भारत में नहीं हुआ आलू का जन्म, 16वीं सदी में हजारों किलोमीटर दूर से यहां आया था

By मेघना वर्मा | Published: February 19, 2018 01:29 PM2018-02-19T13:29:12+5:302018-02-19T13:44:11+5:30

उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएं तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में आसानी होती है। आलू को पीसकर त्वचा पर मलने से रंग गोरा होता है।  

History of Potato in India and its Health Benefits | भारत में नहीं हुआ आलू का जन्म, 16वीं सदी में हजारों किलोमीटर दूर से यहां आया था

भारत में नहीं हुआ आलू का जन्म, 16वीं सदी में हजारों किलोमीटर दूर से यहां आया था

आलू-पालक, आलू-जीरा, आलू-टमाटर... और भी बहुतेरी ऐसी सब्जी हैं जो बिना आलू के अधूरी हैं। आलू के बिना हम आपने किसी खाने की कल्पना नहीं कर सकते। अगर दुनिया में आलू ना होता तो शायद बहुत से लोग सब्जियां ही ना खाते। जब आलू के दाम आसमान छूते हैं तो पूरे भारत में हंगामा मच जाता है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि आज से 500 साल पहले इसी आलू का कोई अस्तित्व ही नहीं था। भारत में पहली बार जहांगीर के जमाने में आलू आया था। भारतीयों को आलू का स्वाद चखाने का श्रेय यूरोपीय व्यापारियों को जाता है, जो भारत में आलू लेकर आए और यहां उसका जमकर प्रचार किया। आलू का इतिहास और इससे जुड़ी ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य आज हम आपको बताएंगे। 

भारत में नहीं हुआ आलू का जन्म

आलू भले ही अब भारतवासियों का सबसे पसंदीदा हो गया हो लेकिन आलू का जन्म भारत में नहीं हुआ। दक्षिण अमेरिका की एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित टिटिकाका झील के पास सबसे पहले आलू की पैदावार की गयी थी। वो समुद्र से करीब 3,800 मीटर उंचाई पर स्थित है। भारत में आलू को बढ़ावा देने का श्रेय वारेन हिस्टिंग्स को भी जाता है जो 1772 से 1785 तक भारत के गवर्नर जनरल रहे। 18वीं शताब्दी तक आलू का पूरी तरह से भारत में प्रचार-प्रसार हो चुका था। उस वक्त आलू की तीन किस्में थी। पहली किस्म के आलू का नाम फुलवा था, जो मैदानी इलाकों में उगता था। वहीं, दूसरे का नाम गोला था, क्योंकि वो आकार में गोल होते थे और तीसरे आलू का नाम साठा था, क्योंकि वो 60 दिन बाद उगता था।

भारत की चौथी सबसे ज्यादा पैदावार वाली खाद्य फसल है आलू

भारत में आने से पहले भी आलू की पैदावार की जाती थी। यूरोप के साथ-साथ अमेरिका जैसी जगहों पर भी आलू मौजूद था। वहीं, उस वक्त रूस में आलू को 'शैतान का सेब' कहा जाता था। आज सबसे ज्यादा आलू चीन में पैदा होता है, जबकि इसके बाद रूस और भारत का नंबर आता है। दुनिया में गेहूं, चावल और मकई के बाद आलू ही एक ऐसी खाद्य फसल है जो पैदा की जाती है।

सेहत के लिए है सबसे अच्छा

आलू खाने में तो स्वादिष्ट होते ही हैं इसमें कई सेहतमंद गुण भी होते हैं। कई पौष्टिक तत्वों के साथ आलू में सबसे अधिक स्टार्च पाया जाता है। आलू में पोटेशियम और विटामिन ए की भरपूर मात्र होती है। इसके अलावा आलू में मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और जिंक भी होता है। ये आपके शारीर को तुरंत एनर्जी देते हैं। इसके अलवा आलू में कई प्रकार के एंटीओक्सिडेंट पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से शरीर की रक्षा करते हैं। सिर्फ यही नहीं आलू आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। 

ये हैं आलू के 8 फायदे

1. भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध दूर करता है। आलू में पोटेशियम होता है जो अम्ल-पित्त को घटाता है।

2. चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर नित्य खाने से से गठिया ठीक हो सकता है।

3. आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है। आलू का प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाला और बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने वाला होता है।

4. आलू में कैल्शियम, लोहा, विटामिन-बी तथा फास्फोरस बहुतायत में होता है। आलू खाते रहने से रक्त वाहिनियां बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती हैं तथा कठोर नहीं होने पातीं।

5. दो-तीन आलू उबालकर छिलके सहित थोड़े से दही के साथ खा लिए जाएं, तो ये एक संपूर्ण आहार का काम करते हैं।

6. चोट लगने पर नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाने से फायदा होता है।

7. जलना, तेज धूप से त्वचा झुलसना, त्वचा पर झुर्रियां या त्वचा रोग होने पर कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।

8. गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर, बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से, गुर्दे की पथरियां और रेत आसानी से निकल जाता हैं।

(फोटो- पिक्साबे)

Web Title: History of Potato in India and its Health Benefits

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