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कोरोना का आयुर्वेदिक इलाज : क्लिनिकल ट्रायल में दावा, प्राकृतिक उपचार के जरिये जल्दी ठीक हो रहे हैं कोरोना के मरीज

By उस्मान | Updated: September 30, 2020 11:23 IST

कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज : साधारण इलाज की तुलना में प्राकृतिक उपचार से जल्दी ठीक हो रहे हैं मरीज

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ठळक मुद्देपारंपरिक दवाओं की तुलना में जल्दी लक्षणों से राहत पा रहे हैं मरीजशरीर दर्द और थकान जैसे कई लक्षणों से जल्दी राहत पा रहे हैं मरीज

कोरोना वायरस के इलाज के लिए तीन अस्पतालों में किए जा रहे क्लिनिकल ट्रायल की रिपोर्ट से पता चला है कि प्राकृतिक उपचार के जरिये कोरोना के मरीज पारंपरिक दवाओं की तुलना में जल्दी लक्षणों से राहत पा रहे हैं।

जी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरिवल लाइफ साइंसेज की 'इम्मुनोफ्री' और न्यूट्रास्युटिकल की 'रेग्नेमुने' आयुर्वेदिक रेमेडी के उपचार पर न्यूट्रीमेन्ट रिपोर्ट में कोरोना वायरस उपचार के लिए पारंपरिक दवाओं के असाधारण परिणाम सामने आए हैं।

लक्षणों से जल्दी मिला आराम

इसके अलावा कोरोना के लिए सी रिएक्टिव प्रोटीन, Procalcitonin, D Dimer और RT-PCR जैसे कई परीक्षण भी पारंपरिक उपचार की तुलना में प्राकृतिक उपचार के लिए 20 से 60 प्रतिशत बेहतर सुधार दिखा रहे हैं। इसके अलावा शरीर दर्द और थकान जैसे कई लक्षणों के लिए भी प्राकृतिक उपचार बेहतर साबित होते दिख रहे हैं। 

पारंपरिक उपचार का प्रभाव 86.66 प्रतिशत

नैचुरल प्रोटोकॉल पर लगभग 86.66 प्रतिशत रोगियों की पारंपरिक उपचारों के आधार पर पांचवें दिन निगेटिव रिपोर्ट आई। जबकि सामान्य इलाज के केवल 60 प्रतिशत रोगियों की ही रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके अलावा 10 वें दिन परीक्षण में, सभी रोगियों की रिपोर्ट निगेटिव थी।

भारत में कोरोना के मरीज 62 लाख पार

भारत में कोरोना के पिछले 24 घंटे में 80,472 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 62,25,764  हो गयी । वहीं 1,179 और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 97,497 पर पहुंच गया है।

ठीक होने की दर बढ़कर 83.01% वहीं, संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की कुल संख्या भी 51 लाख से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। संक्रमण से मुक्त होने वाले लोगों की कुल संख्या 51,87,826 हो गई है। इसी के साथ देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 83.01 प्रतिशत हो गई। 

9,40,441 मरीजों का इलाज जारीदेश में अभी 9,40,441 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 15.42 प्रतिशत है। देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 1.57 प्रतिशत है।

15 में से एक व्यक्ति के संक्रमित होने का अनुमानभारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दूसरे सीरो सर्वे के अनुसार अगस्त 2020 तक दस साल और इससे ऊपर के 15 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति के सार्स-सीओवी2 की चपेट में होने का अनुमान है जो काफी आबादी के अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका दर्शाता है। 

6.6% लोगों में दिखे कोरोना के लक्षण आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि 17 अगस्त से 22 सितम्बर तक 29,082 लोगों (10 वर्ष और इससे अधिक) पर सर्वे किया गया जिसमें 6.6 प्रतिशत में सार्स-सीओवी2 की चपेट में आ चुके होने के लक्षण दिखाई दिये और 7.1 प्रतिशत वयस्क आबादी (18 साल और इससे अधिक) में भी इसकी चपेट में आने के पूर्व के लक्षण दिखाई दिये। 

शहरों में कोरोना का प्रसार अधिकउन्होंने बताया कि दूसरा सीरो सर्वे काफी आबादी के अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका दर्शाता है। उन्होंने दूसरे सीरो सर्वे के हवाले से बताया, 'शहरी मलिन बस्तियों (15.6 प्रतिशत), गैर-मलिन बस्तियों (8.2 प्रतिशत) क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 प्रतिशत) की तुलना में सार्स-सीओवी2 का प्रसार अधिक है।

कोरोना से बचने के उपायनीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने लोगों से कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि लापरवाही बरतने का कोई कारण नहीं है।

उन्होंने कहा, 'हमें मास्क पहनकर पूजा, छठ, दिवाली और ईद मनाने की आवश्यकता है, इसे ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हमने दूसरी बार दिल्ली, केरल और पंजाब में कोरोना वायरस के बढते मामलों को देखा है और इसलिए हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।' 

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