आज स्वतंत्रता दिवस है और देश में पिछले कुछ दिनों से आसमन में खूब पतंगे उड़ रही हैं और यह सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। कुछ दिन पहले ही एक खबर आई कि राजधानी के लक्ष्मी नगर इलाके में बाइक सवार एक छात्र के गले में चाइनीज मांझा फंसने से उसका गला कट गया।
जिंदगी से खिलवाड़ पतंगों का शौक आज भी लोगों में जिंदा है। लेकिन आज पतंगबाजी महज शौक नहीं बल्कि इससे लोगों की जान जाने लगी है। खतरनाक मांझा परिंदों के साथ-साथ इंसान की जान लेने लगा है।
इंटरनेशनल एनिमल राइट ग्रुप पेटा PETA के अनुसार, भारत में हर साल मांझे में फंसने से हजारों पक्षियों के मौत हो जाती है।
पतंग के मांझे को मजबूत, धारदार बनाने के लिए कांच के बारीक टुकड़ों के इतर धातुओं अति सूक्ष्म कणों का भी इस्तेमाल किया जाता है। जिसे गोंद की मदद से धागे पर चिपकाया जाता है या ये भी कह सकते हैं कि बारीक परत चढ़ा दी जाती है। जिसकी वजह से कई बार लोगों की उंगलियां कट जाती हैं। और इस तरह के मांझे का बाजार में दाम भी अधिक होता है।
जरनल फिजिशियन डॉक्टर अजय लेखी के अनुसार, कई बार हमारे पास मांझे से उंगली काटने के मामले आते हैं लेकिन अगर इससे किसी का गला कट जाए तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। गर्दन में कई महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं जैसे ब्लड वेसेल्स और ट्रेकेआ। मांझे से इन हिस्सों को नुकसान हो सकता है।
मांझे से मौत भी एक खबर आई थी कि दिल्ली के रानीबाग में गाड़ी की रूफ विंडो से झांकती मासूम बच्ची के गला मांझा फंस जाने की वजह से कट गया। और अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
डेढ़ साल पहले सरकार ने लगाया प्रतिबंधकई राज्यों में खतरनाक मांझे के प्रयोग पर पाबंदी है। जिसमें पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात भी आते हैं। दिल्ली सरकार ने 10 जनवरी 2017 को मांझा बनाने, सप्लाई करने, रखने, बेचने और पतंग उड़ाने में इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी। इसके अलावा पतंग उड़ाने के लिए कांच या मेटल लगा हुआ धागा इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था।