डॉ ख्वाजा अब्दुल हमीद : भारत की सबसे पुरानी दवा कंपनी के मालिक जिन्होंने देश को दी सस्ती दवाएं

By उस्मान | Published: February 28, 2020 01:06 PM2020-02-28T13:06:46+5:302020-02-28T13:06:46+5:30

सिप्ला भारत की एक ऐसी फार्मा कंपनी है, जो आजादी से पहले से भारत में अपनी सेवाएं दे रही है।

biography of Khwaja Abdul Hamied owner of Indian oldest pharma company cipla | डॉ ख्वाजा अब्दुल हमीद : भारत की सबसे पुरानी दवा कंपनी के मालिक जिन्होंने देश को दी सस्ती दवाएं

फार्मा कंपनी के मालिक ख्वाजा अब्दुल हमीद की पुरानी फोटो

अगर आप दवाईयों की थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं, तो आपने सिप्ला (Cipla) का नाम जरूर सुना होगा। आपने नोटिस किया होगा कि दवाओं के बहुत से पत्तों पर सिप्ला लिखा होता है। ऐसे लोग जो दवाओं की जानकारी नहीं रखते हैं, वो सिप्ला को एक दवा के रूप में जानते हैं। 

आपको बता दें कि सिप्ला किसी दवा का नाम नहीं है बल्कि यह दवा बनाने वाली फार्मा कंपनी है। सिप्ला भारत की सबसे पुरानी फार्मा कंपनी है जिसकी खोज डॉक्टर ख्वाजा अब्दुल हमीद ने साल 1935 में की थी। चलिए जानते हैं इस कंपनी और खड़ा करने वाले हमीद के बारे में रोचक बातें। 

1) सिप्ला भारत की एक ऐसी फार्मा कंपनी है, जो आजादी से पहले से भारत में अपनी सेवाएं दे रही है। इसकी शुरुआत साल 1935 में डॉक्टर ख्वाजा अब्दुल हमीद ने की थी। 

2) डॉक्टर ख्वाजा अब्दुल हमीद का जन्म 31 अक्टूबर, 1898 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1935 में एक दवा बनाने वाली कंपनी की शुरुआत की जिसे केमिकल इंडस्ट्रियल एंड फार्मा लेबोरेटरी (सिप्ला) नाम दिया गया। 

3) इस कंपनी की शुरुआत दो लाख रुपये की रकम के साथ हुई और आज इसका सालाना टर्न ओवर करोड़ों में है। 

4) बताया जाता है कि सिप्ला ने द्वितीय विश्व युद्ध में अच्छी और बड़ी विदेशी एमएनसी कंपनियों को टक्कर देते हुए बेहतर और सस्ती दवाएं उपल्बध करवाई।

5) इसी दौरान कंपनी ने दो महत्वपूर्ण खोज की। पहला उन्होंने कोरामाइन के संश्लेषण का विकल्प ढूंढ निकाला जिसका प्रयोग हृदय सांस उत्तेजक के तौर पर किया जाता है।

6) दूसरा serpenid का जो rauwolfia serpentine नमक वनस्पति का मूल तत्व है। यह एलोपैथी इलाज में पहला हर्बल उपाय था जिसको उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।

7) ख्वाजा अब्दुल हमीद उस दौरान महात्मा गांधी से काफी प्रभावित हुए। उनके बड़े बेटे यूसुफ हामिद अब सिप्ला के अध्यक्ष हैं। 

8) ख्वाजा हामिद ने एक राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला की स्थापना करने और इसे वास्तविकता बनाने के विचार पर विचार करने के अलावा, प्रयोगशालाओं को चलाने के लिए एक छत्र संगठन के रूप में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना की संकल्पना की।  

9) अपने जीवन के अंतिम चार दशकों के दौरान, उन्होंने फर्म सिप्ला की स्थापना के माध्यम से भारत में फार्मास्यूटिकल और रासायनिक उद्योग के मानकों को असाधारण उच्च स्तर तक बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

10) युसूफ हमीद ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में अफसर इन चार्ज के तौर पर कंपनी ज्वाइन की। युसूफ हमीद ने अपना ज़्यादातर समय AIDS ,क्षय रोग और श्वास रोग की दवा बनाने में लगाया लगाया है।

11) ऐसा माना जाता है कि युसूफ हमीद ने कंपनी में 1500 रुपये पर काम शुरू किया और उन्हें पहली सैलरी एक साल के बाद मिली थी।

12) उन्होंने भारतीय पेटेंट कानून में बदलाव करने की शुरूआत की और इसके अंतर्गत उन्होंने 1961 में इंडियन ड्रग मैनुफैक्चर एसोसिएशन का गठन किया। 

13) 1972 में यह प्रयास सफल हुआ और भारतीय फार्मा उद्योग को कानूनी रूप से यह आज़ादी मिल गई कि वह देश में वो दवाएं बनाएगी और बेचेगी जिनकी देश में आवश्यकता हो। 

14) युसूफ हमीद की अगवाई में ही सिप्ला को  Humanitarion Pharmaceutical Company के नाम से भी जाना लगा। दुनिया के करीब 170 देशों में अपनी दवा बेचती है। 

15) सिप्ला अमेरिका और यूरोप के बाहर पहली कंपनी है जिसने सीएफसी-फ्री इन्हेलर शुरू किए। इसने एक ऐसी तकनीक शुरू की जिसमें बिना हाथ लगाए, बिना दर्द के, बिना किसी हानिकारक किरणों के इस्तेमाल से भी वक्ष की जांच हो सकती है जिससे वक्ष के कैंसर का पता लगाया जा सकता है। 

Web Title: biography of Khwaja Abdul Hamied owner of Indian oldest pharma company cipla

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