लाइव न्यूज़ :

अरुण जेटली की हालत जस की तस, 13 दिनों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर, पढ़ें पूरी हेल्थ रिपोर्ट

By उस्मान | Updated: August 23, 2019 10:44 IST

Arun Jaitley Health News Updates: अरुण जेटली को एम्स में एडमिट हुए 13 दिन हो गए हैं लेकिन उनकी हालत में अभी तक सुधार की खबर नहीं है.

Open in App
ठळक मुद्देजेटली जेटली को ECMO, IABP सपॉर्ट पर रखा गया है, ताकि वह सांस ले सकेंउनकी सेहत को लेकर अभी तक कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआतमाम पार्टियों के बड़े नेता उनका हालचाल लेने एम्स पहुंच रहे हैं

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत जस की तस बनी हुई है। 9 अगस्त को उन्हें सांस लेने में तकलीफ की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ते देख डॉक्टरों ने उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा है। जेटली जेटली को ECMO, IABP सपॉर्ट पर रखा गया है, ताकि वह सांस ले सकें। 

जेटली को अस्पताल में एडमिट हुए आज 13 दिन हो गए हैं और उनकी हालत अभी भी काफी गंभीर बताई जा रही है। उनकी सेहत को लेकर अभी तक कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम पार्टियों के बड़े नेता उनका हालचाल लेने एम्स पहुंच रहे हैं। 

ECMO, IABP सपॉर्ट पर कितनी दिन रह सकते हैं जेटलीईसीएमओ एक लाइफ सपोर्ट सिस्टम है, जो शरीर को उस समय ऑक्सीजन सप्लाई करने में मदद करता है, जब मरीज़ के फेफड़े या दिल यह काम नहीं कर पा रहे हों। इस मशीन के प्रयोग के लिए शरीर की एक नस में से खून को निकालकर उसे ऑक्सीजेनेटर मशीन से जोड़ दिया जाता है, जिससे खून दिल तथा फेफड़ों का बाईपास कर प्रवाहित होता रहता है। यह मशीन न केवल शरीर में रक्त के बहाव को बनाने का काम करती है बल्कि उसे जरूरी ऑक्सीजन भी मुहैया कराती है। 

वेबएमडी के अनुसार, ईसीएमओ आमतौर पर तब तक जारी रखा जाता है जब तक हृदय या फेफड़ों की समस्या में सुधार नहीं हो जाता है। यह कोर्स लगभग पांच दिनों का होता है, लेकिन कुछ मामलों मरीज को ईसीएमओ पर 25 से 30 दिनों तक रखा जा सकता है। 

लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जेटलीजेटली कई स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं, जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए उन्होंने सितंबर 2014 में बेरिएट्रिक सर्जरी कराई। उन्होंने मई 2018 में एक किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था।

उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके हैं।

टॅग्स :अरुण जेटलीएम्सहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत