अरुण जेटली निधन: 3 बड़ी सर्जरी, डायबिटीज, कैंसर, इस तरह धीरे-धीरे मौत के मुंह में जाते रहे जेटली, पढ़ें पूरी हेल्थ रिपोर्ट
By उस्मान | Published: August 24, 2019 01:46 PM2019-08-24T13:46:41+5:302019-08-24T13:46:41+5:30
Arun Jaitley Death: अरुण जेटली लंबे समय से डायबिटीज, सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा (कैंसर), किडनी की समस्याओं से पीड़ित थे। पिछले 15 सालों में उन्हें तीन बड़ी सर्जरी से गुजरना पड़ा।
पिछले 14 दिनों से दिल्ली एम्स में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे अरुण जेटली आखिरकार मौत से हार गए और हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गए। जेटली की मौत अचानक तबीयत खाराब होने की वजह से नहीं हुई है। वो एक लंबे समय से विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त रहे। वो लंबे समय से डायबिटीज, सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा (कैंसर), किडनी की समस्याओं से पीड़ित थे। पिछले 15 सालों में उन्हें तीन बड़ी सर्जरी से गुजरना पड़ा। इस तरह धीरे-धीरे उनकी सेहत बिगड़ती रही और अंत में वो जिंदगी से हार गए।
66 वर्षीय जेटली को 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें पिछले 14 दिनों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा था। डॉक्जेटरों ने उन्हें ECMO, IABP सपॉर्ट पर रखा था ताकि वह सांस ले सकें।
लंबे समय से बीमार थे जेटली
जेटली कई स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं, जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए उन्होंने सितंबर 2014 में बेरिएट्रिक सर्जरी कराई। उन्होंने मई 2018 में एक किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था। उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया था जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके थे। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी कराई।
डायबिटीज
अरुण जेटली काफी लंबे समय से डायबिटीज से पीड़ित थे। डायबिटीज इतना फैल गया था कि कंट्रोल नहीं हो पाता था। यही वजह थी कि उन्हें ब्लड सुगर मैनेज करने के लिए बाद में गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करानी पड़ी।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा कैंसर
पिछले कई महीनों से सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित थे। यह एक तरह के कैंसर का प्रकार है और यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, खासकर व्यक्ति के कंधों और पैरों को अधिक प्रभावित करती है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है।
साल 2005 में बाईपास सर्जरी
अरुण जेटली ने साल 2005 में दिल्ली के एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में बाईपास सर्जरी कराई थी। उनकी सर्जरी देश के जानेमाने हार्ट सर्जन नरेश त्रेहन ने की थी। उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।
साल 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी
जेटली डायबिटीज से पीड़ित थे और ब्लड शुगर मैनेज करने के लिए सितंबर, 2014 में उन्हें दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी से गुजरना पड़ा था। हालांकि इसके बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा था। लेकिन बाद में इस सर्जरी की वजह से उनकी हालत खराब होती चली गई।
साल 2018 में किडनी ट्रांसप्लांट
साल 2018 तक उनका स्वास्थ्य पूरी तरह खराब हो चुका था। इस साल उन्होंने दिल्ली एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट से गुजरना पड़ा। इसके बाद वो बहुत ज्यादा बीमार रहने लगे। यही वह थी कि उन्होंने लोकसभा चुनाव से दूर रहने का फैसला किया।