अदालत ने डीयू के स्नातक पाठ्यक्रमों में पिछले साल के योग्यता मानदंड के आधार पर प्रवेश की अनुमति दी
By भाषा | Published: June 15, 2019 05:36 AM2019-06-15T05:36:19+5:302019-06-15T05:36:19+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को निर्देश दिया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में पिछले साल के योग्यता मानदंड के आधार पर प्रवेश हेतु आवेदन की अनुमति दी जाए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को निर्देश दिया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में पिछले साल के योग्यता मानदंड के आधार पर प्रवेश हेतु आवेदन की अनुमति दी जाए।
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने डीयू के स्नातक पाठ्यक्रमों में आवेदन हेतु छात्रों के लिए आवेदन तिथि 14 जून से बढाकर 22 जून करने का निर्देश दिया। इन दो निर्देशों के साथ, उच्च न्यायालय ने तीन याचिकाएं, दो जनहित याचिकाएं और एक छात्र के अनुरोध का निपटारा किया। इन याचिकाओं में बी.कॉम (आनर्स) और बी.ए. (आनर्स) अर्थशास्त्र सहित कई स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 2019-20 के योग्यता मानदंड में हाल में किये गये बदलावों को चुनौती दी गई थी।
इसमें गणित को सर्वश्रेष्ठ चार विषयों का हिस्सा होना जरूरी किया गया था। अदालत ने 17 पेज के अपने आदेश में कहा कि ये निर्देश डीयू को अपने स्नातक पाठ्यक्रमों के आगामी वर्ष के योग्यता मानदंड में बदलाव करने से नहीं रोकेंगे। लेकिन पीठ ने स्पष्ट किया कि योग्यता मानदंडों में बदलाव कानून के अनुरूप होना चाहिए जिसके तहत लोगों के लिए कम से कम छह महीने पहले सार्वजनिक नोटिस जारी करना जरूरी होगा। डीयू में प्रवेश के लिए पंजीकरण 30 मई को शुरू हुआ था और योजना के अनुसार इसे 14 जून को समाप्त होना था।
दो जनहित याचिकाओं और एक छात्र की याचिका में कहा गया कि छात्रों को जानकारी नहीं थी कि कुछ पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता मानदंड में 30 मई को पंजीकरण शुरू होने से एक दिन पहले बदलाव कर दिया गया। भाषा अनुराग उमा उमा