकिन कैंसर का पता जल्द लगने पर इसका इलाज संभव है। 

आंत के कैंसर के लक्षण

कैंसर डॉट ऑर्ग के अनुसार, आंत के कैंसर के लक्षण तुरंत नजर नहीं आते हैं लेकिन स्थिति गंभीर होने पर आप कुछ लक्षण अनुभव कर सकते हैं जिनमें मुख्यतः आंत में कुछ समस्या होना जैसे दस्त, कब्ज या मल का संकुचित होना, जो कुछ दिनों से अधिक समय तक रहता है, ऐसा महसूस होना कि आपको मल त्याग करना है और एक बार करने से राहत नहीं मिलती, मल में खून आना, मल का रंग बदलकर डार्क दिखना, पेट में ऐंठन या पेट दर्द, कमजोरी, थकान और बेवजह वजन कम होना शामिल हैं।

इन लक्षणों के अलावा आंत का कैंसर होने पर कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जिसमें संक्रमण, बवासीर या आईबीएस शामिल है। यदि आपको इनमें से कोई समस्या है, तो अपने चिकित्सक को तुरंत मिलें ताकि आपको इसका कारण ढूंढा जा सके और इलाज किया जा सके।  

आंत के कैंसर के कारण

डॉक्टर निश्चित नहीं हैं कि ज्यादातर पेट के कैंसर के कारण क्या हैं। सामान्य तौर पर आंत का कैंसर तब शुरू होता है, जब पेट में स्वस्थ कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) विकसित करती हैं। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने के लिए एक क्रमबद्ध तरीके से बढ़ती और विभाजित करती हैं। लेकिन जब किसी कोशिका का डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है और कैंसर हो जाता है। 

एस्पिरिन आंत के कैंसर को रोकने में मददगार

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुखार के लिए निर्धारित एस्पिरिन ट्यूमर के विकास को कम कर सकती है और आंत के कैंसर को बढ़ने से रोक सकती है। अमेरिका में क्लिनिकल रिसर्च सेंटर  सिटी ऑफ होप के शोधकर्ताओं के अनुसार, एस्पिरिन में कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस और गठिया जैसी पुरानी सूजन से होने वाली बीमारियों को रोकने की क्षमता है। 

अध्ययन के सह-लेखक अजय गोयल ने कहा, 'इन बीमारियों से बचने के लिए एस्पिरिन का उपयोग अभी इसलिए नहीं किया जा रहा क्योंकि इनका अधिक सेवन करने से पेट की परत पर असर पड़ता है जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और अन्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। गोयल ने कहा, हम आंत के कैंसर के इलाज और रोकथाम के लिए एस्पिरिन की सही मात्रा की खोज करने के करीब पहुंच रहे हैं ताकि इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सके।

टॅग्स :कैंसरहेल्थ टिप्सMedical and Healthमेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत