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दिमागी बुखार का इलाज : डेंगू, मलेरिया, कोविड के बीच अब दिमागी बुखार का खतरा, जानिये 10 लक्षण और बचाव

By उस्मान | Updated: September 22, 2021 14:53 IST

कोरोना संकट के बीच कई राज्यों में वायरल फीवर और दिमागी बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं

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ठळक मुद्देकई राज्यों में वायरल फीवर और दिमागी बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करेंयूपी के कई जिलों में वायरल फीवर से सैकड़ों लोगों की मौत

डेंगू, मलेरिया और कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारियों खतरे के बीच अब दिमागी बुखार ने भी नोएडा  वासियों और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। जिले में इस बीमारी के तीन संदिग्ध मामले मिले हैं। हालांकि अभी बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। बीमारी की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी। इसे चमकी बुखार भी कहते हैं।

मुख चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने रोगियों का पता लगाने के लिए सात से 17 सितंबर तक घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया था। इसमें बुखार, मलेरिया और टीबी के कई रोगी मिले थे। 

इसी दौरान तीन लोगों में दिमागी बुखार के लक्षण दिखे। उन्होंने बताया कि तीनों को आगे की जांच एवं इलाज के लिए रेफर किया गया है। मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण टीम ने लक्षणों के आधार पर, वर्गीकरण कर मरीजों को इलाज के लिए रेफर किया है। जिन मरीजों में दिमागी बुखार के लक्षण मिले हैं, उनकी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम की जांच होगी। 

रिपोर्ट आने पर ही बीमारी की पुष्टि होगी। सीएमओ ने बताया कि डेंगू के मरीजों की तलाश के लिए रोजाना रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रतिदिन औसतन डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।  

दिमागी बुखार क्या है

चमकी बुखार या इंसेफेलाइटिस दिमाग की सूजन है जिसमें रोगी को तेज बुखार के साथ सिरदर्द होता है और दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है। इसे दिमागी बुखार भी कहते हैं और यह दो तरह का होता है जापानी बुखार (Japanese Encephalitis JE) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome AES)। जेई क्यूलेक्स (Cu-lex) मच्छर के काटने से होता है जबकि एईएस विभिन्न तरह के वायरस, बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी और कैमिकल्स की वजह से होता है।

 

दिमागी बुखार के लक्षण

चमकी बुखार या इंसेफेलाइटिस के मुख्य लक्षणों में थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, मतली, उल्टी, बेचैनी, कम दिखाई देना, बालों का झड़ना, कमजोरी, लकवा आदि शामिल हैं।  

दिमागी बुखार का इलाज

इस बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर एंटीवायरल दवाएं, एंटीइंफ्लेमेटरी दवाएं, बेड रेस्ट के साथ और तरल पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं। 

दिमागी बुखार से ऐसे करें बचाव 

इससे बचने के लिए आपको हमेशा वैक्सीन लेनी चाहिए। मच्छरों से बचाव करें और हमेशा शरीर के किसी हिस्से को खुला न छोड़ें। खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह धोएं। खानेपीने का विशेष ध्यान रखें क्योंकि कुपोषित बच्चों को इसका सबसे अधिक खतरा होता है। 

इस बात का रखें ध्यानचमकी बुखार के लक्षणों में लगातार कुछ दिनों तक तेज बुखार आना, शरीर में कभी ना ख़त्म होने वाली कमजोरी, शरीर में एंठन होना, सुस्ती, सिरदर्द, उल्टी,  कब्ज, बेहोशी, कोमा और लकवा आदि शामिल हैं। इस तरह का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

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