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काली, सूखी, बलगमी, दमा, जुकाम वाली खांसी को जड़ से खत्म कर सकती हैं ये 10 आयुर्वेदिक चीजें

By उस्मान | Updated: March 12, 2019 12:21 IST

सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार होने पर बार-बार दवाओं का इस्तेमाल करने से आपको कई अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। आयुर्वेद के ये नुस्खे आपके इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करते हैं.

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सर्दी का मौसम खत्म हो रहा है और गर्मियां शुरू होने वाली है। बीच-बीच में बेमौसम बारिश और कई राज्यों में बर्फबारी भी हो रही है। कुल मिलाकर देश में फिलाहल बीमार करने वाला मौसम जारी है। इस मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम और खांसी का सबसे ज्यादा खतरा होता है। आपको अपने आसपास ही इन समस्याओं से पीड़ित लोग देखने को मिल जाएंगे। 

इसमें कोई शक नहीं है कि यह छोटी-छोटी समस्याएं आपके कामकाज को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। मुसीबत यह है कि इनके लिए बार-बार दवाओं का इस्तेमाल करने से आपको कई अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली के आयुर्वेदिक अस्पताल में डॉक्टर गुप्ता आपको बता रहे हैं कि खांसी क्यों होती है और इससे राहत पाने के लिए आप क्या-क्या आयुर्वेदिक उपाय ट्राई कर सकते हैं। 

खांसी क्यों होती है? आयुर्वेद के अनुसार, जब कफ सूखकर फेफड़ों और श्वसन अंगों पर जम जाता है तो बलगमी खांसी होती है। इसके लिए नीचे लिखे तरीकों में से कोई एक करें। इन दवाओं और नुस्खों को बीपी या दिल के मरीज भी अपना सकते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीज कुछ चीजों को लेने से बचें।

1) सामान्य खांसी के लिए उपाय काली मिर्च के चार दाने घी में भूनकर सुबह-दोपहर और शाम को लें। काली मिर्च के चार दाने, एक चम्मच खसखस के दाने और चार दाने लौंग को गुड़ में मिलाकर गर्म करके तीन हिस्से कर लें। दिन में एक-एक कर तीन बार लें। पीपली, काली मिर्च, सौंठ और मुलहठी का चूर्ण बनाकर रख लें। चौथाई चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार चाट लें। चौथाई कटोरी पानी में पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन को डालकर उबाल लें। आधा रहने पर पत्ता फेंक दें। पानी में चुटकी भर काला नमक व शहद मिलाकर रख लें। इसी में से दिन में दो-तीन बार पिलाएं। बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है।

2) जुकाम और बुखार के साथ होने वाली खांसी के लिए उपायनागवल्लभ रस की एक गोली दिन में तीन बार पान के पत्ते में लपेटकर या आधा चम्मच अदरक के रस के साथ लें। कफकेतु रस की एक गोली को आधा चम्मच अदरक के रस से दिन में दो बार लें। लसूड़े को बीज समेत बिना घी के थोड़ा-सा भूनकर उसमें आधा चम्मच सौंठ, दो लौंग और चौथाई चम्मच दालचीनी मिलाकर पानी में उबालकर चीनी डालकर शर्बत बना लें। इसे दिन में दो-तीन बार लें। एक बताशे में एक काली मिर्च डालकर चबा लें। इस तरह दिन में एक बार तीन-चार बताशे खाएं।

3) घरघराहट या खड़खड़ वाली खांसी के लिए उपायकफकेतु रस की एक गोली को आधा चम्मच अदरक के रस से दिन में दो बार लें। लसूड़े को बीज समेत बिना घी के थोड़ा-सा भूनकर उसमें आधा चम्मच सौंठ, दो लौंग और चौथाई चम्मच दालचीनी मिलाकर पानी में उबालकर चीनी डालकर शर्बत बना लें। पीपली, काली मिर्च, सौंठ और मुलहठी का चूर्ण बनाकर रख लें। चौथाई चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार चाट लें। चौथाई कटोरी पानी में पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन को डालकर उबाल लें।

4) सूखी खांसीचौथाई कटोरी पानी में पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन को डालकर उबाल लें। काली मिर्च के चार दाने घी में भूनकर सुबह-दोपहर और शाम को लें। काली मिर्च के चार दाने, एक चम्मच खसखस के दाने और चार दाने लौंग को गुड़ में मिलाकर गर्म करके तीन हिस्से कर लें। एक बताशे में एक काली मिर्च डालकर चबा लें। इस तरह दिन में एक बार तीन-चार बताशे खाएं।

5) अस्थमा की खांसीपीपली, काली मिर्च, सौंठ और मुलहठी का चूर्ण बनाकर रख लें। चौथाई चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार चाट लें। कफकेतु रस की एक गोली को आधा चम्मच अदरक के रस से दिन में दो बार लें। चौथाई कटोरी पानी में पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन को डालकर उबाल लें। आधा रहने पर पत्ता फेंक दें। पानी में चुटकी भर काला नमक व शहद मिलाकर रख लें। इसी में से दिन में दो-तीन बार पिलाएं।

इस बात का रखें ध्यानखांसी को एक हफ्ते से ज्यादा हो जाए तो ब्लड की जांच कराएं। खांसी से खून आए तो घबराना नहीं चाहिए। कई बार जोर से खांसने पर भी खून आ जाता है। खून आने पर देखना चाहिए कि उसका रंग लाल है या काला। ऐसे में खून की जांच और छाती का एक्सरे व सीटी स्कैन करवाना चाहिए। बार-बार खून आए तो टेस्ट जरूर करा लेने चाहिए। ऐसी स्थिति में घरेलू उपाय करने की बजाय आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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