अमित शाह स्वाइन फ्लू की चपेट में, इस खतरनाक बीमारी का काल हैं ये 3 घरेलू उपाय, 2 दिन में दिखेगा असर
By उस्मान | Published: January 17, 2019 11:17 AM2019-01-17T11:17:40+5:302019-01-17T11:17:40+5:30
स्वाइन फ्लू एक प्रकार का वायरल बुखार है जो एच1एन1 वायरस से फैलता है। ठंड की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है। वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही ये ज्यादा तेजी से फैलने लगता है। यही वजह है कि मौसम के बदलने से इसके मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाहस्वाइन फ्लू की बीमारी से जूझ रहे हैं। इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। शाह ने स्वाइन फ्लू होने की जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी थी और कहा है कि जल्द स्वस्थ हो जाऊंगा। हालांकि इलाज के लिए उन्हें अभी कितना वक्त लगेगा, अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है।
स्वाइन फ्लू एक प्रकार का वायरल बुखार है जो एच1एन1 वायरस से फैलता है। ठंड की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है। वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही ये ज्यादा तेजी से फैलने लगता है। यही वजह है कि मौसम के बदलने से इसके मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि H1N2,H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य सूअरों में मौजूद रहते हैं। हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं, मुख्यतः संक्रमित सूअरों के साथ निकट संपर्क में आने के बाद से यह हो सकता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण symptoms of swine flu
नाक बहना, छींक आना, सर्दी खांसी, मांसपेशियां में दर्द या अकड़न, सिरदर्द, नींद नहीं आना, थकान, बुखार, गले में खराश आदि स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्षण हैं। इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
- स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है
- खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है
आराम करना हो सकता है मददगार
स्वाइन फ्लू से बचाव इसे रोकना का बड़ा उपाय है, हालांकि इसका इलाज भी अब मौजूद है। आराम करना, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना इसका सबसे बेहतर है। शुरुआत में पैरासीटमॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं। बीमारी के बढ़ने पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है। लेकिन इन दवाओं को कभी भी खुद से नहीं लेना चाहिए। सर्दी-जुखाम जैसे लक्षणों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तुलसी, गिलोए, कपूर, लहसुन, एलोवीरा, आंवला जैसी आयुर्वेदिक दवाईयों का भी स्वाइन फ्लू के इलाज में बेहतर असर देखा गया है। सर्दियों में इन्हें लेने से वैसे भी जुखाम तीन फिट की दूरी पर रहता है, और स्वाइन फ्लू के वायरस से बचने के लिए भी इतने ही फासले की जरूरत होती है।
स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की सलाह- स्वाइन फ्लू से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
- बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं
- जब खांसी या छींक आए तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें
- इस्तेमाल किए टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। उन्हें एक बैग में डाल कर फिर पात्र में फेंकें
- स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाजे के हैंडल) को नियमित साफ रखें
- सुनिश्चित करें कि बच्चे इस सलाह का पालन करें
स्वाइन फ्लू के लिए घरेलू उपाय
1) तुलसी
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस गुण पाए जाते हैं। इसे इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने के लिए जानता है। ऐसा नहीं है कि यह स्वाइन फ्लू को बिल्कुल ठीक कर देगी, लेकिन 'एच1एन1' वायरस से लड़ने में निश्चित रूप से सहायक हो सकती है। इसके लिए आपको रोजाना तुलसी की पत्तियां चबानी चाहिए या चाय पीने चाहिए।
2) गिलोय
इसे एक दिव्य औषधि माना जाता है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए। ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं। इस आपका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है।
3) लहसुन
लहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।