1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे ओ चंद्रशेखर नहीं रहे

By भाषा | Published: August 24, 2021 09:26 PM2021-08-24T21:26:54+5:302021-08-24T21:29:11+5:30

1962 जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के अलावा 1960 रोम ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे।

Olympian and 1962 Asiad winning footballer Chandrasekhar Menon passes away gold medal  | 1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे ओ चंद्रशेखर नहीं रहे

1958 से 1966  तक कैल्टेक्स क्लब और फिर 1967 से 1972 तक भारतीय स्टेट बैंक के लिए खेले।

Highlights1958-1966 तक 25 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। घरेलू स्तर पर 1959-1965 तक संतोष ट्रॉफी में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया। 1963 में टीम चैम्पियन बनी।

कोच्चिः पूर्व ओलंपियन फुटबॉल खिलाड़ी और 1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे ओ चंद्रशेखर का मंगलवार को यहां उनके आवास पर निधन हो गया। यह जानकारी उनके पारिवारिक सूत्रों ने दी। वह 85 वर्ष के थे और उनके तीन बच्चे हैं।

परिवार से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि अपने खेल के दिनों में डिफेंडर की भूमिका निभाने वाले चंद्रशेखर कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने कुछ टूर्नामेंटों में भारतीय टीम की कप्तानी भी की थी। वह 1962 जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के अलावा 1960 रोम ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे।

त्रिशूर जिले के इरिंजालाकुडा का रहने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने 1958-1966 तक 25 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1959 में एशियाई कप क्वालीफायर्स में पदार्पण किया था। वह 1961 में मर्डेका कप में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने चंद्रशेखर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने घरेलू स्तर पर 1959-1965 तक संतोष ट्रॉफी में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया। जिसमें 1963 में टीम चैम्पियन बनी। वह 1958 से 1966  तक कैल्टेक्स क्लब और फिर 1967 से 1972 तक भारतीय स्टेट बैंक के लिए खेले। अपने शोक संदेश में एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘‘यह सुनकर दुख हुआ कि चंद्रशेखर नहीं रहे।

वह अब तक की सबसे सफल भारतीय टीमों में से एक का महत्वपूर्ण हिस्सा थे और भारत में खेल में उनका योगदान कभी भूला नहीं जाएगा। मैं इस दुख को साझा करता हूं।’’ एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने कहा, ‘‘चंद्रशेखर कई पीढ़ियों के लोगों के लिए एक प्रेरक व्यक्ति रहे हैं और अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार जीते हैं। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना भेजता हूं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।’’ 

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