सावधान! इन लोकप्रिय सब्जियों में हो सकते हैं दिमाग खा जाने वाले कीड़े, बचने के लिए जरूर करें ये उपाय

By गुलनीत कौर | Published: November 3, 2018 11:57 AM2018-11-03T11:57:40+5:302018-11-03T11:57:40+5:30

पोर्क टेपवार्म जब पेट में जाता है तो यहां अंतड़ियों को चिपक जाता है। इसके बाद यहां अंडे बनाना शुरू कर देता है।

Beware of using these vegetables having tapeworm which infects brain, Know how to easily remove tapeworm from veggies | सावधान! इन लोकप्रिय सब्जियों में हो सकते हैं दिमाग खा जाने वाले कीड़े, बचने के लिए जरूर करें ये उपाय

सावधान! इन लोकप्रिय सब्जियों में हो सकते हैं दिमाग खा जाने वाले कीड़े, बचने के लिए जरूर करें ये उपाय

फूल गोभी और पत्ता गोभी, इन दो सब्जियों में छोटे छोटे हरे रंग के धागे जैसे कीड़े होते हैं। ये कीड़े इतने छोटे होते हैं कि कई बार साधारण आंखों से दिखाई भी नहीं देते और ना चाहते हुए भी हम इन्हें सब्जी के साथ पकाकर खा जाते हैं और अंत में अपने दिमाग के लिए एक बड़ा ख़तरा पैदा कर लेते हैं। 

विभिन्न शोध में यह सामने आया है कि इस तरह की सब्जियों में पाए जाने वाले हरे रंग के कीड़े, जिन्हें 'टेपवार्म' कहा जाता है, ये अधिक से अधिक तापमान को भी सहन कर सकते हैं। इनके जीवाणु खाए जाने के बाद भी शरीर में जाकर खत्म नहीं होते और धीरे धीरे दिमाग तक पहुँचने का रास्ता बना लेते हैं।

इस तरह दिमाग तक पहुंचते हैं ये कीड़े

टेपवार्म एक ऐसा कीड़ा होता है जो सब्जियों में चिपका होता है। साधारण आंखों से पकड़ में ना आने वाला यह कीड़ा पेट में जाने के बाद रक्त-वाहिका से दिमाग तक पहुँचने का काम करता है। 

टेपवार्म के विभिन्न प्रकार में से सबसे खतरनाक होता है 'पोर्क टेपवार्म'। यह मांस पर लगा हुआ कीड़ा होता है जो सब्जियों पर भी लग जाता है। यह साधारण हरे कीड़े से भी अधिक पतला और बिलकुल धागे जैसा होता है। इसका दिख पाना असंभव जैसा ही होता है।

पोर्क टेपवार्म जब पेट में जाता है तो यहां अंतड़ियों को चिपक जाता है। इसके बाद यहां अंडे बनाना शुरू कर देता है। ये अंडे जब टूटते हैं तो उनमें से निकलने वाले जीवाणु रक्त-वाहिका में बहते हुए दिमाग तक पहुंच जाते हैं और यहां आकर चिपक जाते हैं। 

धीरे धीरे बढ़ते हुए आकर में ये दिमाग को खोखला बनाने का काम करते हैं। इनके असर से बर्दाश्त ना होने वाला सिर दर्द, मिर्गी के दौरे और कई बार तो मौत तक का खामियाजा भी भुगतना पड़ जाता है। आइए आपको बताते हैं कि ये कीड़े किस तरह जानलेवा बन जाते हैं।

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टेपवार्म के असर का पहला स्टेज

अपने खतरनाक असर के पहले स्टेज में ये कीड़े दिमाग में दर्द को पैदा करते हैं। जिस वजह से बर्दाश्त के बाहर सिर दर्द होता है, इतना कि साधारण पेन किलर लेने के बावजूद भी जाता नहीं है।

टेपवार्म के असर का दूसरा स्टेज

दूसरे स्टेज में रोगी को मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। क्योंकि यह कीड़े दिमाग में जाकर चिपक जाते है और यहाँ की नसों को खोखला करना शुरू कर देते हैं। जिस तरह पत्ता गोभी को ये धीरे धीरे खाते हैं, उसी तरह से दिमागी कोशिकाओं पर भी अटैक करते हैं। 

टेपवार्म के असर का फाइनल और खतरनाक स्टेज

यह स्टेज रोगी को मौत तक ले जा सकता है। इस स्टेज तक आने तक दिमाग में सिस्ट यानी साधारण भाषा में कहें तो खून की गांठें बन जाती हैं। मरीज अचानक बेहोश हो जाता है। सर्जरी से इन गांठों को निकाल तो दिया जाता है लेकिन कुछ मामलों में इतनी देर हो जाती है कि यह परेशानी रोगी की जान ले लेती है।

सब्जियों से कैसे खत्म करें ये कीड़े?

सब्जी को काटने से पहले और बाद में भी गर्म पानी से धोना ही कीड़ों को अपने आप बाहर कर देने और मार देने का इलाज बताया जाता है। लेकिन विभिन्न शोधकर्ताओं के मुताबिक इस उपाय का कुछ ही प्रतिशत असर होता है। 

कई परिस्थितियों में बड़े कीड़े इस पानी में बहाकर निकल भी जाते हैं लेकिन छोटे जीवाणु और कीड़ों के अंडे सब्जी में ही चिपके रह जाते हैं। इन्हें निकालने के लिए गर्म पानी में थोड़ा 'पोटैशियम परमैंगनेट' का इस्तेमाल करना चाहिए। यह एक ही बहाव में कीड़ों और उनके अंडों को धोकर साफ कर देता है। 

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