शरीर में चोट लगने के बाद घाव बन जाना एक आम समस्या है जिसका इलाज तुरंत इलाज किया जाना जरूरी है। रोजाना के कामों के दौरान कट, खरोंच, चीरा, पंक्चर घाव, मामूली जलन और फोड़ा हो सकता है।
आमतौर पर घाव अपने आप भर जाते हैं। कई मामलों में अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो समस्या और ज्यादा गंभीर हो सकती है। कुछ बहुत गंभीर मामलों में इस इंफेक्शन से निजात पाने के लिए सर्जरी करानी पड़ती है।
हालांकि घाव ठीक करने के लिए कई उपचार मौजूद हैं लेकिन आप कुछ सरल घरेलू उपचारों के जरिये भी घाव को जल्दी भरकर आराम पा सकते हैं. सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि घाव में पस क्यों बनती है।
घाव में पस क्यों बन जाती है ?
जब सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा जीवाणु पर आक्रमण होता है, तो कुछ आस-पास के मांस-तंतु मर जाते हैं, जिससे एक छिद्र हो जाता है और जिसमें मवाद भर जाने से फोड़ा बन जाता है। मांस-तंतुओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और जीवाणुओं के मिश्रण से मवाद बनती है।
घर को जल्दी भरने के उपाय
गर्म पानीघाव जल्दी से भरे, इसके लिए उसकी उचित देखभाल जरूरी है। घाव को गर्म पानी से साफ किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि पानी त्वचा के अंदर नहीं जाना चाहिए। घाव साफ करने के लिए साफ रुई का इस्तेमाल करें।
नारियल तेल और हल्दीसामान्य घाव नारियल तेल से ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा डॉक्टर की बताई क्रीम लगाएं। घाव पर हल्दी का लेप भी लगाया जा सकता है। नारियल के तेल में कई गुण होते हैं। यह जलन रोकता है और घाव के अंदर नमी जाने से रोकता है। यह संक्रमण को भी दूर रखता है।
नीम का पेस्टघाव पर नीम का पेस्ट लगाया जा सकता है। नीम में फैटी एसिड होता है जो कोलेजन का निर्माण करता है, जिससे त्वचा का लचीलापन बना रहता है और घाव जल्दी भरता है। इसमें एंटीसेप्टिक और जलन विरोधी गुण होते हैं। इसका पेस्ट बनाने के लिए नीम का रस और हल्दी पावडर का उपयोग करें। लेप को घाव पर लगाएं कुछ घंटों तक लगा रहने दें। इसके बाद गर्म पानी से साफ कर लें।
हल्दी का पेस्टइसी तर्ज पर हल्दी के पेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटोबायोटिक एजेंट घाव भरने में मददगार होते हैं। यदि घाव से खून बह रहा है तो हल्दी का पावडर सीधे लगाया जा सकता है। इससे खून का बहना तत्काल थम जाएगा।
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटी इंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद हैं. हल्दी में मौजूद हीलिंग एजेंट, तेजी से चोट या घाव में मदद करते हैं। इसके अलावा ये स्किन इंफेक्शन को भी रोकती है।
बेकिंग सोडाबहुत से लोग नहीं जानते हैं कि बेकिंग सोडा एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत दिला सकता है. ज्यादातर लोग स्किन की समस्याओं के इलाज के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करते हैं। एसिडिटी को कम करने के लिए पानी में बेकिंग सोडा को घोलकर पी लें।
शहदशहद भी एक प्राकृतिक और शक्तिशाली फर्स्ट एड रसोई की चीजों में से एक है। हल्दी की तरह ही मामूली चोट लगने, कटने और घावों के इलाज के लिए शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दर्द के लक्षणों को कम करने में भी प्रभावी है. आप इसे सीधे घाव पर लगा सकते हैं।
घाव होने पर क्या खाएं और क्या नहीं
खट्टी चीजों में विटामिन-सी होता है, जो घाव के जल्दी भरने में सहायक होता है। इसलिए सर्जन भी ऑपरेशन के बाद विटामिन-सी की दवाइयां देते हैं। इसलिए किसी भी ऑपरेशन के बाद आंवला, नीबू, संतरा व अन्य खट्टे फल खाने चाहिए। इसी तरह एक भ्रांति है कि ऑपरेशन के बाद चावल खाने से जख्म जल्दी नहीं भरते।