साउथ इंडियन खाना पसंद करने वालों के लिए आज का दिन खास कहा जा सकता है, क्योंकि आज है 'वर्ल्ड इडली डे'। अगर मैं आपसे कहूं कि आपकी पसंदीदा इडली दक्षिण भारत से नहीं बल्कि किसी और देश से आई है तो शायद आप यकीन ना करें, लेकिन यही सच्चाई है। आज से लगभग 1250 ईसवी पहले भारत में इडली को बनाया था। वर्ल्ड इडली डे पर हम आपको इडली से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों से परिचित कराने जा रहे हैं।
800 से 1200 ईसा पूर्व बनी थी देश की पहली इडली
जाने-माने फूड विशेषज्ञों की मानें तो इडली बनाने का काम सबसे पहले इंडोनेशिया में शुरू हुआ था जहां भाप से पकाए गए व्यंजनों का प्रचलन ज्यादा है। द हिन्दू में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे पहले भारतीय राजा के एक कुक ने इडली को 800 से 1200 ईसा पूर्व बनाया था। हालांकि कई फूड विशेषज्ञ इसे सही नहीं मानते। उनका कहना है कि इंडोनेशिया से आने वाले व्यापारी इडली की रेसिपी अपने साथ दक्षिण भारत लेकर आये और फिर यहीं से इडली की शुरुआत हुई।
इस्लाम से जुड़ा है इसका का इतिहास
माना ये भी जाता है कि अरब के लोग अपने खाने को लेकर बहुत सवेंदनशील थे और वो जल्द अपने खाने की रेसिपी किसी को बताया नहीं करते थे। कई व्यापारी ऐसे भी थे जो भारत तब आये थे जब इस्लाम धर्म के मोहम्मद जिंदा हुआ करते थे। फिर वे धीरे-धीरे पूंजीवाद से नव-धर्म इस्लाम में परिवर्तित होने लगे। धर्म परिवर्तन के बाद भारतीय खाना उन्हें कुछ खास रास नहीं आया तो उन्होंने यहीं चावल के गोले (इडली) बनाना शुरू कर दिया और बस इसी तरह इडली हम सब के बीच आ गई।
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रंग-बिरंगे हैं इडली के रंग
इडली चाहे जहां से आई हो, चाहे जिसने भी बनाई हो लेकिन आज के समय में दक्षिण भारत से लेकर देश के अन्य हिस्सों में भी इसे बहुत पसंद किया जाता है और यह लोगों की फेवरेट बन गई है। समय कम हो या कुछ अलग खाने का मन हो, हम हर रूप में इडली को बेस्ट ऑप्शन मानते हैं।
वर्तमान समय में देखा जाए तो भारत में 7 तरह की इडली मिलती है। जिसमें सादी रवा इडली, वेजिटेबल इडली, स्टफ्ड इडली, मूंगदाल इडली, मिक्रोवेव इडली, पेपर इडली और ओट्स इडली। वैसे हम सिर्फ इन 7 टेस्ट के अन्दर इडली को सीमित नहीं कर सकते लेकिन फिर भी भारत में इन 7 तरह की इडली को खाने और बनाने का प्रचलन ज्यादा देखा गया है।