Indian Super League final: राहुल भेके ने दागा 116वें मिनट पर गोल, बेंगलुरू एफी बना पहली बार चैंपियन
By भाषा | Published: March 17, 2019 11:01 PM2019-03-17T23:01:36+5:302019-03-17T23:01:36+5:30
डिमास डेल्गाडो के कॉर्नर को भेके ने गोल में बदल कर बेंगलुरू को चैम्पियन बनाया। बेंगलुरू की टीम लगातार दूसरे साल फाइनल में पहुंची थी। बीते साल उसे चेन्नइयिन एफसी के हाथों हार मिली थी।
राहुल भेके के 116वें मिनट में किए गए शानदार गोल की मदद से बेंगलुरू एफसी ने रविवार को यहां मुम्बई फुटबाल एरेना में खेले गए खिताबी मुकाबले में एफसी गोवा को 1-0 से हराकर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सत्र का खिताब जीत लिया। बेंगलुरू ने पहली बार यह खिताब जीता है जबकि गोवा की टीम 2015 के बाद दूसरी बार उपविजेता रही।
डिमास डेल्गाडो के कॉर्नर को भेके ने गोल में बदल कर बेंगलुरू को चैम्पियन बनाया। बेंगलुरू की टीम लगातार दूसरे साल फाइनल में पहुंची थी। बीते साल उसे चेन्नइयिन एफसी के हाथों हार मिली थी। दूसरी ओर, एफसी गोवा दूसरी बार फाइलन में पहुंचकर खिताब से महरूम रह गई। उसे भी 2015 में फाइनल में चेन्नइयिन एफसी के हाथों हार मिली थी।
EXQUISITE FROM @RahulBheke 👌
— Indian Super League (@IndSuperLeague) March 17, 2019
Relive his title-winning header for @bengalurufc in the #HeroISLFinal here 👇#LetsFootball#FanBannaPadega#NewChampion#BENGOApic.twitter.com/YJQaE0okUG
अहमद जाहो को अतिरिक्त समय के पहले हाफ से ठीक पहले दूसरा पीला कार्ड दिखाए जाने के कारण गोवा की टीम को 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने पर मजबूर होना पड़ा और इसी का फायदा उठाकर बेंगलुरू ने विजयी गोल दागते हुए खिताब अपने नाम किया। इस सत्र में बेंगलुरू की गोवा पर यह लगातार तीसरी जीत है।
मैच का पहला हाफ गोलरहित बराबरी पर समाप्त हुआ। इक्के-दुक्के मौकों को छोड़ दिया जाए तो कोई भी टीम बड़ा मौका नहीं बना सकी। बेंगलुरू ने हालांकि थोड़ा बेहतर खेल दिखाया। उसके छह किक गोल पोस्ट के पास से निकले जबकि गोवा के खिलाड़ियों के तीन किक गोल पोस्ट के करीब से निकले।
गुरप्रीत सिंह संधू की तुलना में गोवा के गोलकीपर नवीन कुमार को निश्चित तौर पर अधिक मेहनत करनी पड़ी लेकिन वह अपनी टीम के गोल खाने को बचाने में सफल रहे। मीकू को छठे मिनट में गोल से महरूम करना पहले हाफ में नवीन की सबसे बड़ी सफलता रही।
गोवा के लिए पहले हाफ में खराब बात यह रही कि मांसपेशियों में खिंचाव के कारण कप्तान मंडार राव देसाई को 45वें मिनट में बाहर जाना पड़ा। उनकी जगह सेवियोर गामा ने ली। इस हाफ का एकमात्र पीला कार्ड गोवा के मोउतोर्दा फाल को 39वें मिनट में मिला।
दूसरे हाफ की आक्रामक शुरूआत हुई। 47वें मिनट में गोवा के अहमद जाहो और 51वें मिनट में बेंगलुरू के अलेजांद्रो गार्सिया का पीला कार्ड मिला। 58वें और 59वें मिनट में गोवा ने दो अच्छे मूव बनाए लेकिन उसे सफलता नहीं मिल सकी।
बेंगलुरू ने 62वें मिनट में डिमास डेल्गाडो को पीला कार्ड मिला। बेंगलुरू ने 70वें मिनट में पहला बदलाव करते हुए एलेजांद्रो गार्सिया को बाहर कर लुइस लोपेज को मैदान पर उतारा। बेंगलुरू टीम ने कोशिश जारी रखी और 81वें मिनट में वह गोल के काफी करीब जाकर खाता खोलने से चूक गयी।
इंजुरी टाइम में मीकू एक बार फिर गोल के करीब थे लेकिन फाल ने गेंद को अपने चेहरे पर लेकर उसे दिशाहीन कर दिया। इस तरह यह मैच निर्धारित समय में 0-0 की बराबरी पर समाप्त हुआ।
अतिरिक्त समय मे दोनों टीमें थकी हुई नजर आईं। दोनों ने मौके बनाने चाहे लेकिन शुरुआती 15 मिनट में ऐसा होता नही दिखा। इसी बीच, 105वें मिनट में मीकू पर गलत तरीके से प्रहार करने के कारण जाहो को पीला कार्ड मिला और वह मैदान से बाहर जाने को मजबूर हुए। अब गोवा को 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना था। मीकू को भी पीला कार्ड मिला लेकिन वह मैदान पर बने रहे।
इस तरह अतिरिक्त समय का पहला हाफ समाप्त हुआ। दूसरे हाफ में गोवा ने जैकीचंद को बाहर कर महावीर सिंह को अंदर लिया। 112वें मिनट में बेंगलुरू ने दो बदलाव किए। उदांता और नीशू बाहर गए जबकि कीन लेविस और बोईथांग हाओकिप अंदर आए।
ऐसा लग रहा था कि मैच पेनाल्टी शूटआउट तक खिंच जाएगा लेकिन इसी बीच 116वें मिनट में भेके ने एक सटीक हेडर के जरिए गोल करते हुए बेंगलुरू का खाता खोल दिया और अपने प्रशंसकों को झूमने का मौका दिया। दूसरी ओर, इस मैच में काफी अच्छा खेल रही गोवा की टीम की किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और वह एक बार फिर खिताब से दूर रह गई।