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कैंसर के इलाज में बेहतर साबित हो सकती है नई नैनो तकनीक : अध्ययन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2018 09:39 IST

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वैज्ञानिकों ने एक ऐसा यंत्र विकसित किया है जिसमें रक्त के नमूनों की जांच के लिए सूक्ष्म कणों का इस्तेमाल कर कैंसर का पता लगाया जा सकेगा. रक्त के गहन विश्लेषण के लिए ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई इस तकनीक से अब तक अज्ञात रहे अणुओँ को पहचानने में मदद मिलेगी.

'जर्नल्स ऑफ एडवांस्ड मैटेरियल्स' में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट के मुताबिक इस रक्त जांच में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का पता लगाने और निगरानी करने की क्षमता है. किसी बीमारी की प्रतिक्रिया के रूप में रक्त प्रवाह में छोड़े गए मार्करों का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है क्योंकि वे बहुत छोटे होते हैं और संख्या में बहुत कम होते हैं.

अध्ययन से पता चला है कि छोटे अणु - विशेष रूप से प्रोटीन - कैंसर रोगियों के रक्त परिसंचरण में सूक्ष्म कणों के साथ चिपके रहते हैं. मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से मारिलेना हडजिडेमेट्रियो ने कहा, कई रक्त जांचों में अस्पष्टता एक समस्या है जो या तो रोग का पता लगाने में विफल रहती हैं या झूठी सकारात्मक और झूठी नकारात्मक जानकारी देती हैं. उन्होंने कहा कि यह नई तकनीक बड़ा बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है.

यह भी पढ़ें: लड़कियों को जरूर पता होनी चाहिए HIV से जुड़ी ये 4 खास बातें

पॉपकॉर्न-बोटल का पानी जैसी ये 3 चीजें भी कैंसर की जड़:

कैंसर के कई कारण हैं। एक कारण  खानेपीने से जुड़ी आपकी गलत आदत भी है। आप शायद जानते भी नहीं लेकिन आप दिनभर ऐसी चीजें खाते हैं, जो कैंसर को निमंत्रण देती हैं। यहां जानें किन-किन चीजों को खाने से कैंसर होने का अधिक खतरा होता है:

1) पॉपकॉर्नपॉपकॉर्न का नाम सुनते ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है। और आए भी क्यों न अक्सर मूवी या खाली टाइम में पॉपकॉर्न खाना हमलोग बहुत पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इतना छोटा सा दिखने वाला पॉपकॉर्न आपको कैंसर के मुंह में ढकेल सकता है। माइक्रोवेव में बनाया गया पॉपकॉर्न कैंसर की वजह बनता है। क्योंकि माइक्रोवेव में पॉपकॉर्न डालने से परफ्यूरोक्टानोइक एसिड बनता है। जिससे कैंसर होता है।

2) बोटल का पानी अगर आप रोजाना बोटल का पानी पीते हैं, तो आपको कैंसर का अधिक खतरा हो सकता है क्योंकि बोटल में कैंसर के लिए जिम्मेदार बीपीए होता है। बिस्फेनॉल हार्मोन को बाधित करता है, जिससे कैंसर होता है।

3) रेड मीटनियमित रूप से रेड मीट खाने से भी आपको कैंसर का खतरा होता है। इसका कारण यह है कि जानवरों को बीमारियों से बचाने के लिए केमिकल्स दिया जाता है। यह केमिकल्स कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। 

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