लाइव न्यूज़ :

कोरोना मरीजों पर black fungus रोग की काली छाया, आंखों की रोशनी छीन रहा, जानें बीमारी की 8 बड़ी बातें

By उस्मान | Updated: May 11, 2021 09:00 IST

कोरोना से ठीक हुए मरीजों में बढ़ रहा है इस खतरनाक बीमारी का खतरा

Open in App
ठळक मुद्देकोरोना से ठीक हुए मरीजों में बढ़ रहा है इस खतरनाक बीमारी का खतराकई शहरों में बढ़ने लगे हैं मामलेडायबिटीज के मरीजों को इसका अधिक खतरा

कोरोना वायरस के ठीक हुए मरीजों में फंगल इन्फेक्शन 'ब्लैक फंगस' (Black fungus) का खतरा बढ़ने लगा है. मेडिकल भाषा में इसे Mucormycosis कहा जाता है. बताया जा रहा है कि यह मरीजों में अंधेपन की वजह बन रहा है. साथ ही कई समस्याओं को जन्म दे रहा है. देश कई कई शहरों में इसके मामले बढ़ने लगे हैं. हम आपको इस बीमारी से जुड़ी कुछ बातें बता रहे है जिनसे आपको इसे समझने, बचाव और इलाज में मदद मिल सकती है. 

1) इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि कोरोना के मरीज, डायबिटीज के मरीज और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में अगर साइनस, दर्द या चेहरे के एक तरफ नाक की रुकावट और सिर के एक हिस्से में दर्द हो रहा है, तो उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए. इसके अलावा दांत और मसूड़ों में सूजन या सुन्नता, दांत दर्द और दांतों का ढीला होना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

2) इस बीमारी के कारण नाक पर कालापन या मलिनकिरण हो सकता है, धुंधली या दोहरी दृष्टि, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और खून खांसी हो सकती है. इस बीमारी का खतरा खासकर डायबिटीज के मरीजों को अधिक है. 

3) आईसीएमआर ने कहा कि कोविड -19 के ऐसे रोगी फंगल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं, जिन्होंने अपने वायरस उपचार के दौरान स्टेरॉयड का उपयोग किया था, और जो लंबे समय तक अस्पताल में रहे थे। 4) मीडिया रपटों के अनुसार, महाराष्ट्र कई जिलों, मुंबई और गुजरात के कई शहरों में इसके मामले देखने को मिले हैं. आईसीएमआर की एक वैज्ञानिक अपर्णा मुखर्जी ने कहा हिया कि इससे घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन आपको सलाह लेनी होगी कि आपको कब क्या करना है।

5) चंडीगढ़ में सेंटर ऑफ एडवांस रिसर्च इन मेडिकल माइकोलॉजी के प्रमुख अरुणालोक चक्रवर्ती ने कहा कि कोरोना से पहले भी यह रोग अधिकांश देशों की तुलना में भारत में अधिक आम था, खासकर डायबिटीज के मरीजों में।

6) मुंबई के फोर्टिस अस्पताल में ऑप्टोलॉमी के प्रमुख पी सुरेश ने कहा कि उनके अस्पताल ने पिछले दो हफ्तों में कम से कम 10 ऐसे रोगियों का इलाज किया है. उन्होंने कहा कि कुछ की मृत्यु हो गई थी और कुछ की आंखों की रोशनी चली गई थी।

7) स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण के इलाज के तरीके के बारे में एक सलाह जारी की। अहमदाबाद स्थित संक्रामक रोग विशेषज्ञ अतुल पटेल ने बताया कि कोरोना के रोगियों में ठीक होने के बाद इसके मामले लगभग चार से पांच गुना अधिक हैं। 

8) राज्य के अस्पतालों के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात के चार शहरों में अब तक कुछ 300 मामले सामने आए हैं. राज्य ने सरकारी अस्पतालों को ब्लैक फंगस से संक्रमित रोगियों के लिए अलग से उपचार वार्ड स्थापित करने का आदेश दिया। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यगर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक: अध्ययन

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यडॉ. रोहित माधव साने को “Personality of the Year 2025” का सम्मान

स्वास्थ्यमहिला 30 साल की उम्र पार करती है तो चिंता होने लगती?, क्या मैं मां बन सकती हूं, जानें स्त्री रोग विशेषज्ञ ने क्या कहा

स्वास्थ्य"परदेश जाना पर एड्स ना लाना"?, 2025 में सर्वाधिक महिलाएं एचआईवी संक्रमित, सीतामढ़ी में 7400 से ज़्यादा संक्रमित

स्वास्थ्यबोतलबंद पानी पीने वाले हो जाएं अलर्ट?, शोध में खुलासा, माइक्रोप्लास्टिक्स, रासायनिक अवशेष और बैक्टीरिया शामिल, बॉडी को लेकर हानिकारक?

स्वास्थ्यनागपुर विधानसभा सत्रः 176 खुदरा और 39 थोक विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द, मंत्री नरहरि जिरवाल ने कहा-खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री को लेकर एक्शन